लखनऊ,
15 मार्च। (उ.प्र.समाचार सेवा)। Lucknow,
15
March 2012, (U.P.Samachar Sewa).
प्रदेश में अखिलेश यादव की ताजपोशी
हुए अभी कुछ ही घण्टे बीते हैं लेकिन
आने वाली सरकार में समाजवादियों का
क्या रवैया होगा मंच पर उसकी एक झलक
देखने को मिल गई। शपथ ग्रहण समारोह के
दौरान भी ऐसा देखा गया। सपा
कार्यकर्ताओं को रोकने और अनुशासन में
रहने के लिए बार-बार मंच से आग्रह किया
जाता रहा लेकिन उत्पात की कशमशाहट को
कितनी देर दबाया जा सकता था और फिर जो
कुछ भी हुआ उसने अखिलेश यादव के वादों
को तार-तार कर दिया इससे एक बात और
सामने आ गई कि आने वाले दिनों में
राजनीति की दिशा क्या होगी।
अपने उत्पातों के लिए जाने-जाने वाले
सपा कार्यकर्ताओंं के कारण हमेशा
सुर्खियों में सपा आज फिर अपने पुराने
दिनों की तरफ लौटती दिखी जैसे ही
समारोह समाप्त हुआ वैसे ही सैकड़ों
कार्यकर्ता मंच पर चढ़ कर डांस करने
लगे। मंच पर बढ़ती भीड़ को और हुड़दंग
को देखते हुए कुूछ पुलिस वाले स्थिति
को संभालने पहुंचे लेकिन स्थिति में
कोई सुधार नहीं हुआ नतीजन मंच पर रखी
कुर्सियां तोड डाली गई तथा सजावट के
सारे सामानों को मटियामेट कर दिया गया
इसी बीच कुछ पुलिस वाले भी सपाईयों का
साथ देते हुए लोगों की हाथ हिलाकर अपनी
मौजुदगी का अहसास कराते रहे लेकिन
हुडदंगियों को शान्त कराने का कोई
प्रयास नहीं किया। जब भीड़ और बढ़ी तो
शपथ लेने के लिए रखे गए माइकों को भी
नीचे ढकेल दिया गया। शपथ ग्रहण के पहले
भी कई कार्यकर्ताओं को बैरिकेड तोडक़र
वर्जित क्षेत्र में घुसते हुए देखा गया।
इस धक्कामुक्की की वजह से समारोह में
आए अतिथियों को बहुत मुश्किल से
समारोह स्थल से सुरक्षित निकाला गया।
अखिलेश यादव के शपध ग्रहण समारोह में
अव्यवस्था का आलम यह था कि
कार्यकर्ताओं ने वीआईपी गैलरी के
साथ-साथ प्रेस गैलरियों पर भी कब्जा
कर लिया। भारी संख्या में सपा
कार्यकर्ता प्रेस घैलरी में घुस गए।
इससे तमाम मीडिया और प्रेस कर्मियों
को बैठने की जगह नही मिली। इसी तरह
अधिकारियों और विश्षिजनों के साथ साथ
मनौनीत मंत्रियों के लिए आरक्षित
स्थानों, नवनिर्वाचित विधायकों और
सांसदों के स्थान पर भी कार्यकर्ता
काबिज हो गए। समारोह आरम्भ होने से
काफी पहले ही कार्यकर्ताओं को झुजुम
कालीदास मार्ग स्थित गेट नंबर एक की
व्यवस्था ध्वस्त करके अन्दर घुस आये।
इस गेट से सिर्फ मुख्यमंत्री, मंत्रियों,
वीआईपी, अधकिारियों और प्रेस को आना
था किन्तु यहां से तमाम कार्यकर्ता
पुलिस बल की कमी के चलते अन्दर घुस गए।
हालांकि इस गेट की व्यवस्था स्वयं
एडीजी कानून व्यवस्था सुबेश कुमार
सिंह संभाल रहे थे किन्तु इनकी मौजूदगी
में ही भीड़ अन्तह घुस गई।
कार्यकर्ताओं की भीड़ का रेला जब मंच
के पास पहुंचा तो यहां तैनात वरिष्ठ
अधिकारी भी असहाय नजर आये। अधिकारी
समझ ही नहीं पा रहे थ कि कैसे इन
कार्यकर्ताओं कोहटाया जाए। मंच के पास
भीड़ होने से वीआईपी, प्रेस ,मंत्री
और विधायको को अन्दर आने में भारी
दिज्कत का सामना करना पड़ा। यहां तक
कि जब स्वयं मनोनीत मंत्री मंच को ओर
बढ़े तो भारी भीड़ थी। इस स्थिति को
देखकर स्वयं नवनियुक्त मुख्यमंत्री
अखिलेश यादव भी दंग थे। उन्हों ने मंच
पर पहुंचते ही व्यवस्था को सुचारु करने
के निर्देश अधिकारियो को दिये। साथ ही
स्वयं कार्यकर्ताओं से अनुसोरध किया
कि वे मचं के पास से हट जाएं और
व्यवस्था बनाये रखें। मचं संचालन कर
रेह सपा नेता बार बार कार्यकताओं से
अनुशासन बनाये रखने का अनुरोध कर रहे
थे। वे कार्यकताओं को निर्देस दे रहे
कि वे निधारित गैलरियों खाली कर दें।
यह स्थिति मुख्यमंत्री आवास पर भी रही।
यहां डेढ़ बजे मुख्यमंत्री की प्रेस
कांप्रेस के लिए पत्रकारों को अन्दर ाजना
था किन्तु गेट पर कार्यकर्ताओं की भारी
भीड़ पहुंच गई। इससे मीडियाकर्मियों
को अन्दर घुसने में काफी मशक्कत करनी
पड़ी। सुरक्षाकर्मियों ने कई वरिष्ट
पत्रकारों के साथ धक्कामुक्की की।
सूचना विभाग के कई अधिकारियों के कहने
के बावजूद सुरक्षाकर्मी सपा
कार्यकर्ताओं के साथ साथ मीडिया के
लोगों को धकियाते रहे। बाद में मौके
पर बड़ी मुश्किल से पत्रकार
मुख्यमंत्री आवास में प्रेस पा सके।