डीएलएड शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर, मानव संसाधन मंत्रालय ने डिप्लोमा को माना वैध
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सीतापुर , 19 मई 2020 उत्तर प्रदेश समाचार सेवा > मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान (एनआईओएस) से प्रारम्भिक शिक्षा में दो
वर्षीय डिप्लोमा डीएलएड प्रमाण-पत्र धारकों के लिये राहत भरी खबर है।
गौरवतलब है ऐसे प्रमाण-पत्र धारकों की संख्या पूरे भारत में लगभग 15 लाख है यह कोर्स निजी व सरकारी स्कूलों में अध्यापन कार्य कर रहे शिक्षकों को तब काराया गया था जब शिक्षा का अधिकार कानून के तहत इनका प्रशिक्षित होना आवश्यक कर दिया गया था ऐसे में यह डिप्लोमा करने
वालों को 18 माह में ही पूर्ण प्रशिक्षण कराकर उन्हें डीएलएड प्रमाण-पत्र दे दिया गया बतातें चलें जब बिहार राज्य में निकली शिक्षक भर्ती में शामिल होनें के लिये इन डिप्लोमा धारकों नें आवेदन किया तो बिहार सरकार नें एनसीटीई से इसके संबंध में जवाब मांगा एनसीटीई से मिले जवाब में उन्हें इस भर्ती में शामिल
होनें के लिये अयोग्य ठहरा दिया गया शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण करनें वाली संस्था एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) नें इस कोर्स को शिक्षक बननें के लिये अवैध बताते हुये कहा कि इस कोर्स की अवधि दो वर्ष होती है जबकि इसे 18 महीने ही हुये है अतः यह कोर्स शिक्षक पात्रता नियमों से बाहर है
एनसीटीई व सरकार द्वारा नकारे जाने के बाद इन डिप्लोमा धारकों का भविष्य अधर मे दिखने लगा जिसके चलते बिहार राज्य के सभी प्रशिक्षुओं नें पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और न्याय की गुहार लगाई ऐसे में पटना हाईकोर्ट नें एनसीटीई के दिये गये जवाब को गलत ठहराते हुये 18 महीनें के कोर्स डीएलएड को शिक्षक बननें
हेतु पूर्णतया सही बताते हुये फैसला प्रशिक्षुओं के पक्ष में सुनाया पटना कोर्ट में मिली जीत के बाद इसी कोर्स को करने वाले अन्य राज्यों के लाखों प्रशिक्षुओं के मन में एक आस जग गयी जिसके बाद उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के प्रशिक्षुओं नें एकजुट होकर राज्य सरकारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिसके चलते
उत्तर प्रदेश में ऐसे डीएलएड प्रशिक्षुओं नें संघर्ष की राह चुनकर एकजुटता का आह्वाहन करते हुये एनआईओएस डीएलएड शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उ.प्र. का गठन किया प्रशिक्षुओं के लगातार संघर्ष के चलते मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से यूपी सहित भारत के सभी राज्यों के प्रशिक्षुओं को बहुत बड़ी राहत दी है ।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विजय शंकर पाण्डेय नें बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि यह 18 महीने का डीएलएड डिप्लोमा कोर्स शिक्षक भर्ती हेतु पूर्णतया मान्य होगा साथ ही उन्होंने अपने बयान में कोर्ट के
निर्णय का सम्मान करने की बात कही मंत्रालय की तरफ से आयी इस खबर के बाद सभी ऐसे डिप्लोमा धारकों के मन में खुशी की लहर दौड़ गई साथ ही संगठन के प्रदेश महासचिव शोभित मिश्र ने कहा कि यह सभी प्रशिक्षुओं के संघर्ष का नतीजा है और हम सभी को न्याय अवश्य मिलेगा संगठन हर उस लड़ाई को लड़ने के लिये सदैव तत्पर है
जो हम सभी डिप्लोमा धारकों के उज्जवल भविष्य का निर्माण कर सकती है। |