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यूपी कैबिनेट के फैसले

अल्ट्रा मेगा रिन्यूएवल  एनर्जी पावर पार्क के लिए यूपीनेडा और टीडीसीआईएल के बीच सहमति के प्रस्ताव को स्वीकृति

UP में निजी विद्यालयों के लिए मण्डल स्तरीय ट्रिब्यूनल के लिए अध्यादेश                                        

लखनऊ, 16 जून 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा) मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सरकार की सौर ऊर्जा नीति-2017 तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, (एमएनआरई) भारत सरकार की अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क  स्कीम के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क की स्थापना के लिए यूपीनेडा एवं टिहरी हाईड्रो डेवलपमेन्ट कारपोरेशन इंडिया लिमिटेड के मध्य संयुक्त उपक्रम गठित करने हेतु निष्पादित किये जाने वाले मेमोरेंडम आॅफ अण्डरस्टैंडिंग (एम0ओ0यू0), मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन (एम0ओ0ए0), आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन (ए0ओ0ए0) के अनुमोदन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क की स्थापना के लिये प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम के गठन हेतु एम0ओ0यू0 के अनुसार संयुक्त उपक्रम की अधिकृत शेयर कैपिटल 50 करोड़ रुपये की होगी, जिसमें उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) का 26 प्रतिशत एवं टी0एच0डी0सी0आई0एल0 का इक्विटी अंश 74 प्रतिशत होगा। इसलिए यूपीनेडा का इक्विटी के रूप में देय अनुदान 13 करोड़ रुपये मात्र होगा जो यूपीनेडा द्वारा विगत वर्षों में किये गये कार्यों के सापेक्ष प्राप्त तीन प्रतिशत सेवा चार्जेज से सृजित अनुषांगिक निधि से किया जाएगा। यह व्यय भार एक मुश्त तथा आरम्भ में ही संयुक्त उपक्रम के गठन पर होगा। टी0एच0डी0सी0आई0एल0 द्वारा शेष 74 प्रतिशत अंश पूँजी के समतुल्य 37 करोड़ रुपये का आरंभिक निवेश संयुक्त उपक्रम में किया जायेगा तथा इसके अतिरिक्त नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क योजना के अन्तर्गत गठित संयुक्त उपक्रम को अल्ट्रा मेगा सोलर पार्क की आंतरिक अवस्थापना के विकास तथा पार्क से निकटस्थ पारेषण तंत्र तक कनेक्टीविटी हेतु 20 लाख रुपये प्रति मेगावाट अथवा परियोजना मूल्य का 30 प्रतिशत, जो भी कम हो, केन्द्रीय वित्तीय सहायता के रूप में दिया जायेगा। प्रारम्भ में संयुक्त उपक्रम द्वारा 600 मेगावाट का सोलर पार्क के विकास का लक्ष्य है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए करो में छूट का प्रवाधान
मंत्रिपरिषद ने औद्योगिक विकास विभाग द्वारा प्रख्यापित ‘उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति-2019’ के क्रियान्वयन सम्बन्धी मार्गदर्शी सिद्धान्त/नियमावली में उल्लिखित दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए करों में प्रस्तावित छूट प्रदान करने हेतु, उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम की धारा-4 एवं धारा-6 के अन्तर्गत शासन द्वारा पूर्व में निर्गत अधिसूचनाओं में संशोधन किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
वर्तमान में आॅटो मोबाइल उद्योग से उत्पन्न प्रदूषण को कम करने की दृष्टि से सरकार इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को प्रोत्साहित कर रही है तथा सड़कों पर बढ़ती हुई इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या के परिणामस्वरूप सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग (आवेशित करने की) अवस्थापना सुविधाओं का भी निरंतर विस्तार हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन दिये जाने एवं प्रदूषण की रोकथाम के उद्देश्य से औद्योगिक विकास विभाग द्वारा ‘उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग नीति-2019’ प्रख्यापित की गयी है।
इस नीति में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण तथा इसके प्रोत्साहन के लिए उत्तर प्रदेश में निर्मित प्रथम एक लाख इलेक्ट्रिक वाहनों में भी टू-व्हीलर ईवीज को रोड टैक्स में 100 प्रतिशत तथा अन्य ईवीज को रोड टैक्स में 75 प्रतिशत की छूट प्रदान करने का प्राविधान किया गया है।
अतः तत्क्रम में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण तथा इसके प्रोत्साहन के लिए उ0प्र0 में इलेक्ट्रिक वाहनों में करों में छूट प्रदान करने हेतु ‘उ0प्र0 मोटरयान कराधान अधिनियम-1997’ की धारा-4 एवं धारा-6 के अन्तर्गत शासन की निर्गत अधिसूचनाओं में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया है।
इसके फलस्वरूप इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरिंग हेतु इकाइयां/यूनिट्स के साथ-साथ चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित होंगे, जिससे रोजगार सृजन में वृद्धि होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन से वायु प्रदूषण में कमी आएगी, जिससे आमजन लाभान्वित होंगे।

