लखनऊ
30
मार्च।
कांग्रेस
के
प्रदेश
अध्यक्ष
डा.
निर्मल
खत्री
के
सामने
इस
बार
अपना
गढ़
बचाने
की
चुनौती
है।
उन्हें
इस
बार
विपक्षियों
से
ज्यादा
अपनों
से
ही
जूझना
पड़
रहा
है।
यही
कारण
है
कि
उनको
सबसे
ज्यादा
समय
अपने
संसदीय
क्षेत्र
फैजाबाद
में
रूठे
कार्यकर्ताओं
को
मनाने
में
लगाना
पड़
रहा
है।
2009
के
लोकसभा
चुनाव
में
वह
बसपा
के
मित्रसेन
यादव
को
पराजित
कर
दूसरी
बार
संसद
भवन
पहुँचने
में
कामयाब
हुए
थे।
पिछली
बार
उनके
मिलनसार
व्यक्तित्व
और
कांग्रेस
की
लहर
का
फायदा
पार्टी
को
मिला
और
वह
फैजाबाद
से
कांग्रेस
का
झंण्डा
बुलंद
करने
में
सफल
हुए।
पिछली
बार
कुछ
सामाजिक
समीकरण
भी
ऐसा
बना
कि
2004
के
चुनाव
में
चैथे
स्थान
पर
रहने
वाल
निर्मल
खत्री
2009
के
लोकसभा
चुनाव
जीतने
में
कामयाब
हो
गये।
वर्तमान
परिदृश्य
में
अगर
फैजाबाद
संसदीय
सीट
पर
नजर
डालें
तो
फैजाबाद
की
पाँच
विधानसभा
सीटों
में
चार
पर
सपा
का
कब्जा
है
और
रूदौली
विधानसभा
पर
भाजपा
का
कब्जा
है।
इस
लोकसभा
में
दरियाबाद
सीट
भी
आती
है
यहाँ
से
भी
सपा
का
ही
विधायक
है।
इसके
अलावा
अगर
2014
के
दलीय
प्रत्याशियों
पर
भी
नजर
दौड़ायें
तो
भाजपा
से
अयोध्या
के
पूर्व
विधायक
लल्लू
सिंह,
बसपा
से
जितेन्द्र
सिंह
उर्फ
बब्लू,
सपा
से
पूर्व
सांसद
मित्रसेन
यादव
और
कांग्रेस
से
खुद
डा.
निर्मल
खत्री
मैदान
में
हैं।
ये
चारों
उम्मीदवार
सशक्त
हैं।
ऐसे
में
फैजाबाद
में
रोचक
मुकाबले
के
आसार
हैं।
सभी
प्रत्याशी
अपनी-अपनी
गणित
बैठाने
में
जुटे
हैं।
ऐसे
में
भाजपा
प्रत्याशी
को
मोदी
लहर,
बसपा
प्रत्याशी
को
सजातीय
और
दलित
वोट
बैंक,सपा
प्रत्याशी
को
स्वजातीय
और
मुस्लिम
वोट
और
कांग्रेस
उम्मीदवार
डा.
खत्री
वैश्य
वोट
बैंक
के
सहारे
अपनी
गाड़ी
पार
लगाना
चाहते
हैं।
अब
देखना
यह
है
कि
चुनाव
में
मतदाताओं
का
रूझान
किधर
रहेगा।
वहीं
इस
बार
फैजाबाद
संसदीय
सीट
पर
अयोध्या
का
असर
नहीं
रहेगा
फिर
भी
मुस्लिम
मतदाता
निर्णायक
की
भूमिका
में
रहेंगे।
सपा
और
कांग्रेस
उम्मीदवार
मुस्लिम
मतों
को
अपने
पक्ष
में
करने
की
हर
संभव
कोशिश
में
लगे
हैं।
हाल
ही
में
कांग्रेस
से
छह
साल
के
लिए
निष्कासित
वरिष्ठ
नेता
एवं
पीसीसी
सदस्य
डॉ.
खलील
अहमद
ने
प्रदेश
अध्यक्ष
डॉ.
निर्मल
खत्री
के
नाम
खुला
पत्र
जारी
कर
केंद्र
सरकार
की
समितियों
से
लेकर
प्रदेश
कमेटी
में
प्रमुख
मुस्लिम
व
दलित
नेताओं
की
उपेक्षा
का
आरोप
लगाया
था।
डा.
खलील
ने
डा.
खत्री
पर
झूठे
वायदे
करने
का
आरोप
लगाते
हुए
कहा
था
कि
चैक
सराय
तरकारी
मंडी
में
जलभराव
से
डेढ़-दो
सौ
दुकानदारों
के
प्रभावित
होने
की
समस्या
कई
बार
उठाई
लेकिन
ध्यान
नहीं
दिया
गया।
अभी
हाल
ही
में
युवा
कांग्रेस
के
महासचिव
एजाज
अहमद
सहित
कई
कांग्रेसी
भी
पार्टी
का
साथ
छोड़
चुके
हैं।
ऐसे
में
फैजाबाद
में
कांग्रेस
का
किला
दरकता
नजर
आ
रहा
है।
ऐसे
में
दिलचस्प
बात
यह
है
कि
जिसके
ऊपर
पार्टी
की
तरफ
से
पूरी
यूपी
फतह
की
जिम्मेदारी
है
वह
खुद
अपने
घर
में
घिरता
नजर
आ
रहा
है।
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