लखनऊ।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में शिक्षकों की
वेतन विसंगति को दूर करने के लिए कुलपति प्रो.रविकांत
की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। इस
समिति में शामिल होने के लिए केेजीएमयू के कर्मचारी
मांग कर रहे थे। सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
डा.एस.सी.तिवारी ने लारी काॅर्डियोलाॅजी में शिक्षकों
के वेतन विसंगति दूर करने को लेकर बैठक की। केजीएमयू
कर्मचारियों की मांगों को मानते हुए सीएमएस ने कमेटी
में एक कर्मचारी अम्बरीश को शामिल कर लिया है। इस बाबत
जल्द ही एक प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी है।
केजीएमयू के शिक्षक लम्बे समय से एम्स व एसजीपीजीआई के
समान वेतनमान की मांग करते हैं। वैसे तो केजीएमयू को
शीर्ष चिकित्सा संस्थान का दर्जा प्राप्त है लेकिन यहाँ
के डाक्टरों को उस तरह की सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।
इसके कारण केजीएमयू से डाक्टरों का मोहभंग हो रहा है
और डाक्टर निजी सेवाओं की ओर रूख कर रहे हैं। केजीएमयू
में पैरामेडिकल स्टाफ का भी अभाव है और तमाम डाक्टर
दूसरे संस्थानों में जाने की तैयारी में है। इसलिए
केजीएमयू प्रशासन ने वेतन बढ़ोत्तरी के मामले को हल करने
में तेजी दिखा रहा है। केजीएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने
लोकसभा चुनाव के ऐन पहले भी वेतन बढ़ोत्तरी की मांग
उठाई थी। केजीएमयू के प्रशासनिक अमले में हुए बदलाव के
कारण केजीएमयू के डाक्टर और कर्मचारियों में आशा जगी
है। नये स्टाफ महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर बड़ी तेजी से
कार्य कर रहा है। |