आलोक
कुमार बाजपेयी
30ए लोकसभा सीट सीतापुर
का चुनाव भाजपा के लिए
आसान नहीं दिख रहा हैए
चॅूकि इस सीट पर भाजपा के
अपने ही बेगाने हो गये।
वैसे इस सीट पर वर्तमान
सांसद व भाजपा के
प्रत्याशी राजेश वर्मा
काफी मजबूत प्रत्याशी
साबित हो रहे है चॅूकि
अन्य प्रत्याशियों की
तुलना में राजनैतिक अनुभव
अधिक है। श्री वर्मा दो
बार बसपा से सांसद चुने
गये वहीं दो बार भाजपा से
सांसद चुने गये। वर्ष
1999 से अब तक लगातार
सांसद रहने वाले श्री
वर्मा वर्ष 2009 में 29
धौरहरा सीट पर पूर्व
कांग्रेसी नेता जितिन
प्रसाद से पराजित हो गये
थे लेकिन 30ए लोकसभा सीट
सीतापुर से चार बार सांसद
चुने गये। वहीं वर्तमान
चुनाव में कांग्रेस के
टिकट पर भाजपा के पूर्व
सदर विधायक राकेश राठौर
प्रत्याशी घोषित किए गये।
जिन्हें समाजवादी पार्टी
का भी समर्थन प्राप्त है।
चॅूकि सपा कांग्रेस के
समझौते में सीतापुर
लोकसभा सीट कांग्रेस के
हिस्से में आ गयी। दूसरी
तरफ बसपा के प्रत्याशी के
रूप में इसी लोकसभा
क्षेत्र की बिसवॉ
विधानसभा क्षेत्र के
भाजपा के पूर्व विधायक
महेंन्द्र सिंय यादव ने
ताल ठोक दी। अब रोचक बात
तो यह दिख रही है कि सभी
प्रत्याशी पिछड़ी जाति से
ताल्लुक रखते हैं। वर्ष
2019 के लोकसभा चुनाव में
इस सीट पर भाजपा को
48ण्33 प्रतिशतए
बसपाध्सपा को 38ण्86
प्रतिशतए कांग्रेस को
9ण्02 प्रतिशत तथा नोटा
को 0ण्83 प्रतिशत मत
प्राप्त हुआ था।
वर्ष 2024 से सम्पन्न हो
रहे 18 वीं लोकसभा के
चुनाव में सीतापुर की इस
सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
बन चुका है। इस त्रिकोणीय
मुकाबले का डर सभी
प्रत्याशियों के चेहरे पर
देखा जा रहा है। हॉलाकि
युवा एवं गरीब मतदाता
भाजपा के समर्थन दिख रहा
है लेकिन आसार यह भी है
कि इन दोनों वर्ग के
मतदाता बेरोजगारी व
मॅहगाई की हवा में दूसरे
दल के प्रत्याशी के पक्ष
में अपना मतदान करें!
मतदाताओं को भाजपा की तरफ
आकर्शित करने के लिए देश
के गृह मंत्री से लेकर
प्रधानमंत्री तक का
सीतापुर जनपद में
कार्यक्रम घोषित हो चुका
है। लहरपुर विधान सभा
क्षेत्र में अमित शाह तथा
हरगॉव विधानसभा क्षेत्र
में नरेन्द्र मोदी
मतदाताओं को रिझायेगें।
जबकि बसपा के नेशनल
कोआरडीनेटर जनता में
ऊर्जा देने सीतापुर आये
थे। जिन्हें एक मुकदमा
सौगात में मिल गया।
क्षेत्रीय जनता में यह
चर्चा का विषय बना हुआ कि
पिछड़ी और अगड़ी जाति के
वोटबैंक की राजनीति करने
वाला पार्टियां कही
अनुसूचित जाति की राजनीति
करने वाली पार्टी से मात
न खा जाये। चॅूकि बसपा का
भी जनाधार भी कम नहीं है।
क्योंकि बसपा के नेशनल
कोआरडीनेटर विरूद्ध दर्ज
मुकदमें ने आग पर घी
डालने का कार्य किया है।
इसी सीट पर पूर्व में
बसपा से कैसरजाहॉ अपना
परचम लहरा चुकी है। कुछ
