Lucknow,
03 june 2012, लखनऊ।
राजधानी में प्रेमिका की मौत के गम में
बी.टेक के एक छात्र ने फांसी लगाकर
आत्महत्या कर ली। छात्र की प्रेमिका ने
भी एक सप्ताह पहले अपने घर उरई में फांसी
लगा ली थी। पुलिस ने छात्र के शव को उसके
कमरे में फंसे से उतार कर पोस्टमार्टम
के लिए भेज दिया है।
जानकारी के
अनुसार बहराइच के नानपारा अन्तर्गत
जुबलीगंज निवासी शिक्षक रामफेर को पुत्र
नरेन्द्र विश्वकर्मा (25) बी.टेक का
छात्र था। वह राजधानी के आशियाना में एक
निजी हास्टल में किराये पर कमरा लेकर
रहता था। बीती रात उसने उस समय फांसी लगा
ली जब उसका रूममेट कहीं गया हुआ था।
छात्र के कमरे से पुलिस ने सुसाइड नोट
बरामद किया है। पांच पेज के इस सुसाइड
नोट पर छात्र ने अपनी प्रेमिका को
संबोधित करते हुए लिखा है कि मैं
तुम्हारे बिना रह नहीं सकता। अब तुम्हारे
पास आ रहा हूं। छात्र ने सुसाइड नोट के
अंत में अपने परिजनों से भी मांफी मागी
है।
उत्तर प्रदेश में प्रेमिका की मौत का गम
प्रेमी छात्र को काफी नागवार गुजरा।
पांच पन्नों के सुसाइड नोट में कुछ इस
तरह की पंक्तियां ‘...तुमने जान दी,
तुम्हारे बिना मैं खुद को अकेला महसूस
कर रहा हूं, अब मैं भी तुम्हारे पास आ
रहा हूं’ लिखकर आशियाना क्षेत्र में
बीटेक फाइनल ईयर के छात्र ने शनिवार रात
फांसी लगाकर जान दे दी। पुलिस ने कमरे
का दरवाजा तोड़ शव फंदे से उतारकर
पोस्टमार्टम को भेज दिया है।
बहराइच के जुबलीगंज नानपारा निवासी
शिक्षक रामफेर का लड़का नरेंद्र
विश्वकर्मा (25) आशियाना के रजनीखंड
स्थित एक छात्रावास में किराए पर रहता
था। इस दौरान उसका उरई निवासी एक लड़की
से प्रेम प्रसंग हो गया। लड़की कई बार
उसके कमरे पर भी आ चुकी थी। पिछले माह
27 मई को लड़की ने किन्हीं कारणों से
उरई में आत्महत्या कर ली थी।
उसकी मौत के बाद से नरेंद्र काफी परेशान
रहने लगा था। छात्रावास में उसके साथ
रहने वाला रोहित शुक्रवार को अपने
रिश्तेदार के घर बालागंज गया था। रविवार
सुबह लौटे रोहित ने कमरा बंद होने पर
नरेंद्र को कई आवाज लगाई। कोई जवाब न
मिलने पर खिड़की से झांका तो नरेंद्र छत
के कुंडे से रस्सी का फंदा कसकर लटक रहा
था।
सूचना मिलने पहुंची पुलिस ने शव उतारकर
पोस्टमार्टम को भेज दिया है। कमरे की
तलाशी में पुलिस को मेज पर पांच पन्ने
का सुसाइड नोट मिला है। आशियाना
थानाध्यक्ष ने बताया कि प्रेमिका को
संबोधित सुसाइड नोट में उसकी मौत के गम
में जान देने की बात लिखी है। इस नोट के
अंत में अपने परिवार वालों से माफी मांगी
है।