|
Allahabad |
Candidate |
Party |
Votes |
SHYAMA CHARAN GUPTA |
Bharatiya Janata
Party |
313772 |
KUNWAR REWATI RAMAN
SINGH ALIAS MANI |
Samajwadi Party |
251763 |
KESHRI DEVI |
Bahujan Samaj Party |
162073 |
NAND GOPAL GUPTA
NANDI |
Indian National
Congress |
102453 |
DRAUPADI DEVI |
Independent |
8321 |
ADARSH SHASTRI |
Aam
Aadmi Party |
6439 |
MOHD. AMEEN AZHAR
ANSARI |
Qaumi Ekta Dal |
4426 |
SHIV PRASAD AGRAHARI |
Independent |
4323 |
MAHENDRA KUMAR |
Bahujan Mukti Party |
4190 |
PARMANAND |
Independent |
3744 |
AJEET KUMAR |
Independent |
3388 |
SANJAY ROBINSON |
Naitik Party |
3315 |
SHYAM CHARAN |
Independent |
2593 |
WAHID ALI ALIAS
WAJID ALI |
Rashtriya Ulama
Council |
2332 |
NISTHA DEV MAURYA |
Pragatisheel Samaj
Party |
2181 |
SHYAM SUNDAR DAS |
Sanatan Sanskriti
Raksha Dal |
2115 |
HANSRAJ |
Independent |
1928 |
RAJENDRA PRASAD |
Kalyankari
Jantantrik Party |
1730 |
HIRA LAL |
Independent |
1711 |
BRIJESH KUMAR |
Independent |
1438 |
GAYTRI PRASAD |
Bhartiya Shakti
Chetna Party |
1293 |
CHANDRA PRAKASH
TIWARI ALIAS C. P.
TIWARI (ADVOCATE) |
Bharatiya Kisan Sena
Loktantrik |
1221 |
SHAILENDRA KUMAR
PRAJAPATI |
Independent |
1212 |
None of the Above |
None of the Above |
3621 |
|
|
|
|
|
इलाहाबाद
में
जनता
कर
सकती
है
बदला |
इलाहाबाद,
17
अप्रैल
(हि.स.)।
इलाहाबाद
लोकसभा
सीट
पर
चुनाव
महत्वपूर्ण
मोड़
लेता
जा
रहा
है।
सपा,
बसपा,
भाजपा
और
कांग्रेस
के
प्रत्याशी
धुआंधार
प्रचार
में
जुट
गए
हैं
और
जनता
को
अपनी-अपनी
योजनाएं
बता
रहे
हैं।
वर्तमान
सांसद
रेवती
रमण
जनता
को
बता
रहे
हैं
कि
कई
प्रोजेक्ट
इलाहाबाद
को
दिया,
विकास
के
कई
कार्य
किए,
वहीं
दूसरी
तरफ
बसपा
प्रत्याशी
जबरदस्त
तरीके
से
सांसद
के
विकास
की
हवा
निकाल
रही
है।
दो
महीने
पहले
तक
सपा
में
रहे
श्यामाचरण
गुप्ता
नरेन्द्र
मोदी
के
नाम
पर
अपनी
हवा
बनाने
में
जुटे
हुए
हैं।
पहले
भाजपा
से
टिकट
मांग
रहे
कांग्रेस
प्रत्याशी
नन्दी
अपने
को
वैश्य
समाज
का
एकछत्र
नेता
मानते
है,
लेकिन
श्यामाचरण
के
वैश्य
समाज
से
होने
की
वजह
से
नन्दी
को
वैश्य
वोट
बंटने
का
खतरा
है,
अब
नन्दी
गावों
में
दौड़कर
अपना
जनाधार
बढ़ाने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं।
बारा,
मेजा,
करछना,
कोरांव
और
शहर
दक्षिणी
में
लोगों
से
बात
करने
पर
चैंकाने
वाली
बातंे
सामने
आ
रहे
हैं।
वर्तमान
सांसद
के
प्रति
लोगों
में
असंतोष
है।
लोगों
का
कहना
है
कि
रेवती
रमण
सिंह
ने
कागज
पर
काम
किया
होगा,
इसीलिए
उनका
जनाधार
लगातार
घटता
जा
रहा
है।
जनता
का
आंकलन
है
कि
इस
राजनीति
में
यादव
समुदाय
रेवती
रमण
के
साथ
है,
लेकिन
एक
गांव
ऐसा
भी
है
जो
यादव
बाहुल्य
होते
हुए
भी
सपा
से
दूरी
बनाये
है।
वहीं
बड़ी
संख्या
में
पटेल
समुदाय
केशरी
देवी
पटेल
के
साथ
चट्टान
की
तरह
खड़ा
है।
सूत्र
बताते
हैं
कि
ब्राह्मण
बसपा
उम्मीदवार
केशरी