जगहों पर चर्चा ऐसी भी हो
रही है कि 10 वर्ष के
शासन सत्ता में अब
परिवर्तत आवश्यक है। वहीं
इस बात से भी इंकार नहीं
किया जा सकता है कि भाजपा
के लिए 5 किलो राशन
च्यवनप्रास का कार्य कर
रहा है क्योंकि जिसके घर
में एक वक्त की रोटी की
भी व्यवस्था नहीं हो पाती
थी आज वह अनाज की बिक्री
कर रहें हैं। यह कहना गलत
न होगा कि भाजपा ने देश
में छोटे से छोटे व बड़े
से बड़े मुद्दांं पर कार्य
किया है। परन्तु अब
मतदाताओं में चर्चा यह कि
न तो अब कोई छोटा मुद्दा
शेष है और न हीं कोई बड़ा
मुद्दा शेष है। कुछ एक
व्यक्तियों ने कहना है कि
अब दो मुद्दे देश की जनता
के दिमाग के कौतूहल मचाये
हुए हैं एक पीओके को भारत
में मिलाना और दूसरा भारत
को हिन्दू राष्ट्र घोषित
करना! परन्तु वर्तमान
परिदृष्य को देखते हुए इन
दोनों मुद्दों पर कार्य
करना किसी भी दल की
क्षमता से बाहर प्रतीत हो
रहा है। चूॅकि इन दोनों
मुद्दों पर कोई भी पार्टी
कुछ भी नहीं बोल रही है।
इस लिए अब बदलाव आवश्यक
है और बदलाव से ही विकास
सम्भव हैं। देश के कुछ
मुद्दे सदाबहार रहते हैं
जैसे बेरोजागारीए
स्वास्थ्यए सड़कए बिजलीए
शिक्षा आदि। यह कभी भी
समाप्त नहीं हो सकते हैं।
चाहें किसी भी दल की
सत्ता हो।
अब सवाल यह है कि ऐसी
चर्चा के मध्य इस बात का
ऑकलन करना बहुत ही कठिन
कार्य हो जाता है कि
मतदाता के दिमाग में क्या
चल रहा हैघ् चॅूकि मतदाता
सकारात्मत और नकारात्मक
दोनों तरह की चर्चा करने
मशगूल हैं। अब देखना यह
है कि आखिर इस सीट पर किस
दल का व्यक्ति सांसद बनता
है।
बाप अपनी ही बेटी से करवा
रहा था देह व्यापार
सीतापुर ;उ0प्र0 समाचार
सेवाद्ध। महोली कोतवाली
इलाके के अन्तर्गत पड़ने
वाले नटपुरवा गांव की
दास्तान ही दिल को दहला
देने वाली है। इस गांव
में देंह व्यापार
sex raket में एक
दो नही बल्कि आधे से अधिक
महिलाओं की आबादी पूरी
तरह से देंह व्यापार का
कारेबार करने लगी है। कभी
इस गांव को चिड़ीमारों का
पुरवा कहा जाता था
क्योंकि यहां पर चिड़ीमार
लोग रहते है और चूहेए
सांप छछून्दर तथा जानवरों
की आंते व अन्य बेकार
चीजे जो या तो उनको फ्री
में मिलती थी या फिर कम
दामों पर मिलती थी उनको
पकाकर खाते है और झोपड़ी
में रहकर यह जाति
ज्यादातर शिकार पर निर्भर
रहती है। समय के साथ इनका
रहन सहन बदला और इन जाति
की महिलाओं को देंह
व्यापार के माध्यम से
पैसा कमाना ज्यादा ठीक
लगा और यहां की महिलाएं
देह व्यापार में उतर आई।
एक देंह व्यापार की
सौदागर के अगर पुत्री हो
गयी तो वह महिला बड़ी खुश
होती है और कहती है चलों
देंह व्यापार के धंधे और
पैसा कमाने का एक और
जरिया मिल गया। इस तरह की
सोच रखने वाली देंह
व्यापार की महिलाओं ने आज
नगर सहित पूरे क्षेत्र और
जिले को अपनी चपेट में इस
लिये ले रही है क्येकि इन
