कोरोना बुलेटिन: 12 हिमालयी राज्यों में 83 मौत , कुल मामले 11627,रिकवरी रेट 38 फीसदी
मृत्यु दर 1 प्रतिशत से कम, जम्मू कश्मीर 4507 , असम 3319, उत्तराखंड तीसरे स्थान पर !
share भूपत सिंह बिष्ट
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देहरादून Dehraun , 11 जून 2020> (उत्तर प्रदेश समाचार सेवा)। देश में आज कोरोना वायरस वैश्विक महामारी में मरीजों का आंकड़ा 2 लाख 87 हजार के पार हो गया है और अब चैथे स्थान पर चल रहे ब्रिटेन से महज चार हजार का अंतर शेष रह गया है। इधर जम्मू - कश्मीर से लेकर अरूणाचल तक के बारह हिमालयी राज्यों , ( जिस में नार्थ - ईस्ट के सभी राज्य शामिल हैं ) में भी कोरोना प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन बारह राज्यों की आबादी 7 करोड़ 51 लाख से अधिक है और यहां कोरोना संक्रमण कुल 11627, सक्रिय मामले 7126, ठीक हुए 4418 और 83 लोगों की मौत हो चुकी है। गनीमत यह है कि अभी मणिपुर , नागालैंड , अरूणाचल , मिजोरम व सिक्किम पांच राज्यों में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है।
हिमालयी राज्यों में जम्मू कश्मीर मे मृत्यु दर अधिक
जम्मू कश्मीर 52 के बाद उत्तराखंड 15, हिमाचल 7, असम 6, त्रिपुरा - लद्दाख - मेघालय में एक - एक मौत दर्ज हुई हैं। फिलहाल मृत्यु दर एक प्रतिशत से नीचे और देश में कोरोना मृत्यु दर तीन प्रतिशत से नीचे है। देश के मुकाबले यहां अभी रिकवरी दर कम है क्योंकि कोरोना का प्रकोप इस हिमालयी क्षेत्र में चैथे और पांचवे लाकडाउन के बीच बढ़ा है। अब देश के 49 फीसदी की तुलना में अभी 38 प्रतिशत पर हैं और निरंतर सुधार पर है। जम्मू कश्मीर में आज कुल कोरोना मामले 4507 और सक्रिय मामले 2784 हैं। मृत्यु दर एक फीसदी से अधिक और रिकवरी 37 फीसदी बनी हुई है। कोरोना मामले रोज बढ़ रहे हैं। दूसरे स्थान पर असम कुल कोरोना मामले 3319 , सक्रिय मामले 2064 हैं। मृत्यु दर आधा फीसदी से भी कम और रिकवरी रेट 38 फीसदी है। कोरोना मामले रोज बढ़ रहे हैं। उत्तर - पूर्व के अन्य छह राज्यों में असम का क्षेत्रफल और जनसंख्या सबसे अधिक है।
संक्रमण में हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर तीसरे स्थान पर उत्तराखंड में कुल कोरोना मामले 1637 व सक्रिय मामले 785 हैं। मृत्यु दर एक फीसदी से कम और रिकवरी 51 फीसदी बनी हुई है। कोरोना मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, जबकि बाहर से आने वाले नागरिकों की संख्या में अब कमी आ रही है। देहरादून 419, नैनीताल 334, टिहरी 253, हरिद्वार 169 व उधम सिंह नगर 99 कोरोना मामलों के साथ पहले पांच जनपद बने हुए हैं। चैथे स्थान पर त्रिपुरा में कुल कोरोना मामले 898, सक्रिय 658 व 239 ठीक हो चुके हैं। रिकवरी रेट 27 फीसदी और एक मरीज की मौत हुई है। फिलहाल यहां कोरोना से रिकवरी अच्छी पायी गयी है और अधिकांश मामले नये हैं। हिमाचल प्रदेश में अब कुल मामले 459 और सक्रिय मामले 193 हैं। रिकवरी रेट 56 प्रतिशत और मृत्यु दर डेढ़ फीसदी बनी हुई है। कोरोना के मामले सीमावर्ती उत्तराखंड व जम्मू कश्मीर की तुलना में नियंत्रित लगते हैं। मणिपुर में 6 जून को कोरोना मामले 124 और आज 342 हो चुके है। 218 मामलों की कोरोना उछाल बता रही है कि यहां के हालात चिंताजनक हो रहे हैं। अभी तक कोई मौत नहीं हुई है और रिकवरी 18 फीसदी एक दम नये मामलों के कारण कम है।
अरुणाचल, नागालैंड, सिक्किम में बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले
नागालैंड जहां पहले कोरोना मरीज शून्य रहे अब आंकड़ाा 130 हो चुका है। सक्रिय मामले 108 और 22 ठीक हो गए हैं। लद्दाख में भी कोरोना मामले एक सप्ताह में 25 बढ़कर 115 हो गए हैं। सक्रिय मामले 62 और 52 मरीज ठीक हो गए हैं। लद्दाख में दो जनपद लेह और कारगिल हैं तथा यहां रिकवरी रेट 45 फीसदी है। अरूणाचल प्रदेश में भी काफी समय तक कोरोना का एक मरीज वो भी रिकवरी कर चुका था लेकिन अब कुल मामले 61 और सक्रिय मामले 57 हैं। 4 मरीज ठीक हुए हैं। मेघालय में कुल मामले 44 व सक्रिय मामले 25 हैं। मिजोरम में 6 जून को 17 कोरोना केस थे और अब यह आंकड़ा विस्फोट के रूप में छह गुना बढ़कर 102 हो गया है। फिलहाल एक मरीज की ही रिकवरी हो पायी है। हिमालयी राज्यों में सबसे छोटे सिक्किम में कोरोना ने पैर फैला लिए हैं। 6 लाख आबादी वाले सिक्किम में आज कोरोना के कुल मामले 13 व सक्रिय मामले 10 हैं और 3 मरीजों के ठीक होने से रिकवरी 23 फीसदी अब बढ़नी शुरू हा गई है। कोरोना माडल की तुलना करने पर देश का पहला कोरोना पीडि़त राज्य केरल में कुल मामले आज 2162, सक्रिय मामले 1238 और 905 ठीक हो चुके हैं। यहां 18 कोरोना मरीजों की मौत हुई है और रिकवरी दर 42 फीसदी व मृत्यु दर एक फीसदी से नीचे बनी हुई है। केरल में प्रवासी नागरिकों का लौटना देश - विदेश से जारी है। बेहतर हास्पीटल, नियोजित क्वारंटीन सेंटर और ट्रेकिंग एप के जरिये कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए बेहतर रणनीति बनायी है। फलस्वरूप सीमावर्ती तमिलनाडु व अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों में ही नहीं अपितु देश भर में केरल की कोरोना नीति अनुकरणीय है।
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