Lucknow, 27 April 2012. (U.P.Web News
Service)
लखनऊ, 27 अप्रैल। (उप्रससे)।
उत्तर प्रदेश में अब मुख्य सचिव के अलावा
अन्य कोई अधिकारी मंत्रिपरिषद् के सचिव नहीं
हो सकेगा। प्रदेश के मंत्रीमण्डल ने आज
बैठक करके उस पारविधान को समाप्त कर
दिया जिसके अन्तर्गत मुख्य सचिव के अलावा
किसी अन्य अधिकारी को भी मंत्रिपरिषद् का
सदस्य बनाया जा सकाता था। इसके लिए प्रदेश
सरकार ने सचिवालय अनदेश - 1982 में संशोधन
का निर्णय लिया है।
सरकार ने मंत्रिण्डल की बैठक में आज
अनुदेश संख्या 5 के प्राविधान को संशोधित
करते हुए शब्द " कोई कोई अन्य अधिकारी"
अंश को हटाने का फैसला किया है। इस संधोधन
के फलस्वरूप अब मुख्य सचिव ही भविष्य में
मंत्रिपरिषद् के सचिव होंगे।
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