‘उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2020’ के आलेख्य को अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2020’ के आलेख्य को अनुमोदित कर दिया है। इसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम, 2018 की धारा 2, 4, 8, 9 एवं 11 में संशोधन किया गया है। मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश, 2020’ को अधिनियम के रूप में प्रख्यापित किए जाने हेतु विधान मण्डल के आगामी सत्र में विधेयक प्रस्तुत किये जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।
गौरतलब है कि वित्तविहीन विद्यालयों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क को विनियमित किए जाने के उददेश्य से उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय शुल्क विनियमन अधिनियम, 2018 (उत्तर प्रदेश अधिनियम संख्या-40 सन् 2018) प्रख्यापित किया गया है। शुल्क अधिनियम-2018 में जिला स्तरीय शुल्क नियामक समिति के आदेश के विरुद्ध ‘राज्य स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपील प्राधिकरण’ में अपील किए जाने की व्यवस्था है।
दूर-दराज के जनपदों के विद्यालयों/अन्य व्यक्तियों द्वारा जिला शुल्क नियामक समिति के निर्णय के विरुद्ध अपील किए जाने में कठिनाई का सामना न करना पड़े तथा अपीलों का निस्तारण शीघ्र सुनिश्चित किए जाने के उददेश्य से राज्यस्तरीय अपील प्राधिकरण को विकेन्द्रीकृत करते हुए मण्डल स्तर पर मण्डलीय स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय अपील प्राधिकरण का गठन किया जाना प्रस्तावित है तथा असाधारण तथा आपातकालीन परिस्थितियों में वित्तविहीन विद्यालयों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क को नियमित किए जाने हेतु राज्य सरकार द्वारा आदेश दिए जाने की व्यवस्था अधिनियम में संशोधन कर छात्र हित में की जानी प्रस्वावित है।
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गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के संबंध में

मंत्रिपरिषद ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव अनुमोदित कर दिया है। इसके अन्तर्गत ई०पी०सी० पद्धति पर क्रियान्वित किये जा रहे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के पैकेज सं0-2 पर कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।
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पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना के सम्बन्ध में प्रस्तुत प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लॉकडाउन के कारण श्रमिकों की पर्याप्त उपलब्धता न होने के फलस्वरूप कार्यों की वांछित प्रगति न प्राप्त होने व ठेकेदारों के समक्ष कैशफ्लो की समस्या के समाधान हेतु भारत सरकार द्वारा निर्गत दिशा निर्देशों व ठेकेदारों से प्राप्त अनुरोधों के क्रम में उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) द्वारा ई0पी0सी0 पद्धति पर क्रियान्वित ‘पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना’ के निर्माणकर्ता के साथ निष्पादित अनुबन्ध के शेड्यूल-एच0 (कॉन्ट्रैक्ट प्राइस वेटेज) में संशोधन का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। प्रस्तावित संशोधन अनुपूरक अनुरोध के निष्पादन की तिथि से 08 माह की अवधि के लिए ही मान्य होंगे। परियोजना को समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जा सकेगा। परियोजना को ससमय पूर्ण किये जाने से जनसामान्य को परियोजना का शीघ्र लाभ सुलभ हो सकेगा। प्रस्तावित संशोधन से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना की प्रगति बढ़ाने में मदद मिलेगी जिससे रोजगार सृजन भी संभव हो सकेगा।
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मोटरयान अधिनियम-1988 के अन्तर्गत यातायात नियमों के उल्लंघन के फलस्वरूप घटित दण्डनीय यातायात अपराधों
के शमन हेतु निर्धारित धनराशि में वृद्धि का प्रस्ताव स्वीकृत