लोगों को कुछ अपराधियों
का साथ मिल गया था।
नटपुरवा गांव मुख्य रूप
से महोली कोतवाली
थानानतर्गत पड़ने वाली
रिछाही पुलिस चौकी
क्षेत्र में आता है। यहां
के चौकी प्रभारी मनेज को
जब इस मामले की जानकारी
हुई तो उन्होने नटपुरवा
से इस धंधे को हटाने के
लिये कार्ययोजना बनाई।
प्रभारी मनोज की
कार्ययोजना शाखाओं को
काटना नही था बल्कि पूरे
गैंग और गैंग के सरगना को
जड़ से मिटाना था। नटपुरवा
को सैक्स रेकेट का जो
व्यक्ति संचालन करता था
वह जिला बदर अपराधी था।
योजना बद्ध तरीके से चौकी
प्रभारी मनोज कुमार और
हमराही सतोष सिंह ने छापा
मार कार्यवाही की और
सैक्स रेकेट चलाने वाले
जिला बदर अपराधी नीरज को
गिरफ्तार कर जेल भेज
दिया। चूंकि नीरज अपराधी
था इस कारण नीरज का सारा
कार्य साधू देखता था।
जैसे ही प्रभारी मनोज ने
नीरज को जेल भेजा तो कुछ
दिन के लिये गिरोह में
सन्नाटा छा गया और उसके
बाद अब गिरोह की कमान
नीरज के राईट हैण्ड ने
संभाल ली। चूंकि साधू यह
जान चुका था कि रिछाही
पुलिस चौकी प्रभारी अब
अपने क्षेत्र में देह
व्यापार का कारोबार होने
नही देगे तो साधू ने
सगीता से मिलकर अब नगर को
अपना ठिकाना बनाया है।
उक्त कहानी इसी गांव के
एक परिवार की है। जिसमें
पिता अपनी पुत्री से देंह
व्यापार करवा रहा था
पुत्री कर रही थी लेकिन
भाई को नागवार गुजरा तो
उसने इसका विरोध किया।
जिसका परिणाम यह निकला कि
भाई को यातनाएं देकर उसको
घर से निकाल दिया गया जो
मौजूदा समय में बिहार में
रहकर अपना जीवन यापन कर
रहा है। यह कहानी देंह
व्यापार की उस महारानी की
है जिसको कोड के नाम से
देंह व्यापार की दुनियां
में संगीता के नाम से
जाना जाता है। संगीता के
भाई जो इस समय बिहार
प्रान्त में है उसने उक्त
घटना का बखान रो रो कर
किया और संगीता का भाई आज
भी संगीता को सभ्य समाज
में ले जाकर सभ्यतावाली
जिन्दगी देने का प्रयास
कर रहा है लेकिन वह इस
समय लाचार पड़ रहा हैं।
..................................
फोटो न 02
गठबंधन की सरकार बनने पर
किसानों के कर्ज माफ
होंगे. आनंद भदौरिया
महोली.सीतापुर;उ0प्र0
समाचार सेवाद्ध। 29
धौरहरा संसदीय क्षेत्र की
महोली विधान सभा क्षेत्र
के विभिन्न गांवों में
आयोजित नुक्कड़ सभाओं और
जन संपर्क के दौरान सपा
प्रत्याशी आनदं भदौरिया
ने डबल इंजन की सरकार को
निशाने पर लेते हुए कहा
कि यह कैसी सरकार हैघ्
यहां पेपर लीक हो रहे
हैं। एक.दो नहीं बल्कि एक
दर्जन परीक्षाओं के पेपर
लीक हुए हैं। पुलिस भर्ती
परीक्षा का पेपर भी लीक
हो गया। 60 लाख नौजवानों
का जीवन अंधकार में डाल
दिया है। परीक्षा देकर घर
पहुंचते है तो पता चलता
है कि परीक्षा निरस्त हो
गई। क्षेत्र के नरहराए
मदनियांए बसवैंए कुसैलाए
सेमरावांए पिपरावांए
बंजरियाए मूड़ाहूसाए
