लखनऊ।
(उत्तर प्रदेश समाचार सेवा)।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद स्व० श्री
वीरेंद्र भाटिया की स्मृति में, वीरेंद्र भाटिया अधिवक्ता
विचार मंच व्दारा , इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित
श्रद्धांजलि सभा में ,'प्रजातंत्र में राजनीति और न्याय'
विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में
उपस्थित वक्ताओं ने उक्त विषय पर अपने-अपने विचार व्यक्त
किये। इस अवसर पर समाजवादी पार्टी के मुखिया श्री मुलायम
सिंह यादव के सुपुत्र, समाजसेवी श्री प्रतीक यादव एवं
समाजसेविका श्रीमती अपर्णा यादव, बतौर विशिष्ट अतिथि
उपस्थित रहे।
श्री प्रतीक यादव ने स्व० श्री वीरेंद्र भाटिया को
श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि श्री भाटिया जी प्रजातंत्र
में राजनीति और न्याय के बीच की कड़ी थे। वे सिर्फ
समाजवादी पार्टी के ही सदस्य नहीं थे अपितु मेरे परिवार
के भी एक सदस्य थे। उनके दिखाए हुए रास्ते पर आज उनके
सुपुत्र श्री गौरव भाटिया जी चल रहे हैं , इस बात की
प्रसन्नता है। मेरा मानना है की हम सब श्री भाटिया जी के
व्यक्तित्व और कृतित्व से कुछ सीखें और पथ प्रदर्शन का
अनुकरण करें।
वही इस अवसर पर समाजसेविका श्रीमती अपर्णा यादव ने
उपस्थित गणमान्यों का अभिवादन करते हुए स्व० श्री
वीरेंद्र भाटिया जी के जीवन शैली और कार्य शैली पर
प्रकाश डालते हुए कहा कि श्री वीरेंद्र भाटिया जी एक
महान विभूति थे उनके बारे में जितना कहा जाये उतना कम
है। उन्होंने जीवन पर्यन्त असहायों, मजलूमों, जरूरतमंदों
की मदद की और उनके न्याय के लिए लड़ाई लड़ी। हमें ऐसे महान
व्यक्ति के पदचिन्हों पर चलने में कोई हिचकिचाहट नहीं
होनी चाहिए। श्रीमती यादव ने कहा कि यह सर्वथा सत्य है
कि न्याय और राजनीति के तालमेल के बिना बेहतर प्रजातंत्र
संभव नहीं है। इसलिए यह विंदु भी विचारणीय है। उन्होंने
कहा कि हमारे जीवन के लिए, समाज के लिए, देश के लिए,
कानून बहुत जरूरी है। अगर हम कानून हटा दें तो सबसे
कमजोर हम हो जाएंगे। इसलिए कानून का पालन करना हमारा
धर्म है और कानून का पालन करवाना भी हमारा कर्तव्य है।
श्रीमती यादव ने इस अवसर पर महिलाओं की कम संख्या में
उपस्थिति पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि प्रजातंत्र में
महिलाओं के बिना राजनीति और न्याय दोनों अधूरा है।
उन्होंने कहा कि न्याय की प्रतीक जो मूर्ति है वह भी
महिला की है। इसलिए इस क्षेत्र में भी महिलाओं की बराबर
की भागीदारी हो, यह हम सबकी जिम्मेदारी होनी चाहिए।
सगोष्ठी में उपस्थित न्यायमूर्ति श्री विष्णु सहाय,
न्यायमूर्ति श्री अश्विनी कुमार सिंह, न्यायमूर्ति श्री
राजीव शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री अशोक भानु, श्री विजय
तिवारी, पूर्व सांसद श्री भगवती सिंह, एमएलसी श्री अशोक
बाजपेई, वरिष्ठ पत्रकार श्री शरत प्रधान, श्रीमती श्वेता
सिंह, श्री गौरव भाटिया आदि ने अपने अपने विचार व्यक्त
किये।