लखनऊ,
17 नवम्बर, 2016। ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान ने अनुसूचित जातियों व
अनुसूचित जनजातियों की भाॅंति अन्य पिछड़ी जातियों को
जनसंख्या अनुपात में सभी स्तरों पर 54 प्रतिशत आरक्षण
दिये जाने की मांग करते हुए कहा कि पिछड़ों को उनकी
जनसंख्या का आधा हिस्सा, वह भी आधा अधूरा दिया जाना
प्राकृतिक न्याय के प्रतिकूल है। उन्होंने ने बताया कि
आगमी 20 नवंबर को रवीन्द्रालय आडीटोरियम, लखनऊ में पिछड़ा
वर्ग महापंचायत पार्टी का प्रान्तीय प्रतिनिधि सम्मेलन
आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछड़ा वर्ग
महापंचायत पार्टी पूर्वान्चल के साथ-साथ मध्य व पश्चिम
क्षेत्रों के 200 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों से अपना
उम्मीदवार उतारेगी। सपा, बसपा, भाजपा, कांग्रेंस आदि दलों
ने निषाद, चैहान, राजभर, बिन्द, प्रजापति, बढ़ई, लोहार,
चैरसिया, पाल, धनगर, बघेल, रायकवार, सविता, नाई, बारी,
बियार, केवट, मल्लाह, सैनी, भुर्जी आदि जातियों को सिर्फ
वोट बैंक समझकर इनके साथ यूज एण्ड थ्रो की पाॅलिसी
अपनाकर हर स्तरों पर उपेक्षित करती आ रही हैं।
श्री चौहान ने बताया कि गवर्नमेन्ट आॅफ इण्डिया एक्ट
1919 के तहत अंग्रेजी सरकार ने दलित वर्ग/डिपे्रस्ड
क्लास की जातियों को यानी सभी सछूत व अछूत शूद्र जातियों
को आरक्षण देने की व्यवस्था किया था। 1926 में यू0पी0
लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य बने रामचरण निषाद ने साइमन
कमीशन से सभी डिपे्रस्ड क्लास की जातियों को समान अधिकार
दिये जाने की मांग किया, परन्तु डा0 भीमराव अम्बेडकर ने
साइमन कमीशन 1928 के समक्ष सछूत शूद्रांे (पिछड़ी जातियों)
को डिपे्रस्ड क्लास में रखने का विरोध करते हुए पूना
पैक्ट 1932 के बाद बने गवर्नमेन्ट आॅफ इण्डिया एक्ट 1933
के द्वारा अंग्रेजी सरकार से मिली भगत कर सछूत शूद्रों
को आरक्षण के लाभ से वंचित करा दिया।
श्री चौहान ने राज्य सरकार से छेदीलाल साथी आयोग की
संस्तुतियों को लागू करने तथा के्रन्द्र सरकार से
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुतियों को लागू कर
वर्गीय विभाजन किये जाने व न्यायपालिका में भी पिछड़ों को
आरक्षण दिये जाने की मांग की। उन्होेंने बताया कि 1994
में के्रन्द्र की कांग्रेस सरकार ने बाबा साहेब डा0
भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के सभी पाठ्यक्रमों
में पिछड़ों के कोटे का अपहरण कर 50 प्रतिशत पूरा आरक्षण
दलित वर्गो को दे दिया। उन्होंने के्रन्द्र सरकार से
के्रन्द्रीय शिक्षण संस्थानों व प्रशिक्षण संस्थानों में
पिछड़ों को आरक्षण देने की मांग किया है। उन्होंने
पूर्वान्चल राज्य की स्थापना करने तथा विशेष भर्ती
अभियान के तहत पिछड़ों का कोटा भरने की मांग किया है।
मायावती सरकार द्वारा एम0बी0बी0एस0 सीटों पर पिछड़ें वर्गो
के कोटे तथा सामान्य कोटे पर की गयी आरक्षण डकैती जिसके
द्वारा अम्बेडकर नगर, कन्नौज, जालौन व सहारनपुर के
राजकीय मेडिकल कालेजों में 15-15 प्रतिशत पिछड़ों व
सामान्य वर्ग को देकर 70 प्रतिशत सीटों पर एस0सी0/एस0टी0
को आरक्षित कर दी गयी जो सरकारी अत्याचार का प्रमाण है।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार में इटावा के पड़ोसी जिलों की
एक जाति विशेष के लोगों की पुलिस, पी0ए0सी0, सचिवालय,
अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग, की
नियुक्तियों में हेर-फेर कर एक जाति विशेष की नियुक्ति
की गयी।