कानपुर।
राज्यपाल राम नाईक ने आजम खां प्रकरण
पर स्टपष्ट किया है कि उन्होंने नगर
निगम में मेयरों के अधिकारों में कटौती
से सम्बन्धित विधेयक नियमानुसार रोका
है। उन्होंने कहा कि मैंने संविधान के
74वें संशोधन के तहत इस विधेयक को रोका
है। उन्होंने कहा कि विधान सभा, विधान
परिषद् और राज्य सरकार के कामकाज पर
निगाह रखना उनकी संवैधानिक जिम्मेदारी
है। इन्हें संविधान के मुताबिक ही काम
करना है।
एक विद्यालय के कार्यक्रम में बतौर
मुख्य अतिथि शामिल हुए राज्यपाल राम
नाईक ने कहा कि उन्होंने विधान सभा
अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डे को वार्ता
के लिए बुलाया है। उन्हें बताया जाएगा
कि किस नियम और कानून के तहत इस
विधेयक को रोका गया है। साथ ही
सदन के अन्दर चल रहे अन्य मुद्दों पर
उनसे बातचीत करुंगा। ज्ञातव्य है कि
गत दिवस ही राज्यपाल ने विधान
सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डे को
पत्र लिखकर 8 मार्च को सदन में
संसदीयकार्य मंत्री की टिप्पड़ी पर
आपत्ति जतायी थी और अपनी नाराजगी भी
स्पष्ट की। राज्यपाल ने यहां तक कह
दिया है कि आजम खां की संसदीयकार्य
मंत्री पद के अनुरुप योग्यता पर
प्रश्न चिन्ह है। उनकी इस टिप्पड़ी से
आजम खां के समर्थक बौखला गए हैं। कल
ही रामपुर में राज्यपाल के विरोध में
धरना दिया गया।