लखनऊ,
19 नवम्बर 2016। (उ.प्र.समाचार सेवा)। भारतीय जनता पार्टी
के कैराना से सांसद और वरिष्ठ नेता हुकुम सिंह ने कहा है
कि यदि जवाहरलाल नेहरु ने कश्मीर का भारत में विलय नहीं
कराया होता, तो आज वह हिन्दू राज्य होता। उन्होंने कहा
कि विलय के बाद महाराजा को कश्मीर छोड़ना पड़ा और वहां तेजी
से इस्लामीकरण शुरु हो गया। वह शनिवार को गांधी संस्थान
में आयोजित ‘एक भारत अभियान-कश्मीर की ओर’ विषयक हिन्दू
अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त कर रहे
थे। अधिवेशन का आयोजन हिन्दू फ्रंट फार जस्टिस, पुनुन
कश्मीर और हिन्दू जनजागृति समित की ओर से किया गया।
सांसद श्री सिंह ने कहा कि कश्मीर में महाराजा का शासन
होने की स्थिति में आज हम उसके साथ उसी प्रकार के संबंध
रखते जैसे नेपाल और भूटान के साथ रखते हैं। श्री सिंह ने
भारत में एक और विभाजन
के खतरे का खतरा बताया। उन्होंने कहा कि अलीगढ़
विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां ने
पाकिस्तान के विचार को जन्म दिया और उसकी स्थापना की
नींव रखी। आने वाले समय में कहीं कोई और सर सैयद पैदा न
हो जाए? उन्होंने कहा कि यह खतरा बरकरार है, विधान सभा
में मुख्यमंत्री के बगल की कुर्सी पर बैठने वाले व्यक्ति
ने क्या कुछ कहने को छोड़ा है? श्री सिंह ने कहा कि देश
और हिन्दू समाज को बचाये रखने के लिए राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद् सराहनीय कार्य कर
रहे हैं। इन संस्थाओं के कार्यों को बल प्रदान किया जाए।
उन्होंने कहा कि
भारत माता के तीन टुकड़े हो चुके हैं। इनमें एक हमारे पास
है दो में मुसलमानों का राज्य है। हमारे पास जो हिस्सा
बचा है, अब उसे अखण्ड बनाये रखने की चुनौती है। श्री
सिंह ने कहा कि अखण्ड
भारत अगले लोकसभा
चुनाव में चुनावी मुद्दा बनना चाहिए।
सांसद ने कैराना की स्थिति का वर्णन करते हुए कहा कि वहां
भय, वसूली और एक वर्ग की बढ़ती जनसंख्या हिन्दुओं के
पलायन का कारण बनी है। कैराना से 346 परिवारों ने पलायन
किया है। इस बात को मानवाधिकार आयोग ने
भी स्वीकार किया है। क्षेत्र में एक वर्ग को साफ्ट
टारगेट मानकर निशाना बनाया जा रहा है। व्यापारियों को
पहले वसूली के लिये धमकी दी जाती है। फिर हमले किये जाते
हैं। शांतिपूर्वक व्यवसाय करने वाला यह समाज सबसे ज्यादा
उत्पीड़न का शिकार हो रहा है। आज स्थिति यह है कि अनेक घरों
के बाहर तख्ती लटक रही है कि ‘घर बिकाऊ है’। सांसद ने कहा
कि मेरा जन्म कैराना में हुआ, यहीं शिक्षा हुई और बाद
में यहीं से विधायक रहा और अब सांसद हूं। यहां 20-25 साल
में स्थिति तेजी से बदली है। अब यहां मात्र 15 प्रतिशत
हिन्दू हैं।
आज भी मुसलमानों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं दलित: कौशल
किशोर
मोहनलालगंज
से
भारतीय जनता पार्टी के सांसद कौशल किशोर ने कहा कि गांवों
में मुसलमानों की बढ़ती जनसंख्या और उत्पात के चलते
हिन्दुओं की उच्चवर्गीय जातियां पलायन कर रही हैं। ये
लोग शहरों में आकर बस रहे हैं,जबकि अनुसूचित जातियों के
लोग आज
भी वहीं रहकर मुसलमानों का मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने
कहा कि इतिहास गवाह है कि देश की आजादी का संघर्ष हो या