बसाराए भेरूकहा गोड़वा आदि
गांवों में आयोजित जन
सभाओं को संबोधित करते
हुए उन्होंने कहा कि
भाजपा सरकार और भाजपा के
लोगों को यह समझना चाहिए
कि सपा परिवार संघर्ष का
परिवार है। भाजपा का
परिवार झूठ बोलता हैए
संविधान को खत्म करना
चाहता है। भाजपा परिवार
एक ऐसा खतरनाक परिवार
उनके साथ है जो कि समाज
को बांटने का कार्य करता
है। भाजपा परिवारवाद के
खिलाफ हैं तो उसने जिन
परिवार वालों को टिकट दिए
हैंए वह वापस ले ले।
उन्होंने कहा कि जितनी भी
परीक्षाएं हुईंए सब
परीक्षाएं लीक हो गईं।
युवाओं का भविष्य अंधकार
में है। भाजपा ने
उद्योगपतियों के 16 लाख
करोड़ के लोन माफ किएए
इससे किसानों का कर्ज भी
माफ किया जा सकता है।
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए
सपा प्रत्याशी ने कहा कि
इलेक्ट्रॉल बांड ने भाजपा
का बैंड बजा दिया है।
कंपनियों से 200.400 करोड़
रुपये वसूले गए हैं।
वैक्सीन वाली कंपनी से भी
वसूली की गई। इस वजह से
मंहगाई बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि गठबंधन
की सरकार आने पर एमएसपी
कानून होने के साथ
किसानों का कर्ज माफ किया
जाएगा। किसान खुशहाल होगा
तो भारत विकसित होगा।
उनकी सरकार आने पर राशन
में आटा के साथ डाटा भी
फ्री दिया जाएगा। मजदूरों
का मानदेय बढ़ाया जाएगा।
पूर्व विधायक अनूप गुप्ता
ने कहा कि समूचे धौरहरा
क्षेत्र में जन समस्याओं
का अम्बार लगा है।
बेरोजगारी से युवा परेशान
है। किसान सिंचाई के अभाव
में मुश्किल दौर से गुजर
रहा है। यहां पर जन
सुविधाओं का पूरी तरह से
अभाव है। उच्च शिक्षाए
बेहतर स्वास्थ्य सेवाएंए
यातायात के समुचित साधन
जैसी मूलभूत सुविधाएं इस
इलाके के बाशिंदों के लिए
आज भी दूर की कौड़ी बनी
हुई हैं। उन्होंने कहा कि
इस बार जब केंद्र में
गठबंधन की सरकार बनेगी और
धौरहरा से आनंद भदौरिया
सांसद बनेगेंए तो धौरहरा
क्षेत्र विकास के
मानचित्र पर एक अलग पहचान
बनाएगा। इसलिए आप सब
एकजुट होकर सपा प्रत्याशी
आनंद भदौरिया के पक्ष में
एकजुट होकर मतदान कर
उन्हें भारी बहुमत से
विजयी बनाएं। जनसभाओं को
सपा के विधान सभा अध्यक्ष
रमेश शुक्लाए जिला पंचायत
सदस्य अशोक भार्गवए
कुर्मी महासंघ के
राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश
वर्माए कांग्रेस नेता
रामासरे अवस्थीए सुधीर
पांडेयए कपिल मिश्राए
कल्लू मिश्रा आदि ने भी
संबोधित किया। जन सभाओं
को सफल बनाने में प्रधान
संतराम भार्गवए पूर्व
प्रधान लोकराम वर्माए
पूर्व प्रधान रवि वर्माए
राजेश चौरसियाए मोनू
दीक्षितए श्रीकृष्ण यादवए
पीएन मिश्राए शिव कुमार
भार्गवए छुल्ली वर्माए
कमल सिंहए मुकेश अवस्थीए
विनोद यादवए अवधेश वर्माए
सुनील भार्गवए छंगा लाल
मौर्यए संजय सिंह का
प्रमुख योगदान रहा।
.................................
