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Sultanpur,
सुल्तानपुर 15 अप्रैल।
जनसभा को सम्बोधित करते हुए वरूण गांधी ने
कहा कि देश को अगर कोई आगे ले जा सकता है
वह नाम है नरेन्द्र मोदी। आज देश को एक
मजबूत नेता की जरूरत है। नेता ऐसा होना
चाहिए जो मान-सम्मान के साथ देश में एकता
कायम रख सके।
श्री गांधी अपने नामांकन के बाद सुलतानपुर
नगर में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा
कि मैं मर्यादित राजनीति करता हंू। मैंने
दूसरों के मान-सम्मान को हमेशा अपना
मान-सम्मान माना है। इस पिछले दशक में,
मैंने अपने भाषणों में किसी भी व्यक्ति को
लेकर, चाहे मेरे परिवार का कोई सदस्य रहा
हो या अन्य किसी राजनैतिक दल का कोई
वरिष्ठ नेता। मैंने मर्यादा की लक्ष्मण
रेखा कभी पार नहीं की। मैं इतना कहूंगा कि
मेरी निहित शालीनता और उदारता को मेरी
कमजोरी न समझा जाये।
उन्होंने कहा कि मैंने सदैव सिद्धान्तों
पर आधारित राजनीति की है जो समकालीन
महत्वपूर्ण मुद्दों पर केन्द्रित हो। मेरा
सभी से यह आग्रह है कि हम व्यक्तिगत
आक्षेप लगाने के बजाय बेराजगारी,
भ्रष्टाचार, गरीबी, निरक्षरता जैसे मुद्दों
पर चर्चा करें। विचार-विमर्श के स्तर
गिराने के बजाय इसे ऊंचे स्तर पर ले जायें।
जब हम व्यक्तिगत निंदा की राजनीति पर
केन्द्रित होते हैं तो अपने समकालीन
महत्वपूर्ण मुद्दों से भटक जाते हैं। यदि
भारत को एक आशावादी राजनीति की तरफ बढ़ाना
है तो हमें बहस का सतर ऊंचा उठाना होगा।
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कि आजकल
मेरे रास्ते बदल जाने की बात कही जा रही
है। मैंने अपने रास्ते से हमेशा देश के
रास्ते को अधिक महत्वपूर्ण समझा है। अपने
जीवनकाल में यदि राष्ट्र निर्माण में
रचनात्मक योगदान दे पाने में समर्थ हो पता
हंू तो अपने जीवन को सार्थक समझूगां।अपने
सम्बोधन में वरूण ने कहा कि आज मेरे लिए
भावुक दिन है। एक नया अध्याय शुरू हो रहा
है। स्व. पिता संजय गांधी की याद आ रही
है। मैंने उन्हें देखा नहीं है क्योंकि जब
उनकी मृत्त्यु हुई थी तब मैं 100 दिन का
था। मेरे पिता की कमी को आप लोगों ने पूरी
कर दी है।
वरूण ने कहा कि मैं जहां जाता हंू तो वहां
के लोग मेरे पिता के बारे में कहते हैं कि
संजय जी होते तो देश की तस्वीर कुछ और होता।
उनका सपना बहुत बड़ा था। पिता जी को देश की
सेवा करने समय कम मिला। अटल जी ने मुझे
राजनीति में लाया। आज वह स्वस्थ नहीं हैं
फिर भी वह मेरे दिल हैं। लालकृष्ण आडवाणी,
राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडगरी
ने मुझे बहुत सहयोग दिया है। लोग मुझसे
पूछते हैं कि आप रिश्तों की बात क्यों नहीं
करते। मैंने कहा मुझे अपने काम से फुरसत
नहीं। मैंन इस तरफ ध्यान नहीं देता। लोगों
ने पिछली बार भी मुझसे पूछा था कि अमेठी,
रायबरेली में चुनाव प्रचार करने जायेंगे।
मैं संजय गांधी का बेटा हंू। एक बार जब
मैंने कह दिया कि अमेठी और रायबरेली में
चुनाव प्रचार करने नहीं जाऊगां तो नहीं
जाऊगां। मैं बात का बहुत पक्का आदमी हंू।वरूण
गांधी ने आगे कहा कि वंशवाद का कम करना
होगा। हम जैसे लोगों की जिम्मेदारी और
अधिक है कि सामान्य लोगों को भी आगे आने
का मौका दें। विधानसभा, जिला पंचायत व
प्रमुख के चुनावों में सामान्य लोगों आगे
का रास्ता बनायें।
वरूण गांधी ने की रोड शो वरूण गांधी आज
प्रातः 10 बजे शहर के शास्त्रीनगर स्थित
आवास से नामांकन के लिए निकले तो रास्ते
भर में उनका गर्मजोशी से यहां की जनता ने
गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा कर स्वागत
किया। लगभग दो किलो मीटर की यात्रा के बाद
वरूण गांधी के काफिले को आगे जाने से रोक
दिया गया। इसके बाद वह सीधे कलेक्टेªट
पहंुचकर मुर्हुत के अनुसार 11 बजकर 20
मिनट पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया।
इनके प्रस्ताव के रूप में भाजपा
जिलाध्यक्ष करूणाशंकर द्विवेदी, जानेमाने
शल्य चिकित्सक डाॅ. एके सिंह, वरिष्ठ
फिजीशियन डाॅ. आरए वर्मा व सरकोडा के
ग्राम प्रधान अशोक यादव थे। नामांकन करने
के बाद वरूण गांधी पुनः अपने अधूरे रोड शो
को पूरा करने के लिए चैक, जीएन रोड होते
हुए वह सुपर मार्केट में आयोजित जनसभा में
पहंुचे।
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