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-सुरिन्दर पाल सिंहृ-
लखनऊ
31 मार्च। उत्तर प्रदेष के
गोरखपुर जिले के चैरा-चैरी इलाके से सन्
2011 में यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स ने
मुंगेर के असलहों की खेप के साथ फिरोज़ व
उसके साथी मोहम्मद बाबर को गिरफ्तार किया
था, जिनसे पूछताछ की गई तो उन्होंने
एसटीएफ के अधिकारियों को बताया कि मुंगेर
के इन असलहों को वे सूबे की राजधानी व उसके
आसपास के राज्यों में बेचने के लिए लाए
थे। ये खुलासा ठीक विधान सभा के चुनावों
से पहले हुआ, जिससे साफ हो गया था कि इन
चुनावों से पहले सूबे में अवैध असलहों की
तस्करी का गोरखधंधा परवान चढ़ने लगा है।
चुनाव चाहे विधान सभा के हों या लोकसभा
के, इनकी दस्तक होते ही यूपी में मुंगेर
के असलहों की खेती लहलहाने लगती है। अब
2014 के लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका
है, तो सूबे में मुंगेर के असलहों का
बाजार एक बार फिर गरमाने लगा है। यूपी की
स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा बीते दिनों
तस्रकी से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार कर
बरामद किए गए मुंगेर के असलहे इसकी एक
बानगी है।
2013 में 21 फरवरी को स्पेशल टास्क फोर्स
ने गोरखपुर से विजय निषाद नाम के तस्कर को
गिरफ्तार किया, जिसके पास से एसटीएफ ने 32
बोर की आठ पिस्टलें और आठ मैग्ज़ीनें बरामद
होने का दावा किया। विजय निशाद से पूछताछ
करने पर खुलासा हुआ कि वह विधान सभा चुनावों
से पहले सन् 2011 में चैरा चैरी क्षेत्र
से गिरफ्तार किए गए फिरोज का साथी है और
बरामद हुए असलहे उसी ने मुंगेर से उसे
नीरज के कहने पर भिजवाए थे।
वर्ष 2013 में 24 जनवरी को स्पेशल टास्क
फोर्स द्वारा मुरादाबाद के रहने वाले
गुड्डू उर्फ मलखान सिंह को राजधानी लखनऊ
से गिरफ्तार किया। एसटीएफ ने उसके पास से
मुंगेर के असलहों की भारी खेप बरामद होने
का दावा किया। इसके बाद पुलिस ने 18
दिसम्बर को संभल के रहने वाले रिंकू और
मुरादाबाद के रहने वाले नरेंद्र को राजधानी
से ही गिरफ्तार किया। इनके पास से भी
पुलिस ने भारी मात्रा में मंुगेर के असलहे
बरामद करने का दावा किया। पूछताछ करने पर
रिंकू ने बताया कि वह गुड्डू उर्फ मलखान
सिंह के साथ मिलकर यूपी में मुंगेर के
असलहों की तस्करी करता था। रिंकू के इस
खुलासे ने साफ कर दिया था कि इन तस्करों
का एक बहुत बड़ा गिरोह है, जो लोकसभा चुनावों
से पहले यूपी में मंुगेर के असलहों की
तस्करी कर रहा है।
स्पेशल टास्क फोर्स ने राजधानी में स्थित
एचएएल के पास से सफारी गाड़ी से जा रहे
गुड्डू उर्फ मलखान को गिरफ्तार किया था।
सफारी की तलाशी ली गई तो 32 बोर की सात
पिस्टलें, 14 मैग्ज़ीन, 315 बोर के तीन
तमंचे, 32 बोर के दस कारतूस सहित भारी
मात्रा में असलहों की खेप बरामद हुई।
एसटीएफ की टीम भी इन असलहों को देख हैरत
में पड़ गई। पूछताछ की गई तो गुड्डू उर्फ
मलखान ने बताया कि ये असलहे मुंगेर के
हैं, जिन्हें वह मुंगेर के वर्धा इलाके
में रहने वाले महफूज़ नाम के व्यक्ति से
खरीदकर यूपी के लखनऊ, फैजाबाद, बस्ती,
सुल्तानपुर व अन्य जिलों में बेचने के लिए
लाया था।
भारी मात्रा में बरामद हुई इस खेप के बाद
अब स्पेशल टास्क फोर्स भी सक्रिय हो चुकी
थी। इस दौरान 2013 में 18 दिसम्बर को
राजधानी के बादशाह नगर रेलवे स्टेशन के
पास से संभल के रहने वाले रिंकू और
मुरादाबाद के रहने वाले नरेंद्र को
गिरफ्तार किया तो उनके पास से भी 32 बोर
की छह पिस्टलें और 12 मैग्ज़ीनें बरामद हुईं।
पूछताछ की गई तो रिंकू ने एसटीएफ के
अधिकारियों को बताया कि वे गुड्डू उर्फ
मलखान सिंह का साथी है। उसकी गिरफ्तारी से
पहले वह और गुड्डु मिलकर ही इन अवैध असलहों
की तस्करी करते थे। रिंकू व उसके साथी
नरेंद्र से बरामद हुए असलहों के बारे में
पूछताछ करने पर रिंकू ने बताया कि मुंगेर
के वर्धा में रहने वाले महफूज से ही उसने
ये असलहे खरीदे थे, जिन्हें वे उत्तर
प्रदेश के विभिन्न जिलों में बेचने के लिए
लाए थे।
चुनाव से पहले होने वाली मुंगेर के असलहों
की तस्करी करने वालों पर एसटीएफ भले ही
शिकंजा कस रही है, पर सवाल ये है कि इतनी
भारी मात्रा में ये तस्कर उत्तर प्रदेश
में भला कैसे प्रवेश कर रहे हैं?
25 दिन में 2500 से ज्यादा असलहे बरामद
लोकसभा चुनाव से पहले अवैध असलहों की
तस्करी पर अंकुष लगाने के लिए चलाए जा रहे
अभियान में खुद पुलिस की मानें तो ढाई
हजार से भी अधिक अवैध असलहे बरामद किए जा
चुके हैं।
पुलिस महानिदेषक मुख्यालय से 31 मार्च को
जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक, पांच मार्च
से “ाुरू किए गए अभियान के तहत 30 मार्च
तक दो हजार 827 अवैध असलहे, चार हजार 975
अवैध कारतूस, एक हजार 118 किलोग्राम
विस्फोटक पदार्थ और 214 देषी बम बरामद किए
जा चुके हैं।
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