देवी
को
वोट
करेगा।
दलित
मतदाता
बसपा
का
वोटर
माना
जाता
है,
इस
तरह
दलित,
पटेल,
ब्राह्मण
मतदाताओं
के
साथ
केशरी
देवी
पटेल
बेहद
मजबूत
दिख
रही
है।
इलाहाबाद
का
मुस्लिम
मतदाताओं
में
बड़ा
हिस्सा
सपा
से
नाराज
है।
मुस्लिम
मतदाताओं
का
कहना
है
कि
नन्दी
पहले
भाजपा
से
टिकट
मांग
रहे
थे
इसलिए
नन्दी
पर
भरोसा
नहीं
किया
जा
सकता
है।
सपा
ने
मुजफ्फरनगर
दंगे
को
रोका
नहीं
इसलिए
बसपा
ही
उनको
विकल्प
के
तौर
पर
दिखायी
दे
रहा
है।
भाजपा
में
श्यामाचरण
गुप्ता
को
भाजपा
कैडर
के
अलावा
कुछ
खास
दिखता
नहीं
है,
मीडिया
में
लहर
की
बात
होती
है
लेकिन
जमीनी
हकीकत
भाजपा
प्रत्याशी
को
मालूम
है।
श्यामा
चरण
गुप्ता
राजनीति
के
माहिर
खिलाड़ी
हैं
चमत्कार
कर
सकते
हैं।
कांग्रेस
प्रत्याशी
नन्दी
प्रचार
में
बहुत
पैसे
खर्च
कर
रहे
हैं
लेकिन
कांगे्रस
के
पास
वोट
बैंक
न
होने
की
वजह
से
उन्हंे
बड़ी
मेहनत
करनी
पड़
रही
है
और
कांग्रेस
को
चमत्कार
की
ही
उम्मीद
है।
इलाहाबाद
लोकसभा
क्षेत्र
में
अभी
तक
केशरी
देवी
पटेल
बेहद
मजबूत
स्थिति
में
दिख
रही
है,
सांसद
रेवती
रमण
सिंह
जमीनी
नेता
हैं,
उन्हें
कमजोर
नहीं
आंका
जा
सकता
है।
लहर
का
प्रचार
होने
के
बावजूद
भाजपा
का
चुनाव
चढ़
नहीं
पा
रहा
है
और
कांगे्रस
का
खेल
वनमैन
शो
बनकर
रह
गया
है।
|
आप
पार्टी
सहित
बीस
प्रत्याशियों
ने
किया
नामांकन |
Tags:
UP
News,
Allahabad
MP Constituency |
Publised
on : 17 April 2014 Time 20:50 |
इलाहाबाद,
17
अप्रैल
।
लोक
सामान्य
निर्वाचन
2014
के
अन्तर्गत
आज
कुल
बीस
प्रत्याशियों
ने
अपना
नामांकन
पत्र
दाखिल
किया
है।
18
अप्रैल
को
अवकाश
होने
के
कारण
नामांकन
नहीं
होगा
और
नामांकन
करने
वालों
को
अंतिम
तिथि
19
अप्रैल
को
ही
अपना
नामांकन
कराना
होगा।
गुरूवार
को
51-फूलपुर
संसदीय
निर्वाचन
क्षेत्र
से
आप
पार्टी
की
शिमलाश्री
एवं
डा.मिलन
मुखर्जी
सहित
एवं
52-इलाहाबाद
संसदीय
निर्वाचन
क्षेत्र
से
आप
पार्टी
प्रत्याशी
आदर्श
शास्त्री
सहित
कुल
बीस
प्रत्याशियों
ने
नामांकन
किया।
जिसमें
बबिता
दिनकर,
दक्खिनी
प्रसाद,
डा.मिलन
मुखर्जी,
परवेज
अशफाक
सिद्दीकी,
एस.डी
सरोज,
राजू
कुमार,
बृजेश
कुमार
गुप्ता,
सी.पी
तिवारी,
गायत्री
प्रसाद,
गोपाल
स्वरूप
जोशी,
महेन्द्र
भारतीया,
सुधाकर
सिंह
पटेल,
सुधाकर
सिंह
पटेल,
डा.मिलन
मुखर्जी,
गणेशजी
त्रिपाठी,
मो.जुबैर,
हंसराज,
महेन्द्र
कुमार,
निशत
देव
मौर्या,
शैलेन्द्र
प्रजापति
व
द्रौपदी
देवी
ने
नामांकन
किया। |
इलाहाबादियों को नहीं
भूल रहा 1984 का महादंगल |
अमिताभ बच्चन ने
एचएन बहुगुणा को दो लाख मतों से किया था
पराजित |
Tags:
UP
News,
Allahabad
MP Constituency |
Publised on : 15 April 2014 Time: 22:20 |
इलाहाबाद15
अप्रैल। स्वतंत्र भारत को तीन प्रधानमंत्री
देने वाला इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र आठवीं
लोकसभा के लिए 1984 में हुए आम चुनाव को
नहीं भूल पा रहा है। वह चुनाव देश ही नहीं
बल्कि दुनिया भर में चर्चित रहा क्योंकि
उस समय सियासी महाभारत में बॉलीवुड का
ग्लैमर पहली बार खुली तौर पर नजर आया और
