प्रतापगढ
(उप्रससे)।
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री
और कुण्डा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह की अगुवाई मेँ
रविवार को 101 जोडोँ ने अग्नि के सात फेरे लेकर सात जन्मों
के बंधन को अंगीकार कर लिया। इस मौके पर मंगल गीतों से
पूरा कस्बा गुँजायमान रहा तथा राजा भैया यूथ ब्रिगेड के
कार्यकर्ता व्यवस्था में लगे रहे।कार्यक्रम "योगीराज
देवरहा बाबा चैरिटेबल ट्रस्ट" के सौजन्य से बजरंग
महाविद्यालय के प्रांगण में राजा भैया यूथ ब्रिगेड के
सहयोग से धूमधाम से सम्पन्न हुआ। सामूहिक मांगलिक
कार्यक्रम के लिए बजरंग महाविद्यालय, टीपी इंटर कालेज तथा
रानी गिरिजा देवी इंटर कालेज को दुल्हन की तरह सजाया गया
था। पखवारे भर से चल रही तैयारियों की देखरेख का जिम्मा
हरिओम शंकर श्रीवास्तव के पास था, जिन्होंने पूरी लगन
के साथ काम किया। रोड लाईट, बैण्ड बाजों, डीजे की धुन तथा
आतिशबाजी के बीच थिरकते बाराती आगे बढे तो स्वागत का थाल
लेकर राजा भैया सबसे आगे खडे मिले। सामूहिक विवाह में हर
जाति वर्ग के गरीब असहाय की कन्याओं के हाथ पीले कराये
गये। सामूहिक विवाह समारोह में तीन निकाह भी कराया गया।
राजनेताओं सहित अफसरों ने भी सामूहिक विवाह समारोह में
शिरकत किया तथा राजा भैया के कार्यो की खुलकर सराहना किया।
समारोह की सफलता के लिए लोगों की जिम्मेदारी चार जोन में
बांटकर तय की गयी थी। इस मौके पर विधान परिषद् सदस्य
अक्षय प्रताप सिंह, पूर्व सांसद शैलेन्द्र कुमार, विधायक
बाबागंज विनोद सरोज, पूर्व मंत्री राजेन्द्र यादव,
अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक के एन ओझा, जिला पंचायत
अध्यक्ष उमा शंकर यादव, प्रमुखपति बाबागंज हितेश प्रताप
सिंह 'पंकज', प्रमुख कुण्डा संतोष सिंह, प्रमुख
कालाकांकर बीएन सिंह, प्रमुख बिहार अनुभव यादव पप्पू ,
डीडीसी प्रफुल्ल सिंह , सत्येन्द्र सिंह, रोहित सिंह,
छविनाथ यादव, इन्द्रदेव पटेल, घनयाम यादव, जगदेव गौतम
सहित अनेक लोग मौजूद रहे।
तीन मुस्लिम जोडोँ के अलावा सामूहिक विवाह मेँ पटेल 26,
सरोज 18, धोबी 02, पाल 04, मौर्या 04, पथरकट 01, प्रजापति
10, धरिकार 01, नाई 03, निााद 02, यादव 06, हरिजन 06,
कहार 01, मुसहर 02, सोनकर 02, भुर्जी 02, नाई 03, विश्वकर्मा
02, तथा एक एक धुरिया, चौरसिया, दर्जी, मौर्य, धोबी सम्मिलित
हुये। सभी ने इस महान कार्य के लिए राजा भैया तथा उनके
परिवार के प्रति कृतज्ञता जाहिर किया। निकाह का अलग ही
मंडप बना था जहां काजी ने तीन मुस्लिम जोडोँ का निकाह
कराया।
विद्वान पुरोहितों ने धार्मिक रीति-रिवाज के साथ वैदिक
मंत्रोच्चार के बीच विभिन्न रस्में कराई।हजारों की संख्या
में आए बारातियों तथा अन्य आगंतुकों को पंगत में बैठाकर
भोजन कराया गया जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रतिनिधियों
के जिम्मे रही तथा ब्रिगेड के कार्यकर्ता पूरे समय डटे
रहे।