Online Education की अपनी सीमाएं: प्रो. काक
Webinar in TMU Syber security chalanges in online digital classes during COVID-19
प्रो. सिंह ने डिजिटल कक्षाओं,लिमिटेशंस पर डाला प्रकाश
प्रो. काक बोले, सामाजिक नहीं बल्कि शारीरिक दूरीजरूरी
प्रो. योगेन्द्र नारायण का सुझाव, स्टडी को मिले कम्प्यूटर
कोरोना से उत्पन्न चुनौतियां चिंताजनक: प्रो. कोठारी
वित्तीय सुरक्षा और सरकार पर भी सबसे बड़ा खतरा
मुरादाबाद,
09 जून 2020
( U.P.Samachar Sewa) > एकेटीयू, लखनऊ के पूर्व वाइस चान्सलर प्रो. एसके काक Prof. SK Kak ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि लोगों को सामाजिक दूरी के बजाए शारीरिक दूरी बनाए रखनी चाहिए। ऑनलाइन शिक्षा की अपनी सीमाएं हैं। ऑनलाइन शिक्षण में साइबर हमलों से सुरक्षा का मुद्दा संवेदनशील है। ऑनलाइन कक्षाएं पूरक
हैं लेकिन ऑफलाइन कक्षाओं की पूरक नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को डीडी-1 और समर्पित टीवी चैनलों के माध्यम से शिक्षार्थियों के लिए ज्ञान जूमिंग के लिए सहायता प्रदान करनी चाहिए। वह तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय, के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज-एफओईसीएस ने साइबर सिक्योरिटी
चैलेंजेज इन ऑनलाइन डिजिटल क्लासेज ड्यूरिंग कोविड-19 पर आयोजित एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार में बोल रहे थे। यह वेबिनार एफओईसीएस के इंस्टीट्यूशंस इन्नोवेशन काउंसिल-आईआईसी, भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के एमएचआरडी इन्नोवेशन काउंसिल-एमआईसी, आईईईई-उत्तर प्रदेश सेक्शन और
सीएसआई-नोयडा चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में हुई।
सेवानिवृत्त आईएएस एवं हेमवती नन्दन बहुगुणा विश्वविद्यालय, गढ़वाल के पूर्व वीसी प्रो. योगेंद्र नारायण ने बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर कोविद-19 के दौरान फीस जमा करने में पहाड़ी क्षेत्रों में छात्रों के सामने आने वाली चुनौतियों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि धीमी इंटरनेट गति के कारण छात्रों को अध्ययन
में आने वाली चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। सरकार छात्रों को लॉक डाउन पीरियड में अध्ययन के लिए कंप्यूटर सिस्टम प्रदान करे।
आईआईटी, नयी दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. डीपी कोठारी ने बतौर मुख्य वक्ता जनसंख्या वृद्धि की समस्या, स्थिर सरकार और राजनीतिक स्थिति की योजना बनाने, ऊर्जा प्रबंधन, बिजली उत्पादन के मुद्दे और ऊर्जा संरक्षण के लाभ के बारे में अवगत कराया। एआईएमए, सीएमई, नयी दिल्ली के निदेशक- प्रो. राज
अग्रवाल ने कहा कि भारत में व्यावसायिक शिक्षा के समक्ष कोरोना वायरस में उत्पन्न चुनौतियाँ चिंताजनक हैं। भारत में छोटे और बड़े व्यवसायों के प्रबंधन के लिए प्रबंधन शिक्षा होनी चाहिए। एआईएमए भारत में प्रबंधन कार्यक्रम के लिए कैट-मैट परीक्षा आयोजित करता है। लोगों को कोरोना से उत्पन्न खतरों
के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, इग्नू, नयी दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर- डॉ. सुबोध केशरवानी ने डिजिटल लर्निंग बनाम साइबर खतरा, साइबर सुरक्षा में चुनौतियांः पूर्व और पोस्ट कोविद-19 की स्थिति, भारत में शिक्षा मॉडल, प्रबंधन शिक्षा में ईआरपी की भूमिका, दूरस्थ शिक्षा
और ऑनलाइन डिजिटल शिक्षा की तुलना और शिक्षा प्रदान करने में ज्ञान दर्शन (इग्नू) चैनल की भूमिका के बारे में जानकारी दी।
