लखनऊ।
केजीएमयू स्थित ट्रामा सेंटर से मरीजों को अब वापस नहीं
किया जायेगा। इसके साथ ही अब ट्रामा से स्ट्रेचर की
किल्लत भी दूर हो गयी है। ट्रामा सेंटर में अभी तक 60
स्ट्रेचर थे अब यह बढ़कर 90 हो गये हैं। इससे मरीजों को
कुछ राहत मिलेगी।
सोमवार को केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा.
एस.सी.तिवारी ने ट्रामा सेण्टर का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने ट्रामा सेण्टर प्रभारी
डा.शंखवार को सख्त हिदायत दी कि अब ट्रामा सेन्टर से
एक भी मरीज को वापस नहीं किया जायेगा। सीएमएस ने कहा
कि कुलपति प्रो. रविकांत का सख्त निर्देश है कि अब
ट्रामा सेन्टर से मरीजों की शिफ्टिंग प्रत्येक आठ घंटे
पर की जायेगी। इससे बेड खाली होते जायेंगे और मरीजों
को इलाज मिल सकेगा। सीएमएस डा. एस.सी.तिवारी पदभार
संभालने के बाद शताब्दी अस्पताल और ओपीडी बिल्डिंग का
निरीक्षण पहले कर चुके थे आज उन्होंने ट्रामा सेण्टर
का निरीक्षण किया।
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने केजीएमयू परिसर के अन्दर
रोड पर जितनी लाइटें लगी हैं सबको दुरूस्त करने के भी
निर्देश दिये हैं। परिसर के अन्दर खम्भे में जो बल्ब
लगे हैं उनमें अधिकांश खराब है इसलिए सीएमएस ने उनको
बदलने के निर्देश भी दिये है। इसके अलावा लाइटिंग
व्यवस्था को सुदृढ़ कराने के निर्देश दिये हैं। लाइट लग
जाने से रात में केजीएमयू की शोभा निराली लगेगी। ट्रामा
सेन्टर के प्रभारी डा. शंखवार ने बताया कि सीएमएस ने
आज ट्रामा का दौरा किया और यह कहा कि अब ट्रामा आने
वाले मरीजों के इलाज में जरा सा भी लापरवाही नहंी होनी
चाहिए। ट्रामा सेन्टर में स्ट्रेचर की किल्लत थी इससे
निजात पाने के लिए 30 स्टेªचर और बढ़ गये हैं। |