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कोविशील्ड’ को लेकर घबराने की जरूरत नहीं, पूरी तरह सुरक्षित : डॉ. सूर्यकान्त |
लखनऊ, 02 मई । कोविड से बचाव की वैक्सीन कोविशील्ड के दुष्प्रभावों की ख़बरों के बीच किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष और कोविड टीकाकरण के उत्तर प्रदेश के ब्रांड एम्बेसडर रहे डॉ. सूर्यकान्त का कहना है कि इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह इंजेक्शन पूरी तरह सुरक्षित है। इस तरह के टीकों का जो दुष्प्रभाव भी होता है वह तात्कालिक होता है, टीका लगने के एक महीने बाद उसकी भी गुंजाइश न के बराबर रह जाती है। Read Full Story......
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AstraZeneca
एस्ट्रराजेनेका ने बढा दी
हैं कोरोना वैक्सीन लेने वालों की धडकनें |
नई दिल्ली, 01 मई 2024 (UP
Samachar Sewa)।
कोरोना विरोधी वैक्सीन बनाने वाली विश्व
की मशहूर कंपनी
AstraZeneca
एस्ट्रराजेनेका
ने ब्रिटेन के उच्च
न्यायालय में शपथ पत्र देकर यह स्वीकार
किया है कि उसकी वैक्सीन के कुछ साइड
इफैक्ट हैं। इसमें
Thrombosis wth
Throbocytopenia Syndrome TTS
थ्रोम्बोसिस
थ्ररोम्बोसिसाइटिस सिंड्रोम भी शामिल है।
लेकिन रेयर में से भी रेयर है, यानि की
बहुत ही कम है। भारत में इसी वैक्सीन को
सीरम इंस्टीट्यूट आफ इण्डिया
Serum Institute of India
बना रहा है, जिसे बाजार
में कोविशील्ड
Covishield
नाम से जारी किया गया था। भारत में दो ही
वैक्सीन अधिक संख्या में लगाई गई थीं
इसमें कोविशील्ड सबसे अधिक मात्रा में
लगाई गई थी।
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विश्राम नहीं है शिथिलता |
जीवन है अभी और यही। जीवन है क्षण-क्षण
में, जीवन है पल-पल में, लेकिन मनुष्य का
चित्त सोचता है पीछे की, मनुष्य का चित्त
सोचता है आगे की। और यह जो चित्त का चिंतन
है जब काम से संबंधित होता है तो मनुष्य
का चित्त सोचता है उन काम-संबंधों के विषय
में, उन यौन अनुभवों sex experiences के
संबंध में जो पीछे घटित हुए हैं। और उन
यौन संबंधों की कल्पना करता है, जो आगे
घटित होंगे, हो सकते हैं,होने की आकांक्षा
है। और जब चित्त इस तरह के चिंतन में खो
जाता है पीछे और आगे, तो शारीरिक वीर्य कण
तो नष्ट नहीं होते,लेकिन जिस यौन ऊर्जा
sex energy की,जिस काम ऊर्जा की,जिस
साइकिक इनर्जी की मैंने बात कही है, वह
नष्ट होनी शुरु हो जाती है।
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घातक हो सकता है एंटीबायोटिक का अंधाधुंध
सेवन |
Publised
on : 23 May 2014 Time 19:20 |
लखनऊ। एंटीबायोटिक दवाइयों के अंधाधंुध
सेवन से वे न केवल बेअसर साबित हो रही हैं
बल्कि वे दुष्प्रभाव भी पैदा कर रही हैं।
इन दवाओं के अत्यधिक प्रयोग के कारण
स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्यायें पैदा हो
रही हैं।read
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ट्रामा से अब नहीं लौटाये जायेंग मरीज,
स्ट्रेचर की कमी से निजात |
Publised
on : 19 May 2014 Time 17:58 |