मंत्रिपरिषद ने मोटरयान अधिनियम-1988 के अन्तर्गत यातायात नियमों के उल्लंघन के फलस्वरूप घटित दण्डनीय यातायात अपराधों के शमन हेतु निर्धारित धनराशि में वृद्धि किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
मोटरयान अधिनियम-1988 में राज्य सरकार को दण्डनीय अपराधों के प्रशमन हेतु शुल्क निर्धारित करने की अधिकारिता प्राप्त है। उक्त अधिनियम-1988 लागू होने के बाद जुर्माने की राशि में पर्याप्त वृद्धि न होने के कारण यातायात अपराधों में अपेक्षित कमी नहीं हो सकी।
वर्तमान में जनसंख्या एवं आर्थिक विकास में वृद्धि के कारण वाहनों की संख्या में अत्यधिक बढ़ोत्तरी हुई है, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में वाहन दुर्घटनाओं में वृद्धि होने से अपार जनधन की क्षति हो रही है। सड़क सुरक्षा में वृद्धि के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है।
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उ0प्र0 राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध
अधिनियम, 2004 में संशोधन हेतु अध्यादेश का प्रारूप अनुमोदित


मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध अधिनियम, 2004 में संशोधन हेतु अध्यादेश के प्रारूप को अनुमोदित कर दिया है।
ज्ञातव्य है कि व्यय विभाग वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत अतिरिक्त संसाधन जुटाने हेतु राज्य को वित्तीय वर्ष 2020-2021 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 02 प्रतिशत की अतिरिक्त ऋण सीमा अनुमन्य की गयी है।
केन्द्र सरकार द्वारा अतिरिक्त ऋण लिए जाने की अनुमति इस शर्त के साथ प्रदान की गयी है कि प्रदेश सरकार अपने राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध अधिनियम में यथेष्ट संशोधन करेगी।
वित्तीय वर्ष 2019-2020 तक राजकोषीय घाटे की सीमा प्राक्कलित सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 03 प्रतिशत निर्धारित थी। केन्द्र सरकार द्वारा सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 02 प्रतिशत अतिरिक्त ऋण सीमा अनुमन्य किये जाने के फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2020-2021 में राजकोषीय घाटे की सीमा प्राक्कलित सकल राज्य घरेलू उत्पाद के 05 प्रतिशत होगी।
तद्नुसार वित्तीय वर्ष 2020-2021 में संशोधन के लिए उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबन्ध अधिनियम (द्वितीय संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप को अनुमोदित किया गया है।
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जनपद मिर्जापुर में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु
भारत सरकार के पक्ष में भूमि निःशुल्क हस्तान्तरित करने का निर्णय


मंत्रिपरिषद ने ग्राम देवरी तप्पा-84, परगना कन्तित, तहसील सदर जनपद मिर्जापुर में 2.360 हेक्टेयर अर्थात कुल 6.50 एकड़ भूमि पर केन्द्रीय विद्यालय स्थापित किए जाने हेतु भूमि निःशुल्क भारत सरकार के पक्ष में हस्तान्तरित करने का निर्णय लिया है।
ज्ञातव्य है कि केन्द्र सरकार के स्थानान्तरित कर्मचारियों, जिनमें रक्षा तथा अर्धसैनिक बलों के कर्मी भी शामिल हैं, के बच्चों को शिक्षा के सामान्य कार्यक्रम के अन्तर्गत शिक्षा प्रदान कर उनकी शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने, विद्यालयी शिक्षा के क्षेत्र में श्रेष्ठता और गति प्रदान करने, शिक्षा के क्षेत्र में नये-नये प्रयोग तथा नवाचारों को सम्मिलित करने एवं बच्चों में राष्ट्रीय एकता और भारतीयता की भावना का विकास करने के उद्देश्य से जनपद-मिर्जापुर में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।
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आबकारी नीति 2020-21 के विभिन्न प्राविधानों में संशोधन का निर्णय