यह सीट उसकी प्रयोगशाला रही। सुपरस्टार
अमिताभ बच्चन ने कांग्रेस के टिकट पर यहां
से तत्कालीन भारतीय राजनीति के नटवरलाल
हेमवती नंदन बहुगुणा को करीब दो लाख मतों
से पराजित किया था।
इलाहाबाद सीट का यह चुनाव इसलिए भी यादगार
रहा क्योंकि उसके बाद से यहां के मतदाताओं
ने फिर कांग्रेस की ओर रूख नहीं किया। इस
बीच विश्वनाथ प्रताप सिंह कांग्रेस से जुदा
हो चुके थे और अमिताभ बच्चन ने भी संसद से
इस्तीफा दे दिया था। इस बदले माहौल में जब
1988 में उपचुनाव हुआ तो विश्वनाथ प्रताप
सिंह ने कांग्रेस को यहां से बुरी तरह
पराजित किया। एक साल बाद हुए आम चुनाव में
जनता दल के टिकट से जनेश्वर मिश्र ने भी
कांग्रेस को पटकनी दी। 1991 में सरोज दुबे
ने भाजपा के श्यामाचरण गुप्ता को हराकर
जनता दल का कब्जा बरकरार रखा। इसके बाद
भाजपा के डा0 मुरली मनोहर जोशी ने लगातार
1996, 1998 और 1999 में जीत दर्ज की लेकिन
2004 के चुनाव में वह सपा के रेवती रमण से
हार गये। 2009 में फिर बाजी रेवती रमण के
ही हांथो लगी।
मुकाबला चतुष्कोणीय, हैट्रिक की फिराक
में रेवती रमण
इस बार के सियासी जंग में इलाहाबाद की सीट
चतुष्कोणीय मुकाबले में फंसी है। कांग्रेस
इस सीट को 26 साल बाद अपनी झोली में डालना
चाहती है तो भाजपा वापस लेने के फिराक में
है और बसपा पहली बार अपनी जीत दर्ज करने
की गणित लगा रही है जबकि सपा के कुंवर
रेवती रमण सिंह हैट्रिक लगाने की पूरी
कोशिश में हैं।
जिले की बरांव रियासत के रेतवी रमण आठ बार
विधायक और इलाहाबाद सीट से दो बार सांसद
रह चुके हैं। इस प्रतिष्ठापरक सीट को 2004
के आम चुनाव में उन्होंने भाजपा के दिग्गज
डा0 मुरली मनोहर जोशी से छीनी थी। फिर
2009 में उन्होंने बसपा के अशोक वाजपेयी
को शिकस्त दी।
इस बार सपा को छोड़ भाजपा, कांग्रेस और बसपा
ने यहां दलबदलुओं पर दांव लगाया है। भाजपा
से श्यामाचरण गुप्ता मैदान में हैं। वह एक
बार भाजपा और दोबारा सपा के टिकट पर यहां
भाग्य आजमा चुके हैं लेकिन दोनों बार
पराजय का ही मुंह देखना पड़ा। बाद में 2004
के चुनाव में साइकिल की सवारी कर चित्रकूट
के रास्ते वह लोकसभा पहुचे थे। टिकट न
मिलने पर सपा का दामन छोड़ वह हाल ही में
फिर से भाजपा में आये हैं और तीसरी बार इस
सीट के लिए कमर कसे हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी नन्दगोपाल गुप्ता
’नन्दी‘ बसपा सरकार में मंत्री थे। दरअसल
उन्होंने शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से
वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व विधानसभा
अध्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी को हराया था
इसलिए बसपा सुप्रीमो ने उन्हें ईनाम के
रूप मे कैबिनेट मंत्री बनाया था किन्तु
वर्तमान समय मे स्थितियां बिल्कुल विपरीत
हैं। बसपा से निकाल दिये जाने पर नन्दी ने
पहले भाजपा से टिकट लेने की कोशिश की,
लेकिन जब भगवा दल ने ठेंगा दिखा दिया तो
वह कंाग्रेस के जुगाड़ में लग गये और
कामयाब भी हुए। पार्टी के प्राथमिक सदस्य
न होते हुए भी प्रियंका गंाधी के