लखनऊ। केजीएमयू स्थित ट्रामा सेंटर से
मरीजों को अब वापस नहीं किया जायेगा। इसके
साथ ही अब ट्रामा से स्ट्रेचर की किल्लत
भी दूर हो गयी है। ट्रामा सेंटर में अभी
तक 60 स्ट्रेचर थे अब यह बढ़कर 90 हो गये
हैं। इससे मरीजों को कुछ राहत मिलेगी।
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KGMU: वेतन विसंगति को दूर करने के लिए
कमेटी गठित |
Publised
on : 19 May 2014 Time 17:55 |
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा
विश्वविद्यालय में शिक्षकों की वेतन
विसंगति को दूर करने के लिए कुलपति
प्रो.रविकांत की अध्यक्षता में एक कमेटी
का गठन किया गया है। इस समिति में शामिल
होने के लिए केेजीएमयू के कर्मचारी मांग
कर रहे थे। सोमवार को मुख्य चिकित्सा
अधीक्षक डा.एस.सी.तिवारी ने लारी
काॅर्डियोलाॅजी में शिक्षकों के वेतन
विसंगति दूर करने को लेकर बैठक की।
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लर्निंग डिस्एबिलिटी का उपचार है
होम्योपैथी में- डा. वर्मा |
Publised
on : 19 April 2014 Time 20:24 |
लखनऊ ।
यदि आपका बच्चा पढ़ने-लिखने, गणित लगाने,
बोलने, सुनने, पढ़ाई में मन लगाने, याद करने,
होमवर्क करने में कमजोर है तो परेशान होने
की जरुरत नही है क्योंकि होम्योपैथी में
ऐसी अनेक दवाईयां हैं जो आप के बच्चे की
पढ़ाई को दुरुस्त कर सकती हैं। यह जानकारी
केन्द्रीय होम्योपैथिक परिषद के सदस्य एवं
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा0 अनुरुद्ध
वर्मा ने दी।
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ट्रामा
में मिलेगा एडवांस लाइफ
सपोर्ट सिस्टम
|
Publised
on : 17 April 2014 Time 20:48 |
Lucknow लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विविद्यालय के
ट्रामा सेन्टर में मरीजों को शीघ्र ही
एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम की सुविधा
मिलेगी। ट्रामा सेन्टर में गंभीर अवस्था
में घायल व्यक्ति ही आते हैं। ऐसे में
मरीजों को इमर्जेन्सी ट्रीटमेंट की जरूरत
होती है। इस नयी सुविधा के तहत ट्रामा
सेन्टर की इमर्जेन्सी में ही वे तमाम
उपकरण मिलेंगे जो मरीजों को तत्काल
आवश्यकता होती है। इस नयी तकनीकि के तहत
इमरजेंसी में घायल मरीजों के लिए पोर्टेबल
वंेटिलेटर सहित अत्याधुनिक उपकरण इमरजेंसी
में ही लगाये जाएंगे, ताकि घायल मरीजों को
तत्काल बेहतर इलाज मिल सके।
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केजीएमयू के नए कुलपति प्रो, रविकांत ने
लिया चार्च |
Tags: Prof. Ravi Kant Vice Chanclor KGMU
Chowk Lucknow, AIIMS Bhopal, Maulana
Azad Medical College |
Publised
on : 10 April 2014 Time 22:38 |
Lucknow
लखनऊ 10 अप्रैल।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के नव
नियुक्त कुलपति प्रो.रविकान्त ने गुरुवार
को कार्यभार संभाल लिया। रविकांत इसके पहले
एम्स भोपाल में सर्जरी विभाग के प्रमुख
थे। इसके पहले वह दिल्ली के मौलाना आजाद
मेडिकल कालेज में भी सर्जरी के
विभागाध्यक्ष रहे हैं।
प्रो.
