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AstraZeneca एस्ट्रराजेनेका ने बढा दी हैं कोरोना वैक्सीन लेने वालों की धडकनें

 

लंदन उच्च न्यायालय में दिये शपथ पत्र में स्वीकारा वैक्सीन का साइड इफैक्ट

  Tags: Covid-19 Vacciene, Covishield, Astra Zeeca, Serum Istitute of India The Telegraph Lodon High Court
Publised on : 01.05.2024 Time: 19:33 Wedesday
 

नई दिल्ली, 01 मई 2024 (UP Samachar Sewa)। कोरोना विरोधी वैक्सीन बनाने वाली विश्व की मशहूर कंपनी AstraZeneca एस्ट्रराजेनेका  ने ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में शपथ पत्र देकर यह स्वीकार किया है कि उसकी वैक्सीन के कुछ साइड इफैक्ट हैं। इसमें Thrombosis wth Throbocytopenia Syndrome TTS थ्रोम्बोसिस थ्ररोम्बोसिसाइटिस सिंड्रोम भी शामिल है। लेकिन रेयर में से भी रेयर है, यानि की बहुत ही कम है। भारत में इसी वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट आफ इण्डिया Serum Institute of India बना रहा है, जिसे बाजार में कोविशील्ड Covishield नाम से जारी किया गया था। भारत में दो ही वैक्सीन अधिक संख्या में लगाई गई थीं इसमें कोविशील्ड सबसे अधिक मात्रा में लगाई गई थी।

कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर लंदन के उच्च न्यायालय में एस्ट्रराजैनेका ने शपथ पत्र फरवरी माह में दिया गया था। इसे अब लंदन के समाचार पत्र द टेलीग्राफ ने प्रकाशित किया है। इस समाचार के प्रकाशन के बाद भारत में कोविशील्ड के साइड इफैक्ट और कोरेना से सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छिड गई है। हालांकि भारतीय डाक्टरों ने कहा है कि जो सूचना लंदन से आयी है वह कोई नई सूचना नहीं है हमारे पास पहले से यह जानकार है कि कुछ मामलों में कोरोना वैक्सीन का साइड इफैक्ट हो सकता है। लेकिन,यह वैक्सीन की पहली डोज लेने के 21 दिन या एक महीने के भीतर ही दिखायी देता है,उसके बाद नहीं। डाक्टरों का कहना है चिंता की कोई जरूरत नहीं है उन्होंने कहा कि कोई भी वैक्सीन जब बनती है तो उसके साइड इफैक्ट होते ही हैं, यहां तक कि हर दवा के साइड इफैक्ट हैं, पैरासिटामाल के भी साइड इफैक्ट होते हैं।

क्या है Thrombosis wth Throbocytopenia Syndrome TTS

थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटीपीनिया सिंड्रौम मानव शरीर में रक्त के थक्के बन्ने का कारण माना जाता है। इससे रक्त में प्लेटलेट्स कम होने का भी खतरा होता है जोकि जोखिम पैदा कर सकता है। हालांकि टीटीएस केवल वैक्सीन से ही नहीं होता बल्कि सामान्य स्थिति में भी हो सकता है, वैक्सीन लेने से पहले भी  लोगों में यह बीमारी देखने को मिल रही थी। इसका कोई सीधा सम्बन्ध वैक्सीन से नहीं है।

   

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News source: U.P.Samachar Sewa

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