लखनऊ,
। 07
अगस्त 2018 ( उ.प्र.समाचार सेवा)। केन्द्र सरकार
द्वारा अनूसजित जाति, जनजाति कानून को पूर्ववत
बहाल करने के लिए प्रस्तुत संसोधन विधेयक का बहुजन
समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने स्वागत किया है।
किन्तु उन्होंने इसे केन्द्र सरकार का देर से तथा
मजबूरी में उठाया गया कदम बताया है। मायावती ने कहा
है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने काफी देर से
सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को बदला है। यह कदम
भाजपा ने दलितों के 2 अप्रैल को आयोजित किये गए
भारत बंद की सफलता के बाद उठाया है। उन्होने पिछड़ा
बर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिये जाने के फैसले
का भी स्वागत किया है। किन्तु आशंका जाहिर की है
कि इससे पिछड़ों को नौकरियों और अन्य सुविधाओं में
लाभ मिल सकेगा इसका संदेह है।
नई दिल्ली
कार्यालय से जारी बयान में सुश्री मायावती ने कहा
कि भाजपा द्वारा उठाया गया यह गदम पूरी तरह से
राजनैतिक और स्वार्थपूर्ण है। भाजपा ने मध्य
प्रदेश और राजस्थान में होने जा रहे विधान सभा
चुनावों तथा लोकसभा चुनावों को देखते हुए कदम उठाया
है। उन्होंने कहा कि दलितों के आन्दोलन में जो
क्षति हुई उसकी भरपाई कौन करेगा। उन्होंने केन्द्र
सरकार से अपर कास्ट तथा मुस्लिमों को आर्थिक आधार
पर आरक्षण देने की भा मांग की है।