रविकांत ने कहा कि केजीएमयू एशिया का सबसे
बड़ा चिकित्सा विश्विविद्यालय है। चिकित्सा
शिक्षा के क्षेत्र में इसकी अलग पहचान है।
उन्होंने कहा कि मेरा यह प्रयास होगा कि
चिकित्सा की पढ़ाई को नई ऊँचाई तक ले जायें।
चिकित्सा शिक्षा के साथ- साथ मरीजों को
बेहतर चिकित्सा प्रदान कराना हमारा प्रयास
रहेगा। इसको विश्वस्तरीय शीर्ष चिकित्सा
संस्थान के रूप में प्रतिष्ठा दिलाई जायेगी। |
Health care:वायरल बुखार हो सकता है
जानलेवा
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Tags: Viral feaber, infaction |
Publised
on : 29 March 2014 Time: 18:25 |
नई दिल्ली, 29 मार्च। मार्च माह के मौजूदा
मौसम में वाइरल (वायरल) बुखार के मामले
कुछ ज्यादा ही बढ़ जाते हैं। वातावरणीय
कारकों और शारीरिक प्रतिरक्षा तंत्र में
होने वाले आंतरिक बदलाव के कारण ऐसा होता
है। वाइरल फीवर का जोखिम बच्चों, बुजुर्गों
और जटिल रोगों से पीड़ित लोगों में
सर्वाधिक होता है।
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यूपीपीजीएमई परीक्षा का परिणाम घोषित,
लड़कियों ने मारी बाजी |
UP PGME-2014, Dr Rooli Khan, Dr Salabh,
Dr Paritosh Singh, Dr Udai Singh, Dr
Rani Rana Bhatt, Dr Somya |
लखनऊ,
27 मार्च। यूपीपीजीएमई-2014 के परीक्षा
परिणाम को किंग जार्ज चिकित्सा
विश्वविद्यालय द्वारा गुरुवार को जारी कर
दिया गया। वर्ष 2014 के परीक्षा परिणाम
में लड़कियों ने अपनी काबिलियत का लोहा
मनवाते हुए महत्वपूर्ण स्थानों पर अपना
कब्जा जमा लिया। |
युवा भी हो रहे गठिया रोग के शिकार- प्रो.
आशीष |
लखनऊ, 27 मार्च। आजकल 30 से 40 वर्श के
युवाओं में भी गठिया रोग की षिकायतें आ रही
है। ऐसे में अगर इससे निजात पाने के लिए
30 से 40 वर्श के बीच अगर घुटना
प्रत्यारोपण जो व्यक्ति करा लेते हैं उन्हें
60 साल की अवस्था आने तक दुबारा
प्रत्यारोपण कराने की जरूतर पड़ती है। |
भारत में हर साल 50 लाख लोगों के होते हैं
हार्ट ब्लाकेज |
पुश्पगिरी हार्ट इन्सटीट्यूट केरल के
निदेषक डा.पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बताया
कि हार्ट ब्लाकेज की संभावनाएं तेजी से बढ़
रही हैं। 2015 तक साढ़े छः करोड़ लोगों में
हार्ट ब्लाकेज होने का खतरा है। ब्लाकेज
के कारण ब्लड सप्लाई प्रभावित होती है। इसी
कारण पी़िड़त को हार्ट अटैक हो जाता है।
डा. पंकज ने बताया कि हार्ट की बीमारी हर
उम्र के लोगों को हो सकती है। सामान्यतः
“ाहरों में 12 से 15 और ग्रामीण क्षेत्रों
में नौ प्रतिषत युवा भी हार्ट ब्लाकेज के
षिकार हो रहे हैं। |
दवा बिक्री के कड़े नियमों पर व्यापारियों
में रोष, हड़ताल 28 को
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लखनऊ, 26 मार्च। दवा बिक्री के कड़े नियमों,
फार्मासिस्ट की अनिवार्यता एवं नारकोटिक्स
ब्यूरों में आनलाइन रजिस्ट्रेशन के विरोध
में लखनऊ केमिस्ट एसोसियेशन 28 मार्च को
हड़ताल करेगा। शेड्यूल एच-1 के खिलाफ सूबे
के दवा करोबारी अपना कारोबार बंद कर हड़ताल
पर रहेंगे। इस बंदी को उत्तर प्रदेश
उद्योग व्यापार महासंघ के प्रदेश महामंत्री
अनिल वर्मा व राजाजीपुरम के अध्यक्ष उमेश
कुमार का भी समर्थन मिल रहा है। |
भारत में प्रतिवर्श 20 लाख नये मरीजों को
होती है टीबी |
Publised on : 22 March 2014 Time: 20:18 |
लखनऊ, 22 मार्च। भारत में हर वर्श दो लाख
20 हजार लोग टीबी की बीमारी के कारण दम
तोड़ देते हैं। वहीं देष में प्रतिवर्श 20
