CM Adityanath ने दस लाख प्रवासी श्रमिकों के खाते में 104 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये, अभी तक 33.64 लाख कामगार लाभान्वित
लखनऊ, 13 जून 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रदेश के 10 लाख 48 हजार 166 प्रवासी श्रमिकों के खाते में डीबीटी के माद्यम से 104 करोड़ 82 लाख रुपये हस्तांतरित किये। सभी श्रमिक परिवारों के खाते में एक-एक हजार रुपये भेजे गए हैं। यह सहायता कोरोना काल में लाकड़ाउन के चलते आयी कठिनाइयों के निराकरण के लिए
प्रदान की गई है। योजना से अभी तक 33.64 लाख प्रवासी श्रमिक, कामगार, दिहाड़ी मजदूर लाभान्वित हो चुके हैं।
धनराशि हस्तांतरण के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान राजस्व विभाग और राहत आयुक्त कार्यालय ने बहुत बड़ा कार्य किया है। प्रदेश के 35 लाख कामगारों को विषम परिस्थितियों में घर वापस आना पड़ा। वापस आए कामगारों को कच्ची खाद्य सामग्री युक्त खाद्यान्न किट दी जा रही है। इस किट में 10
किलोग्राम आटा, 10 किलोग्राम चावल, 5 किलोग्राम आलू, 2 किलोग्राम भुना चना, 2 किलोग्राम अरहर की दाल, 500 ग्राम नमक, 250 ग्राम हल्दी, 250 ग्राम मिर्च, 250 ग्राम धनिया एवं 01 लीटर सरसों/रिफाइण्ड तेल उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक 14 लाख परिवारों को राशन किट उपलब्ध करायी जा चुकी है।
प्रदेश में 35 लाख श्रमिकों की हुई वापसी
CM Yogi Adityanath ने कहा कि श्रमिकों ने अपने श्रम से देश व राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। कामगारों के लिए रोजगार देने के उद्देश्य से एक आयोग के गठन की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश में इनकी स्किल मैपिंग की जा रही है। इनकी कुशलता का उपयोग प्रदेश के नव-निर्माण में किया जाएगा।
उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्किल मैपिंग होने के बाद इन कामगारों के बैंक खातों की सूची शासन को उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 35 लाख कामगारों,श्रमिकों को सुरक्षित घर वापसी की गयी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान विभिन्न राज्यों से सर्वाधिक प्रवासी कामगार व श्रमिक उत्तर प्रदेश में आए। इनकी सुविधा के लिए 1,650 से अधिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन उत्तर प्रदेश में आयी। कामगारों को सुरक्षित उनके घरों तक पहुंचाने के लिए परिवहन निगम की 12,000 से अधिक बसों का
संचालन किया गया। साथ ही, प्रत्येक जनपद के लिए अलग से स्कूली व प्राइवेट बसों की व्यवस्था की गयी। प्रदेश सरकार ने कोविड-19 से लड़ने के लिए कोविड अस्पतालों में एक लाख से अधिक बेड की व्यवस्था की है। सभी जनपदों में कोरोना की जांच के लिए ट्रूनैट मशीनें उपलब्ध करायी गयी है। सरकार द्वारा कोरोना का
निःशुल्क इलाज किया जा रहा है।
तीस लाख श्रमिकों की हो चुकी है स्किल मैपिंग
ज्ञातव्य है कि शेल्टर होम पर स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ श्रमिकों की स्किल मैपिंग भी करायी गयी, ताकि उनको रोजगार उपलब्ध कराने में सहायता मिल सके। अभी तक लगभग 30 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा चुकी है। स्क्रीनिंग के पश्चात शेल्टर होम से होम क्वारंटीन के
लिए घर जाने पर प्रत्येक श्रमिक को 15 दिनों के उपयोगार्थ राशन किट भी उपलब्ध करायी गयी है। श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिए लखनऊ स्थित राहत आयुक्त कार्यालय में एकीकृत आपदा नियंत्रण केन्द्र स्थापित किया गया। इसके तहत राहत टोल-फ्री नम्बर-1070 का एक 24ग्7 काॅल सेन्टर संचालित किया जा रहा है। इस
नम्बर पर कोई भी श्रमिक राहत प्राप्त करने के सम्बन्ध में अपना विवरण व शिकायत दर्ज करा सकता है। लाॅकडाउन के दौरान दिहाड़ी मजदूरों/कामगारों को, 1000 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से, आर्थिक सहायता सीधे उनके बैंक खाते में उपलब्ध करायी गयी। इस योजना से अभी तक 33.64 लाख पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया जा
चुका है।
कार्यक्रम में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, राजस्व एवं बाढ़ नियंत्रण राज्यमंत्री विजय कश्यप, मुख्य सचिव आर0के तिवारी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री
एस0पी0 गोयल, प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन सुरेश चन्द्रा तथा सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। |