लखनऊ
, 03 अगस्त 2016 ।
(उ.प्र.समाचार सेवा)।
बहुजन समाजा पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व
मुख्यमंत्री सुश्री मायावती ने कहा है कि सपा सरकार
प्रदेश में बढ़ते अपराधों से पूरी तरह घिर गई है। प्रदेश
में अपराधों और विशेषकर गैंग रेप की घटनाओं की बाढ़ सी आ
गई है। इन घटनाओं से जनता का ध्यान हटाने के लिए प्रदेश
सरकार ने बसपा के तीन प्रमुख नेताओं पर पास्को अधिनियम
का धाराएं जोड़ दी हैं। उन्होंने यह आरोप लगाया कि जिन
तीन नेताओं पर पास्को लगाया गया है उनमें से एक ओबीसी,
एक मुसलमान और एक दलित है।
बसपा नेता
मायावती ने आज राज्यसभा में और इसके बाद संसद के बाहर
पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि बुलन्दशहर रेप
काण्ड के बाद बरेली, शामली और कानपुर में भी इसी तरह की
अति निन्दनीय घटनाएं हुई हैं। प्रदेश में अपराधी पूरी
तरह बेखौफ हो गए हैं। इसलिए घटनाओं की बाढ़ सी आ गई है।
उन्होंने मांग की कि बुलन्दशहर दुष्कर्म के आरोपियों को
फास्ट ट्रेक कोर्ट में मुकदमा चलाकर तीन महीने मे सजा
दिलवायी जाए। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से उत्तर प्रदेश
की सपा सरकार की उसी तरह किरकिरी हो रही जैसे ऊना काण्ड
से भाजपा की करिकिरी हो रही है। इस फजीहत से बचने के लिए
सपा सरकार ने बसपा के तीन नेताओं रामअचल राजभर (ओबीसी),
नौशाद अली (मुसलमान) और अतर सिंह राव (दलित) पर पास्को
लगा दिया। इसके अलावा और कई नेताओं को साजिश कर उनपर
पास्को लगाने की तैयारी की जा रही है।
इसके साथ
ही बसपा नेता ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी का बचाव करते हुए
कहा कि उन्होंने धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ भी गलत नहीं
कहा था। वहां जो नारे लगे थे वह आपत्तिजनक नहीं थे बल्कि
दयाशंकर सिंह की मा, बहन और बेटी को यह पूछने के लिए पेश
करने की बात कही गई थी कि दयाशंकर सिंह गलत कहा था कि नही।