लाख नये मरीजों को टीबी हो जाती है। इनमें
से पाँच लाख लोग ऐसे होते हैं जो दूसरे
व्यक्तिों में संक्रमण फैलाते हैं। यह
जानकारी किंग जार्ज चिकित्सा
विष्वविद्यालय के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग
के प्रो. आर.ए.एस.कुषवाह ने दी। |
लोहिया अस्पताल में महिला की मौत पर परिजनों
का हंगामा |
लखनऊ, 21 मार्च। राजधानी के डा.राम मनोहर
लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती मरीज
की मौत पर “ाुक्रवार को परिजनों ने हंगामा
किया। त्रिवेणी नगर निवासी सरस्वती देवी
(75) पत्नी एस.आर.श्रीवास्तव को उनके
परिजनों ने गुरूवार की रात में पेट दर्द व
सांस लेने में दिक्कत होने पर लोहिया
अस्पताल की इमर्जेन्सी में भर्ती कराया
था।
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टीबी के प्रति लोगों को जागरूक करने के
लिए निकाली गई रैली |
लखनऊ, 21 मार्च। टी.बी. के प्रति लोगों को
जागरूक करने के लिए “ाुक्रवार को फातिमा
अस्पताल एवं सीबीसीआई-कार्ड (अक्षय
प्रोजेक्ट) के संयुक्त तत्वाधान में एक
रैली का आयोजन किया गया। रैली फातिमा
अस्पताल से लेकर फातिमा नर्सिंग स्कूल तक
निकाली गयी। रैली में 350 नर्सिंग छात्राएं
मलिन बस्तियों के निवासी, टीबी मरीज एवं
विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
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Tags:
विश्व ग्लूकोमा वीक 09 मार्च से 15 मार्च
BIG Beat Innvisivile Glucoma |
Publised on : 08 March 2014 Time: 20:34 |
UP
News. नई दिल्ली ः वल्र्ड ग्लूकोमा
पेशेंट एसोसिएशन के अनुसार दुनिया भर में
प्रत्येक वर्ष ग्लूकोमा से पूरी दुनिया
में प्रभावित होने वाले लगभग 68 प्रतिशत
संख्या भारतियों की है. दुर्भाग्यपूर्ण
आंकड़ा यह है कि प्रत्येक वर्ष 1.2 लाख
भारतीय हर साल इस बीमारी से अंधे हो रहे
है. ग्लूकोमा को दृष्टि का खामोश चोर इस
लिए कहा जाता है कि व्यक्ति को इसका पता
जब लगता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती
है. अक्सर ही इसका शिकार होने वालों की
दृष्टि को बचाना मुश्किल हो जाता है.
इसलिए लोगों की जानकारी बढ़ाने व उन्हें
हमेशा अपने आंखों के प्रति सतर्क रहने के
उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष मार्च के महिने
के सप्ताह में मनाया जाता है. वर्ष 2014
में इस काला मोतिया सप्ताह का विषय रखा गया
है - बिग (बीट इनविजिवल ग्लूकोमा).
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Brain
stroke:बिगड़ती जीवनशैली और धूम्रपान से बढ़
रहे मरीज |
Tags: kgmc lucknow, health news |
Publised on : 07 March 2014 Time: 20:29 |
UP News
लखनऊ, 07 मार्च। केजीएमयू के न्यूरो सर्जरी
विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. डा.राकेश
शुक्ला ने शुक्रवार को केजीएमयू में
प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि कैंसर और
ह्नदय रोग के बाद ब्रेन स्ट्रोक सबसे बड़ी
बीमारी है। उन्होंने बताया कि हर वर्ष एक
लाख से अधिक लोगों की मौत इस बीमारी के
कारण हो जाती है। इस बीमारी को लेकर लोगों
में भ्रम है और जागरूकता का अभाव है।
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Dr. Ravikant बने KUMU के VC |
Tags: King George Medical University
Lucknow |
Publised on : 01 March 2014 Time: 21:20 |
लखनऊ,
01 मार्च।
एम्स भोपाल के सर्जरी विभाग के प्रमुख डा.