मुगलों का शासन पासी समाज ने कभी
हार नहीं मानी। एक
भी पासी ने मुगल शासन में इस्लाम ग्रहण नहीं किया।
उन्होंने कहा कि पासी समाज ने इस्लामीकरण से बचने और
मुसलमानों की ज्यादतियों से अपनी इज्जत बचाने के लिए
सुअर पालन का कार्य शुरु किया था, क्योंकि मुसलमान सुअर
से नफरत करते हैं। इसलिए उन्हें अपनी बस्तियों से दूर
रखने के लिए यह कार्य अपनाया। उन्होंने कहा कि बहू-बेटियों
की इज्जत बचाने के लिए इस समाज ने सुअर के खून से अपने
पैरों पर ‘महावर’ रखनी शुरु कर दी थी ताकि कोई इस्लामी
आक्रांता उनके पास न फटकने पाये।
उन्होंने कहा कि पासी समाज के योद्धाओं ने स्वतंत्रता
संग्राम में बलिदान किया था। रेजीडेंसी की लड़ाई में
अंग्रेज जनरल पर सबसे पहला हमला एक पासी ने ही किया था।
यह गंगादीन पासी थे जिन्होंने पाकिन्सन को गोली मारी थी,
जबकि ऊदा देवी पासी ने 36 अंग्रेजों को मौत के घाट उतार
दिया था।
सांसद कौशल किशोर ने आगे कहा कि हिन्दू समाज कमजोर क्यों
हो रहा है? इस पर विचार करना पड़ेगा, हम आज जातियों में
बंटे हैं, नाम के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते
हैं। हम सब हिन्दू हैं यह संदेश देने के लिए नाम के साथ
लगे जाति सूचक शब्दों को हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि
‘अनुसूचित जातियों के लोगों को मुसलमान हिन्दू मानते हैं
और हिन्दू दलित मानते हैं। यह हमारी पीड़ा है इसे हम किससे
कहें।’ उन्होंने स्वयं का उदाहरण देकर हिन्दू समाज में
छुआछूत की बुराई की ओर इंगित किया। सांसद ने बताया कि
‘वह जब हाईस्कूल की पढ़ाई कर रहे थे तो पार्टटाइम में एक
टेलर के यहां सिलाई सीखने लगे थे। इसी दौरान एक दिन
उन्होंने पड़ोसी हलवाई की दुकान पर रखे लोटे से पानी पी
लिया तो उसने बहुत डांटा और फिर से ऐसा नहीं करने की
हिदायत
भी दी। इस पर उन्होंने जब अपने माता-पिता को घटना बतायी
तो उन्होंने कहा कि क्योंकि हम पासी जाति के हैं, इसलिए
उसने तुम्हें डांटा था कि तुमने उनका लोटा क्यों उठा लिया।
’ उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज की कमजोरी का कारण यही
हैं। इसे दूर करना पडेगा,
भारत एक सशक्त राष्ट्र बन सकेगा। पूर्व में कम्युनिस्ट
नेता रहे कौशल किशोर ने अपने
भाषण को
भारत माता के जयघोष के साथ समाप्त किया।
हिन्दू जनसंख्या बढ़ाएं: रघुनन्दन शर्मा
मध्य प्रदेश से अधिवेशन में शामिल होने आये पूर्व सांसद
रघुनन्द शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण
है कि अपने ही देश में तीन लाख कश्मीरी हिन्दू शरणार्थी
बनने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि आज की कश्मीर
समस्या सिर्फ जवाहरलाल नेहरु के कारण है। क्योंकि नेहरु
ने व्यक्तिगत विद्वेष के चलते कश्मीर के महाराज हरि सिंह
को नीचा दिखाने के लिए शेख अब्दुल्ला को बढावा दिया, उनकी
अलगाववादी नीतियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि
1942 में जब महात्मा गांधी ने पूरे देश में
भारत छोड़ो आन्दोलन चलाया तो उसके साथ ही कश्मीर में
अलगाववादी सोच रखने वाले शेख अब्दुल्ला ने महाराजा
कश्मीर छोड़ो का नारा दिया था। इसके लिए एक सभा
आयोजित की गई। उक्त सभा