साइबर ज्ञान संस्थान, नयी दिल्ली के सीईओ एवं साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट-श्री अनुज अग्रवाल ने ऑनलाइन साइबर स्पेस में साइबर सुरक्षा को खतरा, साइबर खतरों से बचाव के तरीके, काले बाजार में उपयोगकर्ता लॉगिन की साख बेचने में डार्क वेब की भूमिका, साइबर धोखाधड़ी का पता लगाने में फायरवॉल का उपयोग
और भारत में साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। पोलर इंडस्ट्रीज नयी दिल्ली के एक्स वाइस प्रेसिडेंट एवं आईएमएस नोयडा के एड्वाइजर - श्री आलोक अग्रवाल ने ऑनलाइन शिक्षा में साइबर सुरक्षा, ऑनलाइन लेनदेन में साइबर खतरे, वैश्विक अर्थव्यवस्था पर कोरोना का प्रभाव, वैश्विक शिक्षा संस्थानों
पर कोरोना का प्रभाव, कोरोना को नियंत्रित करने के तरीके और दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था पर कोरोना की आर्थिक लागत से संबन्धित जानकारी दी।
इससे पूर्व टीएमयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. रघुवीर सिंह ने अपने सम्बोधन में कोविद-19 महामारी के दौरान शैक्षिक संस्थान के सामने आने वाली कठिनाइयों और उनके समुचित समाधान के बारे में बताया। उन्होंने प्रभावी कक्षाध्यापन के लिए विश्वविद्यालय की ओर से
अपनाई जा रहीं कार्यप्रणालियों के बारे में भी बताया। उन्होंने ऑनलाइन डिजिटल कक्षाएं और उनकी लिमिटेशन्स के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कोविद-19 महामारी के दौरान सरकार, यूजीसी और एमएचआरडी की ओर से शिक्षा एवं शिक्षण की दिशा में की गयी पहल पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सभी कीनोट स्पीकर्स,
प्रतिभागियों, वेबिनार के आयोजकों विशेष रूप से एफओईसीएस के निदेशक की ओर से आरके द्विवेदी को इस ऑनलाइन वेबिनार को आयोजित करने के लिए अपनी हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस ऑनलाइन वेबिनार के दौरान सभी को ऑनलाइन डिजिटल क्लासेज के समक्ष आने वाली साइबर सुरक्षा चुनौतियों और
उनसे निपटने के प्रभावी तरीकों के बारे में अधिक से अधिक सीखने का अवसर मिलेगा। एफओईसीएस के निदेशक- प्रो. आरके द्विवेदी ने कहा कि कंप्यूटर डिवाइस और इंटरनेट को शामिल करने और उपयोग करने वाले अपराध को साइबर अपराध के रूप में जाना जाता है। साइबर अपराध किसी व्यक्ति या समूह के खिलाफ किया जा सकता
है। यह सरकारी और निजी संगठनों के खिलाफ भी हो सकता है। इसका उद्देश्य किसी की प्रतिष्ठा, शारीरिक क्षति, या यहां तक कि मानसिक नुकसान पहुंचाना हो सकता है। साइबर अपराध पीड़ितों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। हालांकि, साइबर अपराध का सबसे बड़ा खतरा एक व्यक्ति की
वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ सरकार पर भी है। साइबर अपराध के कारण अरबों-खरबों का नुकसान होता है।
ऑनलाइन वेबिनार के कोऑर्डिनेटर डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने शैक्षिक संस्थानों में सीएसआर की जिम्मेदारी और सीएसआर गतिविधियों के लाभ के बारे में बताते हुए कहा कि सीएसआर गतिविधियों से रोजगार को बढ़ावा मिलता है। सीएसआर बेहतर सार्वजनिक छवि प्रदान करता है। अंत में ऑनलाइन वेबिनार के काॅऑर्डिनेटर प्रो.
रमेश चन्द्र त्रिपाठी ने सभी सम्मानित अतिथियों, वक्तागण, सभी प्रतिभागियों और वेबिनार कार्य समिति के सदस्यों का शुक्रिया अदा किया। संचालन श्री नवनीत विश्नोई और श्री प्रियांक सिंघल ने किया। प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि ऑनलाइन वेबिनार के सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। |