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.लखनऊ,
23 मार्च । भारत जनतंत्रीय महोत्सव में
परिवर्तन के कगार पर खड़ा है परन्तु आजादी
के 65 वर्षों बाद भी शहीदों के सपनों का
भारत हम नहीं बना सकें। स्वतंत्रता स्वराज
तो मिला लेकिन स्वराज कोसों दूर है। देश
भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई जैसे अनेकों
चुनौतियों से जूझ रहा है। जिस समाजवादी
समाज की संकल्पना भगत सिंह, राजगुरू,
सुखदेव, चन्द्र शेखर आजाद जैसे अनेक
सेनानियों ने किया, वह समाज आज के
जनतांत्रिक व्यवस्था में नहीं देखने को
मिल रहा है।
उक्त बातें सुमंगलम परिवार एवं कर्तव्या
फाउण्डेशन द्वारा राजगुरू-सुखदेव-भगत सिंह
के शहीद दिवस पर आयोजित पुष्पांजली एवं
स्मृति सभा को सम्बोधित करते हुए सुमंगलम
परिवार के महासचिव राजकुमार ने कही।
उन्हांेने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी
चिन्तन का दावा करने वाली दल भी वंशवाद,
क्षेत्रवाद, भ्रष्टाचार जैसे समस्याओं से
जूझ रहे हैं। जन सेवा- राष्ट्र सेवा केवल
नारे का विषय बन कर रह गया है। लेकिन युवा
भारत अपने शहीदों का स्मरण कर उनके सपनों
का भारत बनायेगा। यही शहीदों की सच्ची
श्रद्धांजलि होगी।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के कार्यकारी
अध्यक्ष एवं लखनऊ विष्वविधालय के प्रोफेसर
अनिल कुमार सिंह ने कहा कि भारत को यदि
अपने शाश्वत चिंतन और गरिमा को संजोकर रखना
है तो क्रानितकारियों के आदर्शों एवं
व्यवहार को युवाओं में प्रतिष्ठित करने
होंगे।
लखनऊ विश्वविधालय के वरिष्ठ प्रो. आर.आर.
सिंह ने कहा कि शहीदों ने देश के लिए अपना
जीवन न्यौछावर कर दिया। हम सभी इनको अपना
आदर्शमानकर देश के लिए जिये तभी भारत
विश्व की अगुवाई कर सकता है।
लखनऊ विश्वविधालय समाज कार्य विभाग के डा.
रोहित मिश्र ने स्मृति सभा में अपने ओजस्वी
कविताओं के माध्यम से कहा कि जो देश अपने
शहीदों को भुला देता है वो देश मिट जाता
है। देश के क्रानितकारियों ने अंग्रेजी
सरकार को नाकों-चने चबाने पर मजबूर कर दिया
था। क्रानितकारियों से भयभीत होकर ही
अंग्रेजों ने भारत छोड़ा। आज आवश्यकता है
देश को भ्रष्टाचार-अराजकता-साम्प्रदायिकता
से मुकित दिलाकर विश्व के अग्रणी राष्ट्रों
मेें खड़ा करने की और यह कार्य युवा वर्ग
इन शहीदों से प्रेरणा लेकर ही कर सकती है।
समाजसेवी डा. अमितपुरी ने कहा कि परिवर्तन
स्वयं से शुरू होना चाहिए। स्वयं में
परिवर्तन लाकर उदाहरण प्रस्तुत करने से
समाज व राष्ट्र में सकारात्मक परिवर्तन
आयेगा।
समाजसेवी हर्षवर्धन सिंह ने युवावों को
क्रानितपथ पर बढ़ने की बात की जिससे देश
स्वाभिमान के साथ विश्व का नेतृत्व करे।
क्रानितकारियों के सपनों को युवा ही साकार
कर सकता है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कर्तव्या
फाउण्डेषन के महासचिव डा. हरनाम सिंह ने
शहीदों की स्मृति में बने स्मारकों की
सिथति पर चिन्ता व्यक्त कर कहा कि सरकार
को शहीदों के स्मारकों का उचित संरक्षण
करना चाहिए।
स्मृति सभा में मुख्यरूप से सीमैप के
वैज्ञानिक अजीत सासनेय, विनीत यादव, जुगुल
किशोर पाण्डेय, प्रवीण पाण्डेय, अभिषेक
मिश्र, शोभित सिंह, नितिन मिततल,
श्रीकृष्ण चैधरी, अभिषेक उपाध्याय, सौरभ,
जितेन्द्र सिंह, चेतन शुक्ला, अमर सिंह आदि
उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन फाउण्डेशन के
संरक्षक सुभाष चन्द्र अग्रवाल ने किया।
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