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लखनऊ़,
20 मार्च।
उत्तर प्रदेष में भारतीय जनता पार्टी तथा
अपना दल गठबंधन के बीच चल रहा समझौता दोनों
ओर से अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुका है, जबकि
राश्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस
गठबंधन को पार्टीहित में खतरनाक मान रहा
है। सूत्रों की मानें तो संघ के बड़े
पदाधिकारी अद से गठबंधन के बजाय, पार्टी
का पूर्णतः भाजपा में विलय कराने के
पक्षधर है।
संघ के काषी प्रान्त के एक बड़े
पदाधिकारी ने भाजपा व संघ के आलाधिकारियों
को अपना दल से हो रहे नुकसान से अवगत कराया
है। फिर भी पार्टी का “ाीर्श नेतृत्व अद
से गठबंधन करना चाहता है। इसलिए काषी
प्रान्त के मीरजापुर, फूलपुर तथा प्रतापगढ़
सीट पर भाजपा ने अभी तक प्रत्याषी नहीं
उतारा है। माना जा रहा है कि ये तीनों सीटें
अपना दल को दी जा सकती है।
सूत्रों की मानें तो फूलपुर सीट को
लेकर विष्व हिन्दु परिशद के
अन्तर्राश्ट्रीय संरक्षक अषोक सिंघल ने
भाजपा के “ाीर्श नेतृत्व को दो टूक
“ाब्दों में माना कर दिया है। उन्होंने
पार्टी को फूलपुर सीट से अपना ही प्रत्याषी
उतारने का सुझाव के साथ ही निर्देष भी दिया
है। सूत्रांे की मानें तो इस सीट पर पूर्व
विहिप नेता व विधायक केषव प्रसाद मौर्य की
मजबूत दावेदारी है। संघ भी केषव प्रसाद
मौर्य को ही चुनावी मैदान में उतारना चाह
रहा है।
उधर अपना दल गठबंधन को लेकर
मीरजापुर सीट पर भी अंदरुनी घमासान चल रहा
है। इस सीट से भाजपा के वरिश्ठ नेता
ओमप्रकाष सिंह के पुत्र अनुराग सिंह,
वाराणसी के पूर्व महापौर कौषलेन्द्र सिंह
तथा पं0 रत्नाकर मिश्र की मजबूत दावेदारी
है। पिछले लोकसभा चुनाव में अनुराग सिंह
भाजपा के प्रत्याषी रहे। खबर है कि अगर यह
सीट अद को दे दी गयी तो सैकड़ों भाजपा नेता
इस्तिफा दे सकते हैं।
ऐसी ही घमासान प्रतापगढ़ लोकसभा सीट
को लेकर है। इस सीट पर चेयरमैन मोती सिंह,
पूर्व विधायक ब्रजेष मिश्र, संगम लाल
गुप्त तथा विद्याधर मिश्र की प्रबल
दावेदारी है। सूत्रांे की मानें तो यह सीट
भी अद के खाते में जा रहा है।
संघ का एक प्रान्त स्तरीय पदाधिकारी
ने भाजपा के असली चेहरा से अवगत कराते हुए
कहा कि इस पार्टी के “ाीर्श नेतृत्व को
अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा नहीं है और न
ही विचारधारा पर विष्वास है। अद गठबंधन पर
कहा कि यह भाजपा के लिए प्राणघातक साबित
होगा। कहा कि यह पहला गठबंधन नहीं होने जा
रहा है, इसके पहले भी भाजपा ने गठबंधन किया।
कहा कि गठबंधन से भाजपा को हमेषा नुकसान
हुआ है और इस बार भी नुकसान ही होगा।
हालांकि भाजपा के यूपी प्रभारी व
पार्टी के राश्ट्रीय महासचिव अमित “ााह ने
पिछले दिनांे एक बार नहीं कई बार कह चुके
हैं कि उत्तर प्रदेष में भाजपा किसी भी दल
से गठबंधन नहीं करेगी। अब देखना है कि उनकी
बात कितनी सच साबित होती है।
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