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  उप्र होगा सियासी ‘‘महाभारत‘‘ का असली ‘‘कुरूक्षेत्र‘‘
Tags:  Uttar Pradesh Chunavi Kurukshetra
Publised on : 19 March 2014 Time: 22:45

लखनऊ़, 19 मार्च। स्वतंत्र भारत को पांच प्रधानमंत्री देने वाला उत्तर प्रदेष एक बार फिर सियासी ‘‘महाभारत‘‘ का ‘‘कुरूक्षेत्र‘‘ बनने को तैयार है। अगले प्रधानमंत्री पद के लगभग सभी दावेदार व उम्मीदवार अपनी-अपनी सेना के साथ इस ‘‘महादंगल‘‘ के लिए कूंच कर गये हैं। ऐसे में यहां का चुनावी संग्राम बेहद दिलचस्प होने वाला है।
भाजपा से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी वाराणसी से तो कांग्रेस से अघोशित प्रधानमंत्री पद के प्रत्याषी राहुल गांधी अमेठी से और तीसरे मोर्चे के दम पर प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव इसी सूबे में दो-दो जगह आजमगढ़ तथा मैनपुरी से ताल ठोंक रहे हैं।
उधर, साल भर पहले सियासत में अवतरित हुए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने का ख्वाब संजोए वाराणसी से मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में आने को बेताब हैं।चुनाव के शंखनाद से पहले ही मोदी और मुलायम ने सूबे भर में धुआंधर रैलियां करके यहां के सियासी माहौल को पहले ही काफी गरम कर दिया है। अब निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तिथियों के घोशित होने के बाद यहां के प्रथम दो चरण के नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
चुनाव आयोग दो दिन के लिए 20 और 21 मार्च को प्रदेष के दौरे पर भी है। इस दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त वीएस सम्पत अपने दोनों नायब चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा तथा डा. नसीम जैदी के साथ सूबे की पूरी प्रशासनिक मशीनरी को कसेंगे। साथ ही निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए राजनीतिक दलों को भी आयोग का पाठ पढ़ायेंगे। होली भी बीत चुकी है। त्योहार की खुमारी अब सियासी रंग ले रही है। ऐसे में उप्र का सियासी पारा मौसम के मिजाज के साथ जल्द ही उफान लेने वाला है। मैदान में आ रहे सभी अखाड़ेबाज अपनी-अपनी रणनीति की बृहद योजना बना रहे हैं।
राहुल गांधी 22 मार्च को प्रतापगढ़ से कांग्रेस का प्रचार अभियान शुरू करने जा रहे हैं। उसी दिन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह भी लखनऊ आने वाले हैं। अरविंद केजरीवाल 25 मार्च को वाराणसी में रैली करेंगे। उनकी यह रैली पहले 23 मार्च को थी लेकिन, उस दिन विधान परिशद का चुनाव होने के कारण तिथि में परिवर्तन कर दिया गया। इस बीच भाजपा ने चुनाव प्रचार के लिए चार सौ रथ उतारकर सूबे के सियासी दंगल को और आकर्शक बना दिया है। भाजपा के ये प्रचार रथ प्रदेष के उन गांवों व क्षेत्रों में जाएंगे जहां संचार के कोई साधन सुलभ नहीं हैं। पार्टी इन रथों के माध्यम से ग्रामीणों को मोदी का संदेष सुनायेगी।
सपा ने भी चुनाव प्रचार की अपनी रणनीति तैयार कर ली है। एक दो दिन में वह इसे सार्वजनिक भी कर सकती है लेकिन, बसपा इस मामले में अभी बड़ी ही खामोसी के साथ चल रही है। पार्टी मुखिया मायावती दिल्ली से ही सूबे की पूरी सियासी हलचल को बारीकी से देख रही हैं। बसपा सूत्रों का कहना है कि दो-तीन दिन के अंदर वह भी राजधानी पहुंचने वाली हैं, फिर अपनी रणनीति का खुलासा करेंगी।
भारतीय राजनीति की पुरानी कहावत है कि दिल्ली का रास्ता उप्र से ही होकर जाता है। “ाायद इसीलिए सभी प्रमुख दल यहां के रास्ते ही दिल्ली की गद्दी तक पहुंचने की कोशिश में हैं। इस चुनाव में वे सभी यहां एक दूसरे को चुनौती देते नजर आयेंगे और तरह-तरह के सियासी दांव आजमायेंगे।
हालांकि, इस महादंगल में कौन अखाड़ेबाज किसे पटकनी देगा और कौन बाजी मारेगा, इसकी जानकारी तो 16 मई को मतगणना के दिन ही होगी लेकिन यहां का चुनावी संग्राम बेहद दिलचस्प होगा, जिसपर देष ही नहीं बल्कि दुनिया भर की निगाहें लगभग दो माह तक एकटक लगी रहेंगी।

   

News source: Agency

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