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Lucknow
लखनऊ, 06 फरवरी। राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
के सह सरकार्यवाह डा. कृश्ण गोपाल ने
प्रदेष की समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार पर
तीखा प्रहार करते हुए कहा कि सूबे की
सरकार बेषर्म हो गयी है। जो आतंकवादी
निर्दोश लोगों की हत्या व देष को अस्थिर
करने का ‘ाडयंत्र करते हैं, उन्हें छुड़वाने
की बात कर रही है और जागरुक समाज चुपचाप
है। कहा कि आंतवादियों को छुड़वाने की बात
करने वालों को फांसी की सजा दे दी जानी
चाहिए।
उक्त बातें संघ के
सह सरकार्यवाह डॉ गोपाल ने अखिल भारतीय
विद्यार्थी परिशद द्वारा निराला नगर स्थित
सरस्वती षिषु मंदिर परिसर में गुरुवार को
पूर्व कार्यकर्ता स्नेह मिलन समारोह को
सम्बोधित करते हुए कही।उन्होंने कहा कि आज
जो भारत है वह पहले ऐसा नहीं था। दुनियाभर
में हमारी पहचान ईमानदारी, प्रमाणिकता व
सत्यनिश्ठा की थी। जो भी यात्री भारत में
आये उन सबका एक जैसा ही विचार रहा। परन्तु
आज का भारत ऐसा हो गया, जैसा लगता है कि
पूरा देष बेईमान हो गया हो। उन्होंने चिंता
जताते हुए कहा कि आखिर भारत को किसकी नजर
लग गयी है। उन्होंने परिशद के कार्यकर्ताओं
को आह्वान करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा
चुनाव में सत्यनिश्ठ व प्रमाणिक भारत बनाने
का संकल्प लें। उन्होंने यह भी हिदायत दी
कि सफर काफी लम्बा है परन्तु रुकना नहीं
है।
संघ नेता ने परिशद के कार्यकर्ताओं को
जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि अभाविप एक
अभूतपूर्व संगठन है। इसकी कार्यपद्धति को
दुनिया के किसी छात्रसंगठन में देखने को
नहीं मिलता। इसका संबंध किसी राजनीतिक
पार्टी से नहीं है। कहा कि परिशद यानि
राश्ट्र के पुर्नरुथान व सर्वांगीण विकास
के लिए छात्रों के मनःमस्तिश्क में
देषभक्ति व राश्ट्रभक्ति का निर्माण करना
है।
उन्होंने भारत के संविधान पर प्रकाष डालते
हुए कहा कि देष को चलाने के लिए सारी
व्यवस्थाएं दी गयी, लेकिन दुर्भाग्य है कि
भारत का स्वरुप व आत्मा क्या है? हमारी
परम्परा क्या है? हमारी बहुमूल्य थाती क्या
है? हमारा देष दुनिया के किस धरती पर खड़ा
है? विष्व जगत के लिए हमारी भूमिका क्या
है? ऐसे कई सवाल हैं जिससे संविधान अछूता
है। कहा कि संविधान में षिक्षा का
उद्धेष्य कया है? यह भी निर्धारित नहीं
किया गया। उन्होंने डॉ. सम्पूर्णानन्द के
एक कथन का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने
तत्कालीन प्रधानमंत्री पं0 नेहरु से कहा
था कि संविधान में राश्ट्र का दर्षन रखना
चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने
बल देते हुए कहा कि राश्ट्र, षिक्षा व
व्यक्ति का उद्धेष्य तीनों अलग-अलग नहीं
है बल्कि एक ही है। लेकिन दुर्भाग्य है कि
हमारा विद्यार्थी पतवार विहिन हो गया है।
षिक्षा लेने के बाद विद्यार्थी को पता नहीं
कि मुझे करना क्या है।
अल्पसंख्यक के नाम पर देष का विभाजन
करना चाह रही केन्द्र सरकार
केन्द्र की यूपीए सरकार पर हमला बोलते हुए
डॉ0 कृश्ण गोपाल ने कहा कि इस सरकार ने
देष की हजारों साल की प्रतिश्ठा को चोट
पहुंचाया है। हम दुनिया में बेईमान व
भ्रश्ट बन गये हैं। इस सरकार ने सच्चर
कमेटी के द्वारा देष को विभाजन के रास्ते
पर लाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने सच्चर
कमेटी की रिपोर्ट को मुस्लिग लीग का
रिपोर्ट बताया।
उन्होंने प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी
प्रहार करते हुए कहा कि देष के संसाधन पर
पहला अधिकार मुसलमान का है। एक वर्ग विषेश
को एक प्रतिषत ब्याज पर कर्ज, “ोश को 11
प्रतिषत ब्याज पर कर्ज, यह देष में नहीं
होना चाहिए। केन्द्र व तमाम क्षेत्रीय
पार्टियों पर आरोप मढ़ा कि ये पार्टियां
अल्पसंख्यक के नाम पर देष का विभाजन करना
चाहिए। उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में
देष की देषभक्त “ाक्तियों को इकठ्ठा करने
पर बल दिया।
संघ नेता ने सेकुलज्मि व कम्युनिज्म पर
प्रहार करते हुए कहा कि हिन्दु समाज की ही
देन है सेकुलर समाज। उन्होंने कहा कि
दुनिया में हिन्दु के अलावा कोई सेकुलर नहीं
हो सकता। कहा कि हमारा देष चाहा होता तो
1947 में भारत को हिन्दु राज्य या हिन्दु
राश्ट्र घोशित कर सकता था लेकिन ऐसा नहीं
किया। परन्तु दुर्भाग्य है कि हिन्दु की
बात करना धार्मिक उन्माद हो गया है।
आगामी लोकसभा चुनाव में
कौन चुनकर आये यह देष के देषभक्त नागरिकों
को तय करना होगा।
देष की राजनीति जादुगरी का अड्डा बन गया
देष की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था पर
प्रहार करते हुए संघ नेता ने कहा कि जाति,
धर्म, धन की लालच, गुण्डागर्दी, “ाराब
समेत विभिन्न प्रकार के अनैतिक हथकण्डे
अपनाकर चुनाव जीतना आम हो गया है। ऐसा लगता
है कि वर्तमान राजनीति जादुगरी का अड्डा
बन गया है। उन्होंने लोकतांत्रिक साक्षरता
की जरुरत पर बल दिया।
देष मजाक व उपहास का विशय बन गया
उन्होंनेे कहा कि केन्द्र की यूपीए सरकार
के करतुत के कारण दुनिया में भारत मजाक व
उपहास का विशय बन गया है। उन्होंने परिशद
से जुड़े पूर्व कार्यकर्ताओं को ऐसे
राजनीतिक पार्टियों व राजनेताओं को सबक
सीखाने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा
कि ऐसे नेताओं को ठीकाने लगाने का समय आ
गया है।
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