लखनऊ,
19 अगस्त, 2016। ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की नसीहत के बाद एक बार फिर
यादव परिवार में एका पर जोर दिया जा रहा है। प्रदेश के
ताकतवर मंत्री शिवपाल यादव आज सुबह मिलने अपने सीएम भतीजे
अखिलेश यादव के घर पहुंचे। इन दोनों नेताओं के बीच करीब
घंटे तक एकांत में गुफतगू हुई। इसके कुछ ही देर बाद
कासगंज के आमापुर विधानसभा क्षेत्र का पार्टी प्रत्याशी
बदल दिया गया। इसके साथ ही अधिकारियों पर कार्यवाही करने
पर भी सहमति और कोएद का सपा में विलय का फैसला नेताजी पर
छोड दिया गया।
सपा के यादव परिवार में बीते कई दिनों शिवपाल यादव एवं
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच विवाद चल रहा था। लेकिन
स्वतंेत्रता दिवस पर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा
तलख टिप्पणी के बाद शिवपाल एवं अखिलेश बैकफुट पर आ गये।
इसी कडी आपसी सहमति बनाने के लिए आज शिवपाल यादव पांच
कालीदास मार्ग पहुंचे। इन दोनों नेताओं के बीच करीब एक
घंटे तक लंबी वार्ता हुई। इस दौरान जिन मुद्दो को लेकर
आपसी विवाद थे उन्हें सुलटने का दावा किया जा रहा है।
लेकिन कौमी एकता दल का सपा में विलय को लेकर आपसी सहमति
नहीं बन पायी। इस मामले पर अंतिम निर्णय सपा मुखिया
मुलायम सिंह यादव पर छोड दिया गया।
कुछ मामले ऐसे थे जिन्हें लेकर दोनों नेताओं के बीच
तनातनी थी उन पर सहमति बनती दिख रही है। इसमें जो अधिकारी
सपा कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुन रहे है या फिर सरकार
के विकास कार्यो में रूचि नहीं ले रहे है। उन पर
कार्यवाही करने की सहमति बतायी जा रही है। इसमें लेखपाल
से लेकर वरिष्ठ अधिकारी पर कार्यवाई करने के लिए
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को अधिकृत कर दिया गया है।
मुलाकात के दौरान सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के हर
निर्णय को मानने पर भी सहमति बनी। क्योंकि कुछ दिन पूर्व
कोयद का विलय सपा प्रमुख के कहने पर किया गया था। जिसे
सीएम ने नहीं माना और इस विलय को रद्द कर दिया गया। इस
मुलाकात के कुछ ही देर बाद सपा ने अपना एक प्रत्याशी
बदलने का ऐलान कर दिया। समाझा जा रहा है कि यह बदलाव
शिवपाल के कहने पर ही मुख्यमंत्री अखिलेश ने किया है।
कासगंज की आमापुर विधानसभा क्षेत्र से घोषित सपा
प्रत्याशी वीरेन्द्र सोलंकी को बदल कर उनके स्थान पर
राजेश पाण्डेय को उम्मीदवार बनाया गया है।
इस तरह कई मुद्दो पर वार्ता कर एकता दिखाने की कोशिश इस
परिवार द्वारा की जा रही है। जिससे आगामी चुनाव में
विपक्ष का इस फूट का लाभ न हासिल कर सके। शिवपाल यादव ने
मैनपुरी में 14 अगस्त कोे एक कार्यक्रम में भावुक होकर
कहा था कि अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। पार्टी के
नेता जमीन कब्जा करने में लगे हुए हैं। वह इस्तीफा दे
देंगे। उनके बयान के अगले दिन ही मुलायम सिंह यादव ने कहा
कि अगर शिवपाल पार्टी से अलग हो गए तो समाजवादी पार्टी
के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। पार्टी के ही कुछ
जिम्मेदार लोग शिवपाल के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। उन्हें
सच्चाई का अंदाजा नहीं है।
इससे पहले भी दोनोे आमने-सामने आ चुके हैं। गत नवम्बर
में पंचायत अध्यक्षों के चुनाव में पार्टी के प्रदेश
प्रभारी शिवपाल यादव ने सुनील यादव और आनंद भदौरिया को
पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके विरोध में
अखिलेश यादव ने सैफई महोत्सव में तब तक नहीं गये जब तक
दोनों की पार्टी में वापसी नहीं हो गयी।
मुलाकात के बाद दूर हो गई तकलीफेः शिवपाल
कई दिनों से गुमशुम रहने वाले प्रदेश सरकार के मंत्री
शिवपाल सिंह यादव ने आज चुप्पी तोड दी। उन्होंने कहा कि
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ हमारे रिश्ते समान्य है।
उन्होंने दो टूक कहा कि आपसी कलह की खबरें महज अफवाह और
मीडिया की देन है। हमें तो अपने परिवार में कोई एवं कहीं
अंतरकलह नहीं दिखाई देती। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकार
किया हां, कुछ तकलीफ थी, जो अब मुलाकात केे बाद दूर हो
गयी है। शिवपाल यादव ने प्रदेश सरकार की जमकर तारीफ की,
कहा कि हमने बहुत काम किये है। इसीके बदौलत हम सत्ता में
दोबारा लौटेंगे।
उन्होंने कहा कि गलत काम करने वाले चिन्हित कर लिए गए
हैं और उनपर कार्यवाही हो कर रहेगी। गलत काम करने वाले
भले ही पार्टी के अधिकारी ही क्यों न हो, उनपर कार्रवाई
होगी। लेखपाल सेे लेकर एसडीएम तक कार्यवाही होगी। कौमी
एकता दल पर फैसला नेताजी पर छोड दिया गया है। उन्होंने
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की जमकर तारीफ की।