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पर्यावरण
संरक्षण पुरस्कार से कांशीराम का नाम
हटाया |
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meeting |
News
source:Sarvesh Kumar Singh, from
U.P.Samachar Sewa |
Publised
on : 27 April 2012, Time: 21:23 |
Lucknow, 27 April 2012. (U.P.Web News
Service)
लखनऊ, 27 अप्रैल। (उप्रससे)।
पूर्व सरकार द्वारा मान्यवर कांशीराम के
नाम पर शुरु किये गए पुरस्कार का नाम
परिवर्तित कर दिया है। अब इस पुरस्कार से
मान्यवर काशीराम का नाम हटाकर इनके स्थान
पर वीर अब्दुल हमीद का नाम शामिल कर दिया
गया है। अब यह पुरस्कार वीर अब्दुल हमीद
के नाम पर होगा। शेष प्राविधान यथावत रखे
जाएगे।
ज्ञातव्य है कि पूर्ववर्ती मायावती सरकार
ने बसपा के संस्थापक और सांसद रहे मान्यवर
कांशीराम के नाम पर वन, वन्य जीव एवं
पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार योजना शुरु की
थी। इस योजना की समीक्षा आज प्रदेश के
मंत्रिमण्डल ने की। मंत्रिपरिष्द की बैठक
में इस योजना में पुरस्कार से महापुरुष के
नाम में परिवर्तिन कर दिया गया।
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रिटायर
कैबिनेट और चीफ सेक्रेट्री को ड्राइवर
चपरासी की सुविधा समाप्त |
Tags: U.P Cabinet
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source:Sarvesh Kumar Singh, from
U.P.Samachar Sewa |
Publised
on : 27 April 2012, Time: 21:23 |
Lucknow, 27 April 2012. (U.P.Web News
Service)
लखनऊ, 27 अप्रैल। (उप्रससे)।
प्रेदश सराकर ने आज पूर्व नौकरशाह और
मायावती सरकार में खासमखास रहे कैबिनेट
सचिव को सेवानिवृत्ति के बाद भी अतिरिक्त
सुविधाएं देने के फैसले को बदल दिया है।
इस फैसले के बाद प्रदेश के चीफ सेक्रेट्री
और कैबिनेट सेक्रेट्री को रिटायर होने के
बाद अनुमन्य चपरासी और ड्राइवर की आजीवन
सुविधा को समाप्त कर दिया है। यह निर्णय
आज कैबिनेट की बैठक में स्वीकृत हुआ।
ज्ञातव्य है कि पिछली सरकार ने एक फैसला
करके सेवानिवृत्त मुख्य सचिव और कैबिनेट
सचिव को आकस्कमिक कार्यों के सम्पादन हेतु
एक घरेलू सेवक व वाहन चालक की सुविधा
अनुमन्य कर दी थी। इस फैसले पर आज प्रदेश
के मंत्रिमण्डल ने पुनर्विचार किया और इसे
औचित्यहीन पाया। इसलिए फैसला लिया गया कि
5 मार्च 2012 को जारी शासनादेश को निरस्त
कर दिया जाए।
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यूपीःअब
सिर्फ चीफ सेक्रेट्री ही बनेंगे कैबिनेट
सेक्रेट्री |
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Tags: U.P Cabinet
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News
source:Sarvesh Kumar Singh, from
U.P.Samachar Sewa |
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Publised
on : 27 April 2012, Time: 21:22 |
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Lucknow, 27 April 2012. (U.P.Web News
Service)
लखनऊ, 27 अप्रैल। (उप्रससे)।
उत्तर प्रदेश में अब मुख्य सचिव के अलावा
अन्य कोई अधिकारी मंत्रिपरिषद् के सचिव नहीं
हो सकेगा। प्रदेश के मंत्रीमण्डल ने आज
बैठक करके उस पारविधान को समाप्त कर
दिया जिसके अन्तर्गत मुख्य सचिव के अलावा
किसी अन्य अधिकारी को भी मंत्रिपरिषद् का
सदस्य बनाया जा सकाता था। इसके लिए प्रदेश
सरकार ने सचिवालय अनदेश - 1982 में संशोधन
का निर्णय लिया है।
सरकार ने मंत्रिण्डल की बैठक में आज
अनुदेश संख्या 5 के प्राविधान को संशोधित
करते हुए शब्द " कोई कोई अन्य अधिकारी"
अंश को हटाने का फैसला किया है। इस संधोधन
के फलस्वरूप अब मुख्य सचिव ही भविष्य में
मंत्रिपरिषद् के सचिव होंगे।
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कैबिनेट की पहली बैठक में सपा
सरकार ने पूरे किये तीन वादे |
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बेरोजगारों को भत्ता, छात्र-छात्राओं
को लैपटाप देने का निर्णय
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यूनिवर्सिटी
और कालेजों में स्टूडेंट यूनियन बहाल
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बेरोजगार नौजवानों के लिए
बेरोजगारी भत्ते की व्यवस्था |
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10वीं पास छात्र-छात्राओं
को निःशुल्क टैबलेट पीसी एवं
12वीं पास छात्र-छात्राओं
को लैपटाॅप
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कक्षा 10 पास मुस्लिम
बालिकाओं को आगे की शिक्षा
ग्रहण करने अथवा विवाह हेतु
30,000 रुपये का अनुदान
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पुलिस आरक्षी तथा मुख्य
आरक्षी की तैनाती अब गृह
जनपद के समीपवर्ती जनपदों
में भी हो सकेगी |
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लखनऊ शहर के प्रमुख
चैराहों पर सी0सी0टी0वी0
कैमरे लगवाने का निर्णय |
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कब्रिस्तानों की
चहारदीवारी का निर्माण कराने
का फैसला |
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पुनर्जीवित होंगे छात्र
संघ: मुख्यमंत्री श्री
अखिलेश यादव |
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source: U.P.Samachar Sewa |
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