फोटो न 03ए04ए05
सीतापुर लोकसभा सीट के
तीन महारथी तीनों की अचूक
है ब्यूह रचना
ऽ भाजपा
प्रत्याषी की ओर सुरसा की
तरह मुंह बाये खड़ा मंहगाई
का मुद्दा
सीतापुर ;उ0प्र0 समाचार
सेवाद्ध। सीतापुर लोकसभा
सीट से वैसे तो करीब आठ
प्रत्याशी चुनावी मैदान
में है। फिर भी मुख्य
टक्कर भाजपाए कांग्रेस और
बसपा के बीच ही मानी जा
रही है। भाजपा प्रत्याषी
राजेश वर्मा को सियासत का
मंझा खिलाड़ी माना जा रहा
है तो वहीं कांग्रेस
प्रत्याशी एवं पूर्व
विधायक राकेश राठौर को भी
किसी भी मायने में कम नही
आंका जा सकता है। राकेश
राठौर की चुनावी ब्यूह
रचना बेमिशाल होनी बताई
जा रही है। फिर श्री
राठौर का चुनावी तिलस्म
तो पहले से ही मजबूत है।
भाजपा प्रत्याशी के सबसे
अधिक खतरा तो बसपा
प्रत्याशी से होना जताया
जा रहा है। क्येकि आज के
भाजपा प्रत्याशी कल के
भाजपा विधायक रहे है। इस
कारण वह भाजपा की हर
सियायत को नजदीक से जानते
है और समझते है। इसके
अलावा जब महेन्द्र सिंह
भाजपा विधायक थे तो राजेश
वर्मा से इनका करीब का
रिश्ता था और आज वह बसपा
के हाथी पर सवार होकर
दिल्ली जाने का रास्ता
तलाश रहे है। फिर राजेश
वर्मा पिछले चुनाव की तरह
विभीशणों से घिरे हुए है।
यह श्री वर्मा का चुनावी
तिलस्म अन्दर खाने से
कमजोर करने में जुटे हुए
है। वही बसपा प्रत्याशी
महेन्द्र वर्मा को राजेश
वर्मा के हर चुनावी
तिलस्म के बारे में पता
है कि राजेश वर्मा ने
कैसी ब्यूह की रचना की है
वह कहां से कमजोर है और
कहां पर वार करे तो राजेश
वर्मा चित्त होकर गिर
सकते है। इस कारण दिल्ली
जाने के रास्ते में अगर
राजेश वर्मा आड़े आते है
तो महेन्द सिंह उसी जगह
ब्यूह पर तगड़ा प्रहार कर
सकते हैए जहां पर राजेश
वर्मा का ब्यूह कमजोर है।
गौरतलब हो कि उत्तर
प्रदेश का सीतापुर जिला
ऐतिहासिक और पौराणिक रूप
से बेहद अहम है। माना
जाता है कि दौरान भगवान
राम पर ठहरी हुई थीं।
राजा विक्रमादित्य के साथ
यहां ने सीता के नाम के
सम्मान में इस शहर को
बसाया और रखा सीतापुरण्
पौराणिक मान्यताओं
अनुसारए इसी जगह पर
महर्षि वेद व्यास ने
पुराणों की रचना की थी।
सीतापुर सीता वनवास के
धार्मिक नगरी के रूप में
विख्यात है। अबुल फजल की
आइने अकबरी के अनुसार
अकबर के दौर में इस जगह
को चटयापुर या
चित्तियापुर कहा जाता था।
नैमिषारण्य का पवित्र
स्थान गोमती नदी के बाएं
तट पर स्थित है और यहीं
पर महर्षि वेद व्यास ने
पुराणों की रचना की थी।
बताते हैं कि वनवास के
दौरान पांडव भी नैमिष आए।
ऐसा माना जाता है कि राम
और सीता ने रावण की
मृत्यु का कलंक धोने के
लिए इसी पवित्र स्थान पर
स्नान किया था। सीतापुर
लोकसभा सीट पर अभी भारतीय
जनता पार्टी का कब्जा हैए
सीतापुर लोकसभा सीट के
तहत 5 विधानसभा सीटें आती
हैं और 2022 के विधानसभा
चुनाव में 4 सीटों पर
बीजेपी को जीत मिली
थी।2019 के लोकसभा चुनाव
के सीतापुर संसदीय सीट पर
भाजपा को जीत मिली थी।
भाजपा ने चुनाव में राजेश
वर्मा को टिकट दिया तो
बहुजन समाज पार्टी ने
नकुल दुबे को मैदान में
उतारा। बहुजन समाज पार्टी
और समाजवादी पार्टी ने
चुनाव से पहले आपसी
गठबंधन कर लिया था।
गठबंधन के बाद भी बसपा को
जीत नहीं मिली। राजेश
वर्मा को चुनाव में
514ए528 वोट मिले तो नकुल
दुबे के खाते में 413ए695
वोट गए थे। राजेश वर्मा