मंत्रिपरिषद ने आबकारी नीति 2020-21 के विभिन्न प्राविधानों में संशोधन करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय कोविड-19 महामारी की रोकथाम हेतु किये गये देशव्यापी लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों के दृष्टिगत लिया गया है।
इस निर्णय के अन्तर्गत देशी मदिरा फुटकर दुकानें एवं विदेशी मदिरा, बीयर की दुकानें और माडल शाॅप्स जो कन्टेनमेंट जोन में स्थित होने के कारण प्रभावित रहीं, उनका माह मई, 2020 हेतु निर्धारित एम0जी0क्यू0 को उठाने की अनिवार्यता एवं निर्धारित राजस्व के समतुल्य निकासी लिये जाने की अनिवार्यता से छूट प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही 03 मई, 2020 के शासनादेश के अनुपालन में संचालित करायी गयी, ऐसी देशी मदिरा दुकानों एवं विदेशी मदिरा, बीयर की दुकानों और माॅडल शाॅप्स जो माह मई, 2020 के एम0जी0क्यू0 को नहीं उठा सकीं एवं माह मई, 2020 के निर्धारित राजस्व के समतुल्य निकासी नहीं ले सकीं, उन दुकानों को कम उठाई गयी मात्रा एवं कम उठाई गयी निकासी में सन्निहित राजस्व से छूट प्रदान किये जाने का भी फैसला लिया गया है।
इसके अलावा, परिवहन पासों/परमिटों के संबंध में देश से बाहर के प्रकरणों में लाॅकडाउन की समाप्ति से 60 दिवस तक वैधता बढ़ाये जाने की अनुमति प्रदान किये जाने के साथ ही लाॅक डाउन के पूर्व निर्गत पासों/परमिटों की वैधता अवधि अनुरोध किये जाने पर प्रदेश के बाहर के प्रकरणों में 30 जून, 2020 तक बढ़ाया जाना है। परिवहन पासों के सत्यापित होकर प्राप्त होने हेतु 90 दिवस की अवधि की गणना में लाॅकडाउन अवधि को गणना में सम्मिलित न किये जाने का निर्णय भी लिया गया है।
साथ ही, समुद्रपार आयातित मदिरा के एक उत्पाद या ब्राॅण्ड ओनर द्वारा प्रति ब्राॅण्ड हेतु प्रदेश में अधिकतम 05 इकाइयों को अधिकृत कर सकने का प्राविधान है। सभी इच्छुक व्यवसायियों को समान अवसर प्रदान करने एवं प्रदेश की भौगोलिक विशालता की दृष्टि से समुद्रपार आयातित मदिरा के एक उत्पाद या ब्राॅण्ड ओनर द्वारा प्रति ब्राॅण्ड हेतु प्रदेश में अधिकृत किये जाने वाली इकाइयों की अधिकतम संख्या का प्राविधान समाप्त किये जाने एवं वर्ष 2020-21 हेतु मदिरा के नये ब्राॅण्डों के पंजीकरण हेतु ट्रेडमार्क पंजीकरण की अनिवार्यता से 03 माह की छूट प्रदान की जाएगी।
मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार व्यवस्थापन एवं राजस्व हित में ई-लाॅटरी प्रक्रिया को आबकारी आयुक्त द्वारा जनपदवार निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार संपादित कराया जाएगा तथा पारदर्शिता के दृष्टिगत जिला स्तर पर लाॅटरी प्रक्रिया को देखने हेतु वेब कास्टिंग आदि की समुचित तकनीकी व्यवस्था का विकल्प भी प्रयोग किया जाएगा।
इसके अलावा, वाइन पर अधिरोपित विशेष अतिरिक्त प्रतिफल शुल्क को 500 एम0एल0 तक की धारिता की बोतलों पर 50 रुपये तथा 500 एम0एल0 से अधिक धारिता की बोतलों पर 100 रुपये निर्धारित करने का फैसला लिया गया है। साथ ही, मासिक एम0जी0क्यू0 को उठाने अथवा त्रैमास में गत वर्ष के संगत त्रैमास में ली गयी निकासी के समतुल्य निकासी लिये जाने की अनिवार्यता का पालन न करने की दशा में की जाने वाली दण्डात्मक कार्यवाही हेतु राजस्व के आगणन में 06 मई, 2020 के शासनादेश द्वारा आरोपित विशेष अतिरिक्त प्रतिफलशुल्क को भी अतिरिक्त प्रतिफलशुल्क का अंश मानते हुये सम्मिलित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
मंत्रिपरिषद ने यह भी निर्णय लिया है कि समस्त बार अनुज्ञापनों एवं माइकोब्रिवरी जो कन्टेनमेंट जोन में नहीं हैं, पर उपलब्ध वर्ष 2019-20 के अवशेष स्टाॅक की 15 दिवस तक बिना रोलओवर शुल्क जमा किये फुटकर अनुज्ञापनों पर आपसी सहमति से विक्रय हेतु स्थानांतरित किये जाने की अनुमति तथा माइकोब्रिवरी अनुज्ञापनों द्वारा फर्मेंटेशन टैंक एवं ब्राइट बियर टैंक (बी0बी0टी0) में संचित बीयर की भू-गृहादि के बाहर उपभोग हेतु टेक अवे बिक्री की अनुमति दी जाए।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश (विदेशी मदिरा के प्रीमियम फुटकर विक्रय के लाइसेंसों का व्यवस्थापन) नियमावली, 2020 के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने वाले अनुज्ञापन की वार्षिक लाइसेंस फीस वित्तीय वर्ष 2020-21 हेतु 12 लाख रुपये निर्धारित किये जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, आबकारी विभाग में पंजीकृत ट्रेडरों (जिनको आबकारी विभाग के सक्षम स्तर से शीरा क्रय-विक्रय की अनुमति प्राप्त हो तथा जिनकी संचय क्षमता अनुमोदित हो) एवं निर्यातकों को 500 कुन्तल तक बिलोग्रेड/जला शीरा क्रय करने का प्रतिबन्ध समाप्त किये जाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, हैण्ड सैनिटाइजर उत्पादन जान माल की सुरक्षा, राजस्व एवं रोजगार की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण होने के कारण एथेनाल ब्लेंडिग प्रोग्राम के साथ-साथ सैनिटाइजर के उत्पादन को भी प्राथमिकता देने, सैनिटाइजर के निर्यात को बढ़ावा दिये जाने तथा सैनिटाइजर उत्पादन हेतु अल्कोहल की उपलब्धता प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किये जाने का भी फैसला हुआ है।
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उ0प्र0 राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज एवं डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ के कुलसचिव/वित्त अधिकारी/परीक्षा नियंत्रक, उप कुलसचिव/उप वित्त अधिकारी/उप परीक्षा नियंत्रक एवं सहायक कुलसचिव/सहायक वित्त अधिकारी/सहायक परीक्षा नियंत्रक के वेतन पुनरीक्षण के सम्बन्ध में