को जवाहर लाल नेहरु ने
भी संबोधित किया था। इसके बाद महाराजा ने जवाहर लाल नेहरु
को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद ही नेहरु ने तय कर लिया
था कि वह महाराजा को सबक सिखाएंगे। कबाइली आक्रामण के
समय जब महाराजा ने विलय का प्रस्ताव
भजा तो जवाहरलाल नेहरु ने उसे इस शर्त के साथ स्वीकार
किया था कि महाराजा को कश्मीर छोड़ना पड़ेगा और महाराजा ने
देश हित में फैसला लेते हुए कश्मीर छोड़ दिया था। श्री
शर्मा ने कहा कि देश में एक वर्ग की जनसंख्या तेजी से बढ़
रही है। हिन्दुओं को
भी जनसंख्या बढ़ानी चाहिए।
अधिवेशन में हिन्दू फ्रंट फार जस्टिस के संरक्षक और उच्च
न्यायालय के प्रसिद्ध अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कहा कि
देश में सभी
को एक से अधिक विवाह पर रोक होनी चाहिए तथा दो बच्चों का
कानून बनना चाहिए। हिन्दू जनजागृति समिति के संरक्षक
चारुदत्त पिंगले, पूर्व सांसद रामनारायण साहू, विधायक
अरुण कुमार, कर्नल अजीत सिंह, रंजना अग्निोहत्री ने
विचार व्यक्त किये। इनके अलावा अधिवेशन में
भाजपा नेता श्यामनन्दन सिंह, अनीता अग्रवाल, वीणा
चक्रवर्ती, नीरजा माधव समेत देशभर
से अनेक हिन्दू नेता उपस्थित थे। इसके पूर्व अधिवेशन में
हिन्दुत्व के लिए समर्पित कई कार्यकर्ताओं का सम्मान किया
गया।
हिन्दू अधिवेशन का मांग पत्र
अधिवेशन
में 12 सूत्री मांग पत्र पारित किया गया। फ्रंट द्वारा
जारी मांग पत्र में क हा गया है कि कश्मीर से धारा 370
शीघ्र हटायी जाए। वहां के विस्थापित हिन्दुओं को
पुनर्वास हेतु विभिन्न विकास प्राधिकरणों, संस्थाओं में
आवास उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। उन्हें शिक्षण
संस्थाओं और नौकरियों में प्रमुखता से स्थान प्रदान किया
जाए। संविधान संशोधन कर अनुच्छेद 30 को हटाया जाए।
अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक मंत्रालय और अल्पसंख्यकों
के नाम पर चल रहीं वभान्न
योजनाओं को तत्काल निरस्त किया जाए। किसी
भी
भारतीय नागरिक द्वारा अपने जीवन साथी के रहते दूसरा
विवाह करना अवैध एवं दण्डनीय घोषित किया जाए। साथ ही किसी
भी स्त्री या पुरुष के दो से अधिक बच्चे होने पर उसे
मताधिकार से वंचित किया जाए तथा समस्त योजनाओं के लाभ
से वंचित किया जाए। हिन्दू मंदिरों पर किसी
भी प्रकार का कर नहीं लगाया जाए। हिन्दू मंदिरो के पैसे
का उपयोग केवल हिन्दू धर्मावलंबियों के हित में किया जाए।
पूरे देश में गो हत्या निषेध कर कानून बनाया जाए। कक्षा
12 तक संस्कृत को अनिवार्य किया जाए तथा श्रीमदभगद्गीता
को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाए। नौकरियों में
हिन्दुओं को 99 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जाए। देश में
एक स्थान पर वेदशास्त्र की शिक्षा का केन्द्र स्थापित
किया जाए तथा हिन्दू ग्रंथों के डिजिटलाइजेशन की व्यवस्था
की जाए। अयोध्या, मथुरा, काशी,
भोजशाला और लक्ष्मण टीला तथा जहां जहां मंदिर तोड़ कर
मस्जिदें बनायी गई हैं वहां पुन: मन्दिर बनाये जाने हेतु
स्थान हिन्दुओं को सौंपे जाएं। कब्रिस्तानों के नाम पर
हड़पी गई जमीनों को वापस कराया जाए। देश में रह रहे अवैध
घुसपैठियों को बाहर निकाला जाए।