लखनऊ।,
04 अगस्त 2016 ।
(उ.प्र.समाचार सेवा)।उत्तर
प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज राजभवन में
प्रदेश के पूर्व उप-लोकायुक्त स्वतंत्र सिंह की पुस्तक
का विमोचन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव,
लोकायुक्त न्यायमूर्ति संजय मिश्रा, पूर्व लोकायुक्त
एन0के0 मेहरोत्रा, उप-लोकायुक्त शम्भू सिंह यादव,
मंत्रीगण सहित अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने पुस्तक विमोचन के पश्चात् अपने विचार व्यक्त
करते हुए कहा कि जनतंत्र में सुशासन का बहुत महत्व होता
है। सुशासन के लिए भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन मिलना जनता
का अधिकार है और भ्रष्टाचार मुक्त शासन देना सरकार का
दायित्व है। अधिकार और दायित्व को जोड़ने का काम
लोकायुक्त संस्था करती है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से
लोकायुक्त संस्था का बहुत महत्व है।
श्री नाईक ने कहा कि भ्रष्टाचार आज कैंसर की तरह हमारे
समाज में व्याप्त है। भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच
लोकायुक्त करते हैं। जांच के बाद नियमानुसार संस्तुति
सहित अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को
प्रस्तुत करते हैं। निर्धारित अवधि में कार्यवाही न होने
पर लोकायुक्त अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को भेजते हैं। संयोग
से उनके साथ-साथ मुख्यमंत्री, लोकायुक्त एवं मुख्य सचिव
सभी इस कार्यक्रम में उपस्थित हैं। सबको मिलकर जनता को
यह विश्वास दिलाने की आवश्यकता है कि लोकायुक्त की
रिपोर्ट पर कार्यवाही भी होती है। भ्रष्टाचार की शिकायतों
पर शीघ्र कार्यवाही होनी चाहिए तथा दोषी व्यक्तियों को
सजा मिलनी चाहिए। राज्यपाल ने सुझाव दिया कि जैसे
न्यायालयों के निर्णय आनलाईन किये जाते हैं उसी प्रकार
लोकायुक्त संस्था की जांच रिपोर्ट भी आनलाईन किये जाने
पर विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कहा कि सरकारी काम
में भ्रष्टाचार के खिलाफ होने वाले निर्णयों की जानकारी
समाज को होनी चाहिए।
श्री नाईक ने कहा कि स्वतंत्र सिंह की पुस्तक लोकायुक्त
संस्था पर अंग्रेजी में लिखित पहली किताब है जिसका आज
विमोचन हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश हिन्दी
भाषी प्रदेश है। ज्यादातर शिकायतकर्ता भी हिन्दी भाषी
होते हैं, इसलिये उनकी संख्या के दृष्टिगत पुस्तक यदि
द्विभाषी होती अथवा पुस्तक का हिन्दी संस्करण भी होता तो
पुस्तक अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच बना सकती है।
उन्होंने कहा कि आमजन हेतु इस पुस्तक का हिन्दी
रूपान्तरण शीघ्र होना चाहिए।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्व उप-लोकायुक्त स्वतंत्र
सिंह को बधाई देते हुए कहा कि पुस्तक के माध्यम से
उन्होंने अपने अनुभव साझा किये हंै जिसका लाभ लोकायुक्त
संस्था को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर इस पुस्तक
से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा वही नये लोकायुक्त और
उप-लोकायुक्त को भविष्य में निर्णय लेने में सहायता भी
मिलेगी।कार्यक्रम में स्वतंत्र सिंह ने भी अपने विचार रखे।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन आत्म प्रकाश मिश्रा
कार्यक्रम अधिशासी दूरदर्शन केन्द्र लखनऊ ने किया तथा
धन्यवाद ज्ञापन एस0एस0 उपाध्याय राज्यपाल के विधि
परामर्शी ने दिया।