मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर विश्विविद्यालय के
कालेज आफ कम्प्यूटर साइंसेज एंड
इन्फारमेशन टेक्नोलाजी- सीसीएसआईटी
में रिज्यूम
राइटिंग की वर्कशाप हुई
जिसमें गुड़गांव से आई राजुल जैन ने
रिज्यूम और सीवी के अंतर पर प्रकाश
डालते हुए कहा कि रिज्यूम आज की जरूरत
है। सीवी - जीवन का पाठयक्रम है। वह
सीसीएसआईटी में आयोजित वर्कशाप में
बतौर अतिथि लेक्चर बोल रहीं थीं।
उन्होंने बताया कि रिज्यूम बनाते समय
क्या-क्या सावधानी रखें। एक अच्छे
रिज्यूम में क्या-क्या होना चाहिए।
रिज्यूम फ्रेंच वर्ड समरी से बना है,
जिसका अर्थ संक्षिप्त है। इसमें आवेदन
एक ही पेज पर किया जाता है। सीवी शब्द
लैटिन के कोर्स आफ लाइफ यानी जीवन का
पाठयक्रम से बना है। इसमें आवेदक अपनी
शिक्षा, जीवन, अनुभव, पुरस्कारों आदि
के बारे में विस्तार से लिखता है। सीवी
तीन पेज तक भेजा जा सकता है। रिज्यूम
में आवेदक अपनी बात का संक्षेप में
उल्लेख करता है। इसमें खास अनुभव,
शैक्षणिक योग्यता, मौजूदा जिम्मेदारी,
प्रोजेक्ट, पब्लिकेशन आदि का ही
उल्लेख होता है। रिज्यूम कम्पनी के
अनुरूप ही होना चाहिए, जहां हम आवेदन
भेज रहे हैं। वर्कशाप का शुभारम्भ
सीसीएसआईटी के प्रधानाचार्य प्रो0 आरके
द्विवेदी ने किया। इस मौके पर प्रो.
प्रवीन पाण्डे, कुलविंदर सिंह चावला,
धनन्जय, दीप्ति, मीनू, डाआषेंद्र,
दानिश अथर, नवनीत विश्नोई आदि मौजूद
थे।