लखनऊ। वर्षों से निष्क्रिय पड़े
बैंक खातों से धोखाधड़ी हो रही
है। जालसाज बैंक कर्मचारियों से
मिलकर खातों से रकम उड़ा रहे
हैं। ऐसे ही एक मामले का खुलासा
शुक्रवार को स्पेशल टास्क फोर्स
ने राजधानी में किया है। यहां
बैंक आफ बड़ौदा की हीवेट रोड़ शाखा
से करीब 15 लाख रुपये की धोखाधड़ी
के आरोप में एसटीएफ ने एक बैंक
कर्मचारी समेत दो लोगों को
गिरफ्तार किया है। दोनों ने
स्वीकार किया है कि वे बैंकों के
निष्क्रिय खातों से रकम निकालते
रहे हैं।
निष्क्रिय बैंक खातों को एक्टीवेट
करने का खेल
एसटीएफ सूत्रों के अनुसार कुछ दिनों
पहले बैंक आफ बड़ौदा की हीवेट रोड
शाखा के स्व. महेश प्रसाद मिश्रा
के निष्क्रिय बैंक खाते से
14,59,850 रुपये निकाले गए थे। इस
खाते को पहले सक्रिय किया गया।
इसके बाद इसमें से रकम आरटीजीएस
के माध्यम से अन्य खाते में
ट्रांसफर कर दी गई थी। इस मामले
का मुकदमा कैसरबाग कोतवाली में
दर्ज हुआ। इस मामले की विवेचना
एसटीएफ को सौंपी गई थी। एसटीएफ के
एसएसपी अमित पाठक ने मामले की
जांच की जिम्मेदारी अपर पुलिस
अधीक्षक त्रिवेणी सिंह को सौंपी।
उन्होंने मामले की छानबीन की तो
पता चला कि बैंक के निष्क्रिय खातों
से रकम निकालने के काम में
संबंधित बैंक का कर्मचारी शामिल
है।
पूर्व वरिष्ठ प्रबंधक का बेटा है
जालसाज बैंककर्मी
एसटीएफ ने पूछताछ के बाद शुक्रवार
अपरान्ह कैसरबाग इलाके में नूर
मंजिल के पास से बैंक आफ बडौदा
शाखा हीवेट रोड के लिपिक अलीगंज
निवासी गोल्डी श्रेष्ठा और उसके
सहयोगी ग्राम लदाई का पुरवा
जनपद बाराबंकी निवासी अभिषेक सिंह
को गिरफ्तार कर लिया। दोनों
अभियुक्तों ने स्वीकार किया है कि
वे बैंक के निष्क्रिय खातों को
सक्रिय करके उनसे पैसा निकालते रहे
हैं। गिरफ्तार बैंककर्मी गोल्डी
श्रेष्ठा ने बताया कि उसके पिता
बैंक आफ बड़ौदा की अमीनाबाद शाखा
में वरिष्ठ प्रबंधक थे। नौकरी के
दौरान ही उनकी मृत्यु हो गई थी।
इसके बाद मृतक आश्रित कोटे में उसे
नौकरी मिली थी।
दो अन्य खातों से उड़ाई लाखों की
रकम
बैंककर्मी ने स्वीकार किया कि उसने
निष्क्रिय पड़े महेश प्रसाद मिश्रा
के बैंक खाते को सक्रिय करके उससे
14 लाख 59 हजार 850 रुपये अपने
मित्र अभिषेक सिंह के यूनियन बैंक
शाखा डालीगंज के खाते में
आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर
किये थे। इसके अलावा उसने
दो
अन्य बैंक खातों से 1,75,000 रुपये,
1,04,500 रुपये अपने सहयोगी शैलेश
के एचडीएफसी बैंक खातों में
आरटीडीएस के माध्यम से ट्रांसफर
किये थे।