ने 1ए00ए833 मतों के अंतर
से जीत हासिल की। 2014 के
लोकसभा चुनाव में भी
भाजपा को जीत मिली थी।
राजेश वर्मा को तब के
चुनाव में 4 लाख 17 हजार
546 वोट मिले थे। सीतापुर
लोकसभा सीट का इतिहास
काफी पुराना हैण्ण्इस सीट
पर पहली बार 1952 में
चुनाव हुए। 1952 का चुनाव
गांधी परिवार से ताल्लुक
रखने वाली उमा नेहरू ने
जीता था। 1957 का चुनाव
भी उमा नेहरू ने ही जीता।
लेकिन प्रमुख लोकसभा सीट
1962 जनसंघ के सूरज लाल
ने जीत हासिल की। वहीं
1967 में भारतीय जनसंघ के
ही एस नंद ने चुनाव जीता।
कांग्रेस 1971 में फिर एक
बार कांग्रेस के जगदीश
चन्द्र दीक्षित ने जीत
हासिल की। 1977 में हुए
चुनाव में भारतीय लोकदल
के हरगोविन्द वर्मा ने इस
सीट पर जीत दर्ज की।
लेकिन इसके बाद 1980ए
1984 और 1989 के चुनाव
में कांग्रेस की
राजेन्द्र कुमारी बाजपेयी
ने लगातार जीत हासिल कर
कांग्रेस का परचम फहराया
लेकिन 1991 में भाजपा ने
यह सीट कांग्रेस से छीन
ली और पार्टी के जनार्दन
प्रसाद मिश्रा ने जीत
हासिल की। इसके बाद 1996
के चुनाव में समाजवादी
पार्टी के मुख्तार अनीस
ने जीत हासिल की लेकिन
इसके बाद 1999 से लेकर
2009 तक लगातार ये सीट
बसपा के पास रही। 1999 और
2004 में में बसपा के
टिकट पर राजेश वर्मा ने
जीत दर्ज कीए वहीं 2009
में बसपा की कैसर जहां
सांसद चुनी गई लेकिन 2014
और 2019 में मोदी लहर में
ये सीट बसपा से भाजपा में
आये राजेश वर्मा ने बसपा
से छीन ली। इस बार इस सीट
पर जीत की हैट्रिक लगाने
के लिए भाजपा ने एक बार
राजेश वर्मा को पुनः
मैदान में उतारा हैए और
इंडिया गठबंधन में
कांग्रेस के खाते में गई
इस सीट पर भाजपा से
कांग्रेस में आये सीतापुर
शहर के पूर्व विधायक
राकेश राठौर पर दांव खेला
है। वहींए बसपा ने पूर्व
विधायक महेन्द्र सिंह
यादव को अपना प्रत्याशी
बनाया है। सीतापुर लोकसभा
के अंतर्गत कुल 5
विधानसभा सीटें आती हैं।
जिसमें सीतापुरए बिसवांए
लहरपुरए महमूदाबाद और
सेवता शामिल है। सीतापुर
लोकसभा सीट का अधिकतर
हिस्सा ग्रामीण है। इस
सीट पर करीब 18 लाख
मतदाता हैं। इनमें से 81
प्रतिशत वोटर ग्रामीण
हैंए जबकि शहरी एरिया
मात्र 19 फीसदी ही है।
वहींए अगर जातीय समीकरणों
की बात करें तो इस सीट पर
करीब 27 फीसदी दलित वोटर
हैं। इसके साथ ही कुर्मी
वोटर्स की संख्या करीब 12
फीसदी है। अन्य पिछड़े
वर्गों की तादाद भी 28
प्रतिशत के आसपास हैए ऐसे
में गांवों में रहने वाले
दलित. पिछड़े वोटर किसी भी
उम्मीदवार को जीत दिलाने
में अहम भूमिका निभाते
हैं। फिलहाल यहां पर
भाजपा के राजेश वर्मा और
इंडिया गठबंधन के राकेश
राठौर के बीच कांटे की
टक्कर दिखाई दे रही है।
अन्तिम समय में किसी का
भी पलड़ा भारी हो सकता है
और वह चुनाव में जीत
हासिल कर सकता है। फिलहाल
यहां का मतदाता खामोश है।
प्रत्याशी जोर शोर से
चुनाव प्रचार करने में
जुटे है। इस बार जहां
भाजपा को अपने परंपरागत
वोटों के सहारे जीत मिलने
की संभावना है वहीं
इंडिया गठबंधन भी एकजुट
दिखाई दे रहा है। यहां पर
आगामी 13 मई को मतदान
होगा। मतदान के बाद
मतदाता किसे अपना सांसद
चुनेंगे यह तो मतगणना के
बाद ही पता चलेगा। फिलहाल
भाजपा और इंडिया गठबंधन
और बसपा के बीच यहां कड़ा
मुकाबला होने की संभावना
है।
............................
