नई
दिल्ली, 23 जुलाई।
कैंसर की दवा
का परीक्षण करने से इनकार करने पर
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार
को कड़ी फटकार लगायी है। कोर्ट ने
कहा है कि निजी चिकित्सक द्वारा
खोजी गई कैंसर की दवा का परीक्षण
करने से इनकार करना अनुचित है। यदि
डाक्टर की दवा से ठीक होने का
प्रतिशत दस भी है तो यह अत्यन्त
महत्वपूर्ण है। इसका परीक्षण
सरकार को कराना चाहिए। सरकार यह
नहीं कह सकती है कि सरकारी
प्राधिकरणों मे निजी चिकत्सकों की
खोज का परीक्षण नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता के
अधिवक्ता से कहा है कि परीक्षण का
अनुमानित खर्च कोर्ट के खजाने में
जमा कर दें ताकि प्राधिकरणों को
इसकी भरपाई की जा सके। कोर्ट ने
सरकारी वकील को तीन सप्ताह में
जबाव दाखिल करने के निर्देश दिये
हैं। यह फैसला सुप्रीम की जस्टिस
बीएस चौहान और जस्टिस स्वतंत्र
कुमार की पीठ ने सुनाया है। याचिका
गुडगांव के एनजीओ वर्ल्ड
होम्योपैथिक डेवलपमेंट
आर्गनाइजेशन ने दायर की है।