रविकांत अब केजीएमयू के नये कुलपति होंगे।
वह प्रो. डीके गुप्ता का स्थान लेंगे,
जिनका कार्यकाल 14 अप्रैल को समाप्त हो रहा
है। नवनियुक्त कुलपति डा. रविकांत प्रो.
गुप्ता की सेवानिवृत्ति के बाद कार्यभार
संभालेंगे। |
Shatabdi Hospital KGMU गैस्ट्रो और न्यूरो
विभाग शिफ्ट |
Tags: KGMU News, Lucknow |
Publised on : 09 February 2014
Time: 22:19 |
लखनऊ, 09 फरवरी। किंग जार्ज
चिकित्सा विश्वविद्यालय के अन्तर्गत
शताब्दी अस्पताल में
गैस्ट्रोसर्जरी,न्यूरोसर्जरी तथा
ट्रांसप्लान्ट सर्जरी विभाग पूरी तरह
शिफ्ट हो गये हैं। गैस्ट्रोसर्जरी तथा
न्यूरोसर्जरी में 50-50 बेड है जिन पर
मरीजो को शिफ्ट किया गया है। यह विभाग
पूर्णतः क्रियाशील है। गैस्ट्रोसर्जरी तथा
न्यूरोसर्जरी में आज 06 आपरेशन भी किये गये
हैं। डे-केयर यूरोलाजी में भी मरीजों का
ईलाज शुरू हो गया है,इसके अतिरिक्त
ट्रांसप्लान्ट सर्जरी विभाग भी पूर्णतया
क्रियाशील है। गैस्ट्रोसर्जरी,न्यूरोसर्जरी
तथा ट्रांसप्लान्ट सर्जरी विभाग में मरीजों
की भर्ती की प्रक्रिया भी प्रारम्भ हो चुकी
है।
विगत 04 फरवरी को हुए लिवर ट्रांसप्लान्ट
एवं गुर्दा ट्रांसप्लान्ट के दो मरीज
वर्तमान में पूर्णतयः स्वस्थ है। इसमें से
एक मरीज ऐसा है जिसका लिवर एवं गुर्दा दोनों
का प्रत्यारोपण हुआ है। यह चिकित्सा
विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
डा.एस.एन. “ांखवार के अनुसार शताब्दी
अस्पताल में मरीजों को पैथालोजी की सुविधा
उपलब्ध कराने हेतु कलेक्शन सेंटर भी शुरू
हो गया है और जल्द ही यहॉं पर इन्डोस्कोपी
तथा ई0आर0सी0पी0 की सुविधाएं मिलना
प्रारम्भ हो जाएगी। अस्पताल में सर्जिकल
आई0सी0यू0 शीघ्र ही कार्य करना प्रारम्भ
कर देगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही यहां
पर आन्कोलॉजी विभाग भी शिफ्ट हो जायेगा। |
Cancer Medicine का
परीक्षण न कराने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज |
डाक्टर से दूर रहना है तो आंवला खाएं |
Tags: Amla
fruits,
Indian gooseberry, Phyllanthus emblica
एँब्लिक माइरीबालन' Ablic Miribalan |
Publised
on : 22 April 2012, Time: 11:17 |
Lucknow, 22 April 2012. (U.P.Web News
Service)
लखनऊ, (यूपी वेब न्यूज
सर्विस)। यदि आप डाक्टर से दूर रहना चाहते
हैं तो प्रतिदिन एक आंवला खाएं। आंवला गुणों
की खान है तथा सभी तरह के रोगों से लडऩे
के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता
है। यह विटामिन-सी का अद्भुत स्रोत है। एक
आंवले में संतरे के मुकाबले 20 गुना अधिक
विटामिन सी पाया जाता है। आयुर्वेद में
आंवला को विशेष स्थान प्राप्त है। आंवला
से ही आयुर्वेद का चमत्कारिक रसायन
च्यवनप्राश बनाया जाता है जोकि सभी तरह के
रोगों में लाभदायक होता है। आंवला को