दाउदपुर वनक्षेत्र में
लगी आग
सीतापुर ;उ0प्र0 समाचार
सेवाद्ध। दाउदपुर
वनक्षेत्र में बुधवार को
संदिग्ध परिस्थितियों में
आग लग गई। ग्रामीणों ने
पहले निजी संसाधनों से आग
बुझाने का प्रयास किया।
इसके बाद दमकल विभाग को
सूचना दी। दमकल मौके पर
पहुंची तब तक आग ने
विकराल रूप ले लिया था।
वन क्षेत्र के करीब एक
किलोमीटर के दायरे में आग
फैल गई। आसपास के दो
दर्जन गांवों के लोग सहम
गए। हालांकि दमकल की छह
गाड़ियों ने करीब साढ़े चार
घंटे की कड़ी मशक्कत के
बाद किसी तरह आग पर काबू
पा लिया। थाना क्षेत्र
में दाउदपुर वन क्षेत्र
है। पीरनगर गांव के पास
वन क्षेत्र में
बृहस्पतिवार को दोपहर
करीब डेढ़ बजे संदिग्ध
परिस्थितियों में आग लग
गई। जानकारी मिलने पर
आसपास के ग्रामीणों ने
निजी संसाधनों से आग
बुझाने का प्रयास किया।
वहींए पुलिस को भी सूचना
दे दी। कमलापुर
थानाध्यक्ष केबी सिंह ने
अग्निशमन विभाग को सूचना
दी। सूचना मिलते ही मौके
पर दमकल के छह वाहन पहुंच
गए।पीरनगर गांव के करीब
जंगल में लगी आग पछुआ हवा
का रुख पाकर पूरब की तरफ
बढ़ चली। उधरए मुख्य
अग्निशमन अधिकारी सुभाष
सिंह और थानाध्यक्ष केबी
सिंह मौके पर गांव में आग
फैलने से रोकने व खेतों
में लगी फसल को बचाने के
लिए ग्रामीणों को जागरूक
करते रहे। कड़ी मशक्कत के
बाद शाम करीब छह बजे आग
पर काबू पाया जा
सका।मुख्य अग्निशमन
अधिकारी सुभाष सिंह ने
बताया कि प्रथम दृष्टया
लग रहा है कि किसी ने
जलती बीड़ी जंगल में फेंकी
होगी। इससे आग फैली। जंगल
में बांस की कोठियां बनी
हैं। इसमें आग लगने के
कारण आग पर काबू पाना
चुनौतीपूर्ण रहा। शाम 6
बजे तक आग पर काबू पा
लिया गया।
................................
बाल विवाह जैसी कुप्रथा
को रोकने में प्रशासन का
सहयोग करें. जिला
प्रोबोशन अधिकारी
सीतापुर ;उ0प्र0 समाचार
सेवाद्ध। जिला प्रोबोशन
अधिकारी ने अवगत कराया है
कि बाल विवाह प्रतिषेध
अधिनियम 2006 की धारा 9
के अनुसार 18 वर्ष से कम
आयु की बालिका व 21 वर्ष
से कम आयु के बालक का
विवाह कराना या उसमें
शामिल होना एक दण्डनीय
अपराध हैए इसके अन्तर्गत
2 साल की जेल या एक लाख
रूपये का जुर्माना या
दोनों से दण्डित किये
जाने का प्रावधान है।
प्रायः यह संज्ञान में
आता है कि अक्षय तृतीया
की तिथि पर बड़ी संख्या
में बाल विवाह का आयोजन
किया जाता है। जनसामान्य
से अपेक्षा की जाती है कि
जनपद सीतापुर में बाल
विवाह जैसी कुप्रथा की
रोकथाम में प्रशासन का
सहयोग करें व किसी भी बाल
विवाह के सम्बन्ध में
चाइल्ड हेल्पलाईन के टोल
फ्री नं० 1098ए श्री
संतोष राजवंशी प्रोजेक्ट
कोर्डिनेटर चाइल्ड
हेल्पलाईन सीतापुर के
मो0नं0 9473736764ए श्री
अवनीश मिश्र संरक्षण
अधिकारी जिला बाल संरक्षण
ईकाई सीतापुर के मो०नं०
7607998612 व जिला
प्रोबेशन अधिकारी सीतापुर
के मो0नं0 7518024021 पर
जानकारी प्रदान की जा
सकती है। शिकायतकर्ता की
जानकारी गोपनीय रखी
जायेगी।