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समाज बांटने की बड़ी साजिश |
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आज का सम्पादकीय /
29.10.2020 / सर्वेश
कुमार सिंह |
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पंजाब के एक गांव में दशहरा पर रावण के स्थान पर भगवान श्री राम का पुतला जलाया गया है। यह घटना अत्यन्त निंदनीय और अक्षम्य है। घटना के पीछे
गहरी साजिश है। यह पंजाब में हिन्दू समाज को अपमानित करके सिखों के खिलाफ भड़काने की एक योजनाबद्ध तरीके से की गई घटना है। इसके पीछे के मंसूबों को समझना बेहद जरूरी है। यह घटना किसान आन्दोलन के नाम पर की गई है। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे पंजाब के किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध
को दर्शाने के लिए ही कुछ तत्वों ने इस तरह की घटना को अंजाम दिया । धार्मिक नगरी अमृतसर जिला अन्तर्गत सीमावर्ती गांव मनवाला में यह घटना घटित हुई। इन्होंने दशहरा पर रावण के स्थान पर राम का पुतला बनाकर दहन कर दिया। इतना ही नहीं इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। ताकि, हिन्दू समुदाय इससे आहत हो
जाए और तनाव पैदा हो। इसतरह की घटना को करने वाले वही लोग हैं जो पंजाब में शांति नहीं चाहते। ये तत्व पाकिस्तान के इशारे पर काम करते हैं। हालांकि वीडियो वायरल होने के बाद पंजाब पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करके चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। वीडियो में कुल
चौदह लोग दिखाई देरहे हैं। इन सभी की पहचान करके गिरफ्तारी की कोशिश हो रही है। अलगवादी तत्वों की गिरफ्तारी के साथ ही इस बात की भी आवश्यकता है कि इसकी व्यापक जांच हो। क्योंकि यह साधारण अपराध नहीं है। राम,कृष्ण, बुद्ध,महावीर और गुरु नानक देव के देश में कोई अपने ही इष्टदेव और आराध्य का पुतला
फूंक दे। यह असाधारण आपराधिक कृत्य है, इसकी कठोरतम सजा भी निर्धारित होनी चाहिए। इसकी भी जांच जरूरी है कि आखिर इस तरह की घटना को अंजाम देने वालों के पीछे किसका दिमाग काम कर रहा है। उन तत्वों को बेनकाव किया जाना चाहिए और सजा दी जानी चाहिए ताकि देश में शांति, सद्भाव और एकता बनी रहे। मामले
में पुलिस जहां अपना काम कर रही है, वहीं पंजाब के धार्मिक नेताओं को भी आगे आकर इस घटना की निंदा करनी चाहिए। सिखों की शीर्ष संस्था को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए, ताकि पंजाब के हिन्दुओं का भावनाएं आहत न हों। पंजाब में अस्सी के दशक के आतंकवाद की समाप्ति के बाद से अलगावदी तत्व बौखलाए हुए हैं।
पाकिस्तान पस्त अलगावादियों ने दो दशक तक पंजाब को हिंसक घटनाओं से दहलाए रखा था। किन्तु हिन्दू और सिखों के बीच वे अलगाव पैदा नहीं कर सके। दोनों के बीच रोटी- बेटी का संबंध है। हिन्दू और सिख उस पानी की तरह हैं जिसे लाठी मारकर बांटा नहीं जा सकता। जहां तक सिख समुदाय की बात है, कोई भी सच्चा सिख
इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दे सकता है, क्योंकि गुरु ग्रंथसाहिब में आस्थावान सच्चा सिख भगवान राम की वाणी में भी आस्था रखता है। दूसरी ओर हिन्दू समाज की दृष्टि में भी गुरु ग्रंथसाहिब का पूरा सम्मान और धार्मिक आस्था है। इसके बावजूद कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व हैं जो हिन्दू-सिख एकता के विरोधी
हैं। वे समय-समय पर कुछ न कुछ ऐसा करते रहते हैं, जिससे दोनों के बीच अलगाव हो जाए और पंजाब एक बार फिर अशांत हो जाए। समाज को बांटने की इस साजिश को विफल करने के लिए दोनों समुदायों को सजग और सतर्क रहना होगा। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इन तत्वों को किसी भी स्तर पर संरक्षण न मिले। ( उप्रससे ) |
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