हस्तक्षेप से उन्हें ‘‘हांथ‘‘ का साथ मिल
गया।
इसी तरह बसपा उम्मीदवार केशरी देवी पटेल
भी कभी भाजपा की झंडाबरदार हुआ करती थीं,
लेकिन अब हांथी पर सवार हैं। बसपा के
परम्परागत वोट तथा पटेल व कुर्मी मतदाताओं
की इस संसदीय क्षेत्र में अच्छी संख्या
होने के कारण वह लड़ाई में अच्छी टक्कर दे
रही हैं।
वैसे नन्दी के मैदान में उतर जाने से यहां
का चुनावी समीकरण थोड़ा बदला है। दरअसल
कंाग्रेस ने नन्दी के सहारे वैश्यों और
सवर्णों को रिझाने का प्रयास किया है। उनकी
पत्नी इलाहाबाद की मेयर भी हैं। भाजपा ने
भी वैश्यों और सवर्णों की गणित लगा
श्यामाचरण गुप्ता पर दांव लगाया है। ऐसे
में वैश्य समुदाय इन दोनों के बीच किधर
जायेगा यह अभी अंधेरे में है। इस संसदीय
क्षेत्र में कुछ मुस्लिम मतदाता भी हैं,
जिनपर कांग्रेस, बसपा और सपा अपना बराबर
का अधिकार मानती है।
सपा के रेवती रमण की स्थिति शुरू में अच्छी
नहीं थी। पिछडा वर्ग के साथ-साथ सवर्ण भी
उनसे खफा था, लेकिन वैश्य समुदाय के दो
प्रत्याशी हो जाने से उन्हें काफी राहत
मिली है। वह अपने जीत की हैट्रिक लगाने को
कोई दांव नहीं छोड़ रहे हैं। इस सीट से अब
तक लगातार तीन बार जीत का परचम केवल भाजपा
के मुरली मनोहर जोशी ने 1996, 1998 और
1999 में फहराया था। सपा प्रत्याशी इस
रिकार्ड को अपने साथ भी जोड़ना चाहते हैं।
ऐसे में इस बार कौन किसे पटकनी देगा यह तो
16 मई को मतगणना के दिन ही पता चलेगा। इस
सीट के लिए मतदान सात मई को होना है।
दिग्गजों का यहां से रहा नाता
पं0 जवाहर लाल नेहरू, लालबहादुर शास्त्री
और विश्वनाथ प्रताप सिंह जैसे तीन
प्रधानमंत्री देने वाले इलाहाबाद संसदीय
क्षेत्र का हेमवती नंदन बहुगुणा, हरिकृष्ण
शास्त्री, जनेश्वर मिश्र और डा0 मुरली
मनोहर जोशी जैसे दिग्गजों से नाता रहा है।
1952 के चुनाव में यहां दो सीटों की
व्यवस्था थी इलाहाबाद पूर्व व इलाहाबाद
पश्चिम। इस चुनाव में यहां से पं0 जवाहर
लाल नेहरू और मसुरियादीन विजयी घोषित हुए।
1957 और 1962 में इस सीट का प्रतिनिधित्व
पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने
किया। इसके बाद उनके बेटे हरिकृष्ण
शास्त्री ने 1967 का चुनाव जीता। 1971 में
कांग्रेस के टिकट पर सूबे के पूर्व
मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने जीत
दर्ज की। कांग्रेस के इस गढ़ में पहली बार
भारतीय क्रांति दल ने 1977 में सेंध मारी
जब जनेश्वर मिश्र ने विश्वनाथ प्रताप सिंह
को परास्त किया। फिर 1980 के चुनाव में
विश्वनाथ प्रताप सिंह ने चुनाव जीतकर
कांग्रेस की खोयी प्रतिष्ठा लौटायी। इस
बीच वह उप्र के मुख्यमंत्री बन गये तो
1981 के उपचुनाव में कांग्रेस ने केपी
तिवारी को उतारा और वह जीतने में सफल भी
रहे।
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Notification:
12.04.2014 |
Nomination: 12-19
April 14 |
Withdrawal:
23.04.2014 |
Polling:
07.05.2014 |
Counting:
16.05.2014 |
Candidate |
|
श्यामाचरण
गुप्ता-भाजपा |
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