मंत्रिपरिषद ने 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग के अनुक्रम में उच्चतर शिक्षा विभाग, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आदेशों के परिप्रेक्ष्य में उत्तर प्रदेश राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज एवं डाॅ0 राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ में कार्यरत कुलसचिव/वित्त अधिकारी/परीक्षा नियंत्रक, उप कुलसचिव/उप वित्त अधिकारी/उप परीक्षा नियंत्रक एवं सहायक कुलसचिव/सहायक वित्त अधिकारी/सहायक परीक्षा नियंत्रक को कतिपय शर्ताें के अधीन वेतन पुनरीक्षण योजना का लाभ दिये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
वेतन पुनरीक्षण योजना दिनांक 01-01-2016 से लागू की जाएगी। वेतन पुनरीक्षण योजना लागू किए जाने के फलस्वरूप आने वाले अतिरिक्त व्ययभार का वहन विश्वविद्यालय द्वारा अपने स्रोतों से किया जाएगा। इस योजना के अन्तर्गत उच्चतर शिक्षा विभाग, केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दिनांक 02 नवम्बर, 2017, यथा संशोधित आदेश दिनांक 08 नवम्बर, 2017 के आदेश के प्रस्तर 02 में उल्लिखित पे मैट्रिक्स के अनुसार वेतन का निर्धारण किया जाएगा। भत्ते राज्य सरकार के अनुसार अनुमन्य होंगे।
योजना के अन्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी द्वारा इस आशय की एक अण्डरटेकिंग दी जायेगी कि वेतन स्तर के पुनरीक्षण पर त्रुटिपूर्ण वेतन निर्धारण अथवा अनुचित वेतन स्तर और वेतन प्रकोष्ठ या अन्य अतिरिक्त भुगतान प्राप्त किए जाने की दशा में, अग्रिम भुगतान अथवा भुगतान के अन्यथा अवसरों पर उस प्रक्रिया के अनुसार समायोजित किया जाएगा जिसे केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडिचर विभाग के दिनांक 13 जनवरी, 2017 के कार्यालय ज्ञाप द्वारा निर्धारित किया गया है।
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उ0प्र0 पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम में मा0 उच्च न्यायालय के आदेशों से आच्छादित कार्मिकों को 6वें वेतनमान का लाभ प्रदान करने का प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम में मा0 उच्च न्यायालय के आदेशों से आच्छादित कार्मिकों को 6वें वेतनमान का लाभ प्रदान किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि मा0 उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका संख्या-15936/2019 शिव नारायण नागर व अन्य बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में मा0 उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 30.05.2019 तथा रिट याचिका संख्या-754(एस0/एस0)/1999 एवं रिट याचिका संख्या-11637 (एस0एस0)/2016 चन्द्रभान सिंह बनाम उ0प्र0 राज्य व अन्य में पारित मा0 उच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 30.03.2019 से आच्छादित कार्मिकों श्री शिव नारायण नागर, श्री कौशल किशोर यादव, श्री तेजभान पाल एवं श्री चन्द्रभानु सिंह को छठे वेतनमान का लाभ पुनरीक्षित वेतन संरचना दिनांक 01.01.2006 से प्रकल्पित आधार पर पुनरीक्षित करते हुए, पुनरीक्षित वेतन संरचना का वास्ताविक लाभ दिनांक 20 जुलाई, 2015 से प्रदान किया जाएगा। यह लाभ सार्वजनिक उद्यम अनुभाग-1 के शासनादेश संख्या-1105/44-1-2009-77/2009, दिनांक 16 अक्टूबर, 2009 की व्यवस्थानुसार इस शर्त के साथ अनुमन्य कराया जाएगा कि आने वाले अतिरिक्त व्यय का वहन निगम द्वारा अपने स्रोतों से किया जाएगा।
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हलियापुर-कुडे़भार मार्ग, जनपद सुल्तानपुर के उच्चीकरण कार्य की पुनरीक्षित लागत अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने एशियन विकास बैंक वित्त पोषित उत्तर प्रदेश जिला मार्ग विकास परियोजना के अन्तर्गत जनपद सुल्तानपुर में हलियापुर-कुडे़भार मार्ग (एम0डी0आर0-66ई) के चैनेज 0.000 से 49.272 किमी0 एवं चैनेज 56.000 से 102.356 किमी0 तक उच्चीकरण कार्य की पुनरीक्षित लागत 45946.79 लाख रुपये के व्यय के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।
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बजट में एकमुश्त प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष व्यय की बजट मैनुअल के पैरा-94 के अन्तर्गत व्यावसायिक शिक्षा एवं
कौशल विकास विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में जारी स्वीकृतियों का विवरण मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत


वित्त (आय-व्ययक) अनुभाग-1 के कार्यालय - ज्ञाप दिनांक 22.03.2019 के प्रस्तर-2(16)(क) में व्यवस्था दी गई है कि एकमुश्त बजट व्यवस्था के समक्ष व्यय की नई योजनाओं के लिए वित्तीय स्वीकृतियां उत्तर प्रदेश बजट मैनुअल के पैरा-94 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार कुल लागत पर सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदनोपरान्त जारी की जाएगी। प्रशासकीय विभाग द्वारा अगले वर्ष 15 अप्रैल तक मा0 मंत्रिपरिषद् के समक्ष उत्तर प्रदेश बजट मैनुअल के पैरा-94 के अन्तर्गत जारी सभी स्वीकृतियों का विवरण प्रस्तुत किया जाएगा।
इन निर्देशों के क्रम में वित्तीय वर्ष 2019-20 में अनुदान संख्या-69 एवं 83 के अन्तर्गत विभिन्न मानक मदों में प्राविधानित धनराशि/एकमुश्त व्यवस्था से बजट मैनुअल के पैरा-94 में दिये गये प्राविधानों के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग द्वारा सक्षम प्राधिकारी का अनुमोदन प्राप्त कर जारी की गयी वित्तीय स्वीकृतियों का विवरण मा0 मंत्रिपरिषद् के अवलोकनार्थ प्रस्तुत किया गया।

 

 
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