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लखनऊ।
एंटीबायोटिक दवाइयों के अंधाधंुध सेवन से वे न केवल
बेअसर साबित हो रही हैं बल्कि वे दुष्प्रभाव भी पैदा
कर रही हैं। इन दवाओं के अत्यधिक प्रयोग के कारण
स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्यायें पैदा हो रही हैं।
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा.बी.के.एस.
चैहान ने बताया कि इनके अधिक इस्तेमाल से मुंह में
छाले,दस्त,पीलिया और शरीर में खुजली जैसी समस्यायें
उत्पन्न हो जाती है। उन्होंने बताया कि इससे होने वाली
समस्या को सूडोमैम्ब्रेनस कोलाइटिस कहलाती है।
डा.चैहान ने बताया कि बहुत से मरीजों में देखा जाता है
दवाइयां बंद करने पर वे स्वतः ठीक हो जाते हैं। इसलिए
पीड़ित मरीज को चिकित्सक जो दवा दे रहे है वह फायदा कर
रही है कि उसकी मानिटरिंग करना बहुत जरूरी होता है। यदि
दवा की मानिटरिंग न की जाए तो मरीज किसी दूसरे बीमारी
की गिरफ्त में आ सकता है। डा. बी.के.एस.चैहान ने बताया
कि आजकल लोग बिना डाक्टर की सलाह के बगैर अपने आप ही
दवा खरीद कर खा लेते है। इससे जीवाणुओं में इन दवाओं
के खिलाफ प्रतिरोधकर क्षमता विकसित हो जाती है और ये
एंटीबायोटिक दवायें बेअसर साबित हो जाती हैं।
डा. चैहान ने बताया कि कई चिकित्सक वायरल एवं फंगस से
होने वाली बीमारियों में भी मरीजों को एंटीबायोटिक
दवाओं का सेवन करने की सलाह देते हैं। जबकि इन बीमारियों
में इनकी कोई भूमिका नहीं होती है। आमतौर पर वायरल
बुखार पौष्टिक आहार एवं आराम करने पर स्वतः ठीक हो जाता
है। |