आयुर्वेद रसायन मानता है।
आंवले को गूजबेरी के नाम से भी जाना जाता
है। आयुर्वेद विशेषज्ञों के अनुसार आंलवा
का विशेष गुण यह है कि वह पकाये जाने के
बाद भी अपने अन्दर मौजूद विटामिन सी को
बनाये रखता है। आंवले में क्रोमियम
बहुतायत में पाया जाता है जोकि डायबिटीज
में फायदेमंद है। क्रोमियम इंसुलिन बनाने
वाले सेल्स को एक्टिवेट करता है। आंवला की
एक विशेषता और है कि यह हरा हो या सूखा,
उबाला हुआ हो या या ताजा इसमें मौजूद
विटामिन सी कभी नष्ट नहीं होता। इसकी
अम्लता इसकी रक्षा करती है। आयुर्वेद की
चमत्कारिक रसायन च्यवनप्राश आंवला से ही
बनाया जाता है। जोकि कई तरह के रोगों में
लाभकारी है। आंवला खाने से शरीर की रोग
प्रतिरोधक क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
आंवला का सेवन त्वचा, नेत्र, बालों के रोगों
को दूर भगाता है। आंवला का एक गुण पौरुष
शक्ति बढ़ाने वाला भी है।
आंवला के लाभ-
-Best source of Vitemin-c is Amla
आंवला
-रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना
Incriesed body imunity by onla आंवला
- नेत्र,त्वचा और बालों को स्वस्थ्य बनाना
तथा इसे जुड़े रोगों को दूर भगना, आंवला
Prevent from eye,skin & Intestinal
disease
- पोरुष शक्ति को बढ़ाना
Aonla is helpful to Improve sex power
- सर्दी से जुड़े रोगों-खांसी, जुकाम
बुखार में लाभदायकय
Prevent in cough and cold related
problems
- हृदय रोग में लाभदायक
prevent from heart disease
- डायबिटीज को कंट्रोल रखना
helpful in control diabetes
|
Cancer की
चपेट में Indian youth |
Tags: Prof. Prabhat Jha, center for
global health, Torento University,
Canada |
Publised on :
31 March 2012, Time: 16:22
|
नई दिल्ली, 31
मार्च। (उप्रससे)। कैंसर इंडियन यंगस्टर्स
को शिकार बना रहा है। कनाडा की टोरेटो
यूनिवर्सिटी के सेंटर फार च्लोबल हैल्थ
रिसर्च के प्रोफेसर प्रभात झा ने अपनी
रिपोर्ट में यह बात कही है। यह बीमारी
भारत के गरीब युवाओं को अपनी चपेट में ले
रही है।
प्रो. झा ने कहा है कि इंडियन पोपुलेशन का
एक बड़ा वर्ग युवा है। जो लंबे समय से
तम्बाकू का सेवन करता आ रहा है। यही कारण
है कि देश के 40 प्रतिशत युवक और 20
प्रतिशत महिलाएं कैंसर से पीडि़त हैं।
पुरुषों में मुंह, लंज्स और पेट का कैंसर
होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।
|
खीरी के
शर्मा हत्याकाण्ड की जांच सीबीआई से कराने का
फैसला |
Lakhimpur Khiri: Health clerk's murder case refer
to CBI |
Tags: Mahendra Kumar Sharma, Health
clerk posted on CHC |
Publised on :
Friday, 03 May 2024 12:09:39 AM +0530 |
लखनऊ,
26 फरवरी। (यू.पी.
वेब न्यूज)।
Lucknow,
Feb. 2 6, 2012. (U.P.Web News).
