लखनऊ 28 नवम्बर, 2016। पिछड़ा वर्ग महापंचायत पार्टी
राष्ट्रीय अध्यक्ष बाल कृष्ण चौहान पूर्व सांसद ने कहा
कि पिछड़े वर्ग की जातियों को 1935 में ही शिक्षा,
नौकरियों व राजनीति आरक्षण मिल गया होता लेकिन डॉ0
भीमराव अम्बेडकर की साजिश के कारण टचेबल डिप्रेस्ड
क्लास/सछूत दलित जातियों या पिछड़े वर्ग को आरक्षण के
लाभ से वंचित होना पड़ा। गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया
एक्ट-1919 के अनुसार सभी डिप्रेस्ड क्लास या पद दलित
जातियों या शूद्रों को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण
की व्यवस्था हुयी थी। 1926 में संयुक्त प्रान्त के
विधान परिषद सदस्य बने बाबू राम चरण निषाद एडवोकेट
मताधिकार कमेटी के समक्ष सछूत व अछूत शुद्रों को समान
मताधिकार के पक्ष में संघर्ष कर रहे थे परन्तु
अम्बेडकर ने सछूत शूद्रों या हिन्दू पिछड़ी जातियों के
मताधिकार का पुरजोर विरोध किया। यहीं नहीं गवर्नमेन्ट
ऑफ इण्डिया एक्ट 1935 के अनुसार डॉ0 अम्बेडकर ने पिछड़ी
जातियों को शिक्षा, नौकरी व राजनीति में आरक्षण के लाभ
से वंचित करा दिया। उन्होंने कहा कि डॉ0 अम्बेडकर दलित
जातियों या अनुसूचित वर्ग के भगवान हो सकते हैं, पिछड़े
वर्ग की जातियों के नहीं। मण्डल मसीहा बी0पी0 सिंह जी
के चलते 1990 पिछड़ों को शिक्षा व नौकरियों में आरक्षण
मिल पाया। |
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