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संवैधानिक परिधि के बाहर काम नहीं करताः राज्यपाल
रामनाईक ने पूरे किए कार्यकाल के अपने दो साल
Tags:  U.P.Samachar Sewa, U.P. News, Lucknow, Governor Ram Naik
Publised on : 21 July 2016,  Last updated Time 20:19

Governor Uttar Pradesh Ram Naikलखनऊ।। 21 जुलाई, 2016। (  उ.प्र.समाचार सेवा ) । प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अपने दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर कई बातें साफ की। उन्होंने पिछले राज्यपालों के मुकाबले अधिक सक्रियता पर कहा कि संवैधानिक परिधि के बाहर कोई काम नहीं करता, जो भी करता हूं पारदर्शिता के साथ करता हूं। राजनीतिक क्षेत्र में राज्यपाल के पद को खत्म करने की बातों पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की, बस इतना कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति के दायरे में आता है।
राजभवन की परम्पराओं से अलग राज्यपाल राम नाईक ने अपने दो साल के
कार्यकाल पर कहा कि संघीय कार्यपद्धति में राज्यपाल की उपयोगिता बरकरार है और उन्होंने इस पद पर रहते हुए केन्द्र और राज्य सरकार के बीच सेतु की जिम् मेदारी का निर्वहन पूरी तरह से संविधान के दायरे में रहकर किया है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में हुई मुख्यमंत्रियों की अर्न्तराज्यीय परिषद की बैठक में राज्यपाल का पद खत्म किए जाने का सुझाव जिन कारणों से दिया गया, वह नहीं चाहते कि वे वजहें उत्तर प्रदेश में पैदा हों। ऐसी उनकी हमेशा कोशिश रहती है।
राज्यपाल ने अपने कार्यों की रिपोर्ट देते हुए बताया कि वर्ष 2015-16 में उन्होंने राज ावन में 6,682 लोगों से मुलाकात की और आम लोगों ने विप्र ान्न समस्याओं तथा सुझावों के बारे में 47 हजार 865 पत्र ोजे, जिन पर राज ावन ने नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति को 23 पत्र, प्रधानमंत्री को 55 ात, उपराष्ट्रपति तथा केन्द्रीय मंत्रियों को 93 पत्र और मुख्यमंत्री को 398 पत्र लिखे।
नाईक ने बताया कि पिछले एक वर्ष के दौरान उनके समक्ष 28 विधेयक विचाराधीन थे, जिनमें से 20 को उन्होंने मंजूरी दे दी, पांच को विचार के लिए राष्ट्रपति के पास ोजा, दो विधेयक पुनर्विचार के लिए सरकार को लौटाए और एक विधेयक ‘उत्तर प्रदेश अल्पसख्यक आयोग:संशोधनः विधेयक-2015’ अ ाी विचाराधीन है। कुलाधिपति के रूप में किए गए कार्यों के बारे में राज्यपाल ने बताया कि अब तक 26 में से 22 विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह समय से स पन्न हो चुके हैं। पांच बार सांसद और तीन बार विधायक रहे नाईक ने बताया कि वह अपनी मराठी किताब ‘चरैवेति, चरैवेति’ का हिन्दी, उर्दू, गुजराती और अंग्रेजी में ााषान्तर करवा रहे हैं, जिनका विमोचन जल्द किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल राम नाईक ने 22 जुलाई, 2014 को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ ली थी तथा 22 जुलाई, 2015 को एक वर्ष की अवधि पूरी होने पर कार्यवृत्त ‘राजभवन में राम नाईक 2014-15‘ अपना वार्षिक लेखा-जोखा पारदर्शिता की दृष्टि से जनता को रूबरू कराने के लिए जारी किया था।
राज्यपाल ने चुटकी भी ली
विधान परिषद सदस्यों के मनोनयन और लोकायुक्त के चयन समेत कई मुद्दों को लेकर सरकार और राज ावन के बीच हुए गतिरोध के दौरान ाुद पर एक राजनेता की तरह काम करने के लगे आरोपों पर नाईक ने कहा कि उन्होंने जो ाी किया वह संविधान के दायरे में रहकर किया। राज्यपाल ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘कभी कभी उनके काम से लोगों को फायदा हो जाता है। मैंने विधान परिषद सदस्य के रूप में संजय सेठ का मनोनयन नहीं किया। उनका ाला ही हुआ और वह राज्यसभा चले गए और सत्तारूढ़ दल के कोषाध्यक्ष भी बन गए।’’
राजभवन में रामनाईक 2015-16’ का हुआ विमोचन
राज्यपाल ने इस मौके पर प्रदेश के राज्यपाल के रूप में अपने दो साल के कार्यकाल का लेखाजोखा पेश करती 102 पृष्ठ की पुस्तिका ‘राज ावन में राम नाईक 2015-16’ का विमोचन करते हुए कहा कि वह जबसे सार्वजनिक जीवन में आए तब से वह हर साल अपने कार्यों की रिपोर्ट जारी करते हैं।
 

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News source: UP Samachar Sewa

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