लखीमपुर खीरी के स्वास्थ्यकर्मी महेन्द्र
कुमार शर्मा की हत्या के मामले की जांच
राज्य सरकार ने सीबीआई से कराने का फैसला
किया है। सरकार ने इस आशय का औपचारिक पत्र
आज भारत सरकार को प्रेषित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि महेन्द्र कुमार शर्मा का
शव सीएचसी पसगवां के सरकारी आवास में पाया
गया था। इस मामले की एफाईआर 17 फरवरी को
दर्ज की गई थी। जिसकी विवेचना कोतवाली सदर
लखीमपुर खीरी द्वारा की जा रही थी। गृह
विभाग के प्रवक्ता के अनुसार मृतक की पत्नी
श्रीमती मिथलेश शर्मा द्वारा मामले की
जांच सीबीआई से कराने की जांच की गई थी।
इसके अलावा मीडिया में भी इस प्रकरण पर
समाचार आ रहे थे। इसलिए मामले की निष्पक्ष
जांच हेतु सीबीआई से जांच का अनुरोध किया
गया है।
|
Nrhm scam: 23 घोटालेबाजों के यहां छापे
|
CBI carries out fresh searches at
22nd places in U.P.districts |
Tags:
National Rural Health Mission (NRHM)
scam ,
C.B.I Joint Directer Javeed Ahemad I.P.S. |
Publised on :
Friday, 03 May 2024 12:09:39 AM +0530 |
लखनऊ, 26 फरवरी। (उ.प्र.समाचार सेवा)।
Lucknow,
Feb. 21 , 2012. (U.P.Samachar Sewa).
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम)
घोटाले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने
शनिवार को भी छापेमारी का अभियान जारी रखा।
टीम ने प्रदेश के 11 जिलों में छापे मारे।
अक आरोपी के पटना स्थित आवास पर भी छापा
मारा गया है। छापे मुख्य चिकित्सा
अधिकारियों, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारियों
और प्रमुख डाक्टरों के आवासों पर मारे गए।
इन छापों में सीबीआई ने भारी संख्या में
दस्तावेज, कमप्यूटर हार्ड डिस्क्स, सी.डी.
और सम्पत्ति दस्वाजे बरामद किये हैं।
ज्ञातव्य है कि सीबीआई ने शुक्रवार को भी
घोटालेवाजों के 35 ठिकानों पर छापेमारी की
थी। इसमें शुक्रवार को ही सीबीआई ने चार
मामले भी दर्ज किये थे।
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो के संयुक्त
निदेशक आईपीएस जावीद अहमद के अनुसार
शनिवार को ही पटना निवासी डाक्टर विभूति
प्रसाद के आवास पर छापा मारा गया। वे
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में मुख्य
चिकित्सा अधिकारी के पद पर तैनात रहे थे।
फर्जी बिलों को उनके स्तर से भी स्वीकृति
दी गई थी। लखनऊ
में तीन, वाराणसी में सात, गोरखपुर में
दो, गोंडा में दो, बस्ती में एक, बहराइच
में एक, श्रावस्ती में एक, कानपुर में एक,
झांसी में एक, मेरठ में दो और गाजियाबाद
में एक स्थान पर छापे मारे गए। टीम के साथ
एंटी करॅप्शन, स्पेशल क्राइम ब्रांच और
संचार विशेषज्ञ भी थे। लखनऊ में डा.
हरिशचंद्रा, डा.आरएस वर्मा और डा.सिलोइया
के घर पर छापा मारा गया। डा.हरिशचंद्रा
कन्नौज में एसीएमओ हैं, जबकि डा. आरएस
वर्मा वाराणसी में सीएमओ रहे है।
डा.सिलोइया सीनियर कंसलटेंट पैथोलॉजी
गोरखपुर के पद पर तैनात है। सीबीआइ ने तीनों
के सीएमओ रहते दवा खरीद से जुड़े दस्तावेज
तलाशे। बहराइच के सीएमओ डा.हरि प्रकाश,
गोंडा के एसीएमओ डा.एके श्रीवास्तव व
डा.एसपी पाठक, बस्ती के सीएमओ डा.जीपी
वर्मा, गोरखपुर के सीएमओ डा.आरएम मिश्रा,
मेरठ के सीएमओ प्रेमप्रकाश, वाराणसी में
संयुक्त निदेशक डा.आरएन यादव, श्रावस्ती
के सीएमओ डा.सी प्रकाश के ठिकानों से
सीबीआइ को दवा सप्लायर रईस उर्फ गुड्डू
खान की फर्म के दस्तावेज हाथ लगे। इनके
लखनऊ और वाराणसी में बैंक लॉकर की जानकारी
मिली है। लॉकरों को खोलने की तैयारी की जा
रही है। वाराणसी में रह रहे बलिया के
सीएमओ पद से सेवानिवृत्त केएम तिवारी के
यहां से 11.45 लाख रुपये नगद, दवा खरीद के
फर्जी बिल हाथ लगे। केएम तिवारी, सी
प्रकाश, डा. हरिप्रकाश, आरएन मिश्रा से
सीबीआइ अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। किसी
को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
सीबीआइ सूत्रों के
मुताबिक जिन सीएमओ, एसीएमओ और डॉक्टरों के
यहां शनिवार को छापे मारे गए उन्हें दो
पूर्व मंत्रियों के विश्वासपात्र रहे दवा
विक्रेताओं की सिफारिश पर तैनाती दी गई
थी। बदले में दवा खरीद में लाभ पहुंचाया,
फर्जी बिलों को स्वीकृति दी गई। दवाओं का
ठेका दिलवाने में मदद की। सीबीआइ ने 22
जिलों में दवा आपूर्ति में 22 करोड़ रुपये
की जो अनियमितता पकड़ी है, उनमें इनकी भी
भूमिका सीबीआइ अधिकारी बता रहे हैं। इस
संबंध में कई अहम सबूत सीबीआइ के हाथ लगे
हैं।
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लिवर फाइब्रोंसिस में ट्रांसप्लांट
जरूरी TRANSPLANT IS
ONLY TREATMENT IN LIVER FIBROSIS SAYS PROF SAXENA
Tags: Liver fibrosis, Liver
transplant, SGPGI Lucknow, Prof. (Dr.) Rajan Saxena
Specialist & head Liver transplant unit,Prof. Shiv
Kumar Sarin, President Medical Council of India
(MCI), Prof.S.P.Kaushik, Workshop on Liver disease
at
Sanjay Gandhi Postgraduate Institute of Medical
Sciences (SGPGIMS), Lucknow
Publised
on : 2011-03-11
Time 09:50 IST ,
Last update: 2011-03- 11
Time 09:50 IST
लखनऊ, 11 मार्च। (यूपी
वेब न्यूज)। लिवर पर फाइब्रोसिस होने की स्थिति में
इसका ट्रांसप्लांट जरूरी हो जाता है। यह जानकारी संयज
गांधी स्नात्कोत्तर आयुर्विज्ञान चिकित्सा संस्थान (एसजीपीआई
) के लिवर ट्रांसप्लाटं यूनिट के प्रमुख प्रो.राजन
सक्सेना ने एक एक कार्यशाला में दी। पीजीआई में आयोजित
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए प्रो.सक्सेना ने कहा
कि ज्यादा अल्कोहल या किसी संक्रमण के चलते लिवर में
फाइब्रोसिस हो जाएं तो लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा कोई
विकल्प नहीं है। उन्होंने बताया कि लिवर फाइब्रोसिस की
स्थित में लिवर पर धब्बे हो जाते हैं तथा यह कड़ा
और निष्क्रिय हो जाता है। कार्यशाला में बताया गया कि
मोटापा घटाकर लिवर को स्वस्थ्य रखा जा सकता है।
कार्यशाला में मेडिकल काउन्सिल आफ इण्डिया के अध्यक्ष
प्रो.शिव कुमार सरीन, प्रो.एस.पी.कौशिक ने भी विचार
व्यक्त किये। |