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आनन्दीबेन की अनुत्तरित टिप्पण

              Publised on : 26.10.2019    Time 11:13   ,Tags: Governor Anandiben Patel, Medical, Police, KGMU

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने राज्य की व्यवस्था पर तल्ख टिप्पणी की है। उनकी टिप्पणी का फिलहाल राज्य सरकार के पास कोई जवाब नहीं है। पटेल ने शुक्रवार को राजधानी के प्रतिष्ठित किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमययू) के दीक्षान्त समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधन में कहा कि  प्रदेश के अस्पतालों में वसूली हो रही है और थानों में जाने से लोग डरते हैं। आनन्दीबेन ने यह बेबाक टिप्पणी प्रदेश के जिम्मेदार मंत्रियों और अधिकारियों की मौजूदगी में की। उन्होंने सिर्फ इतना ही नहीं कहा, उन्होंने वहां मौजूद देश के नामी डाक्टरों और प्रोफेसरों से पूछा कि क्या डाक्टरों को वेतन नहीं मिलता है जो मरीजों से पैसे मांगते हैं। राज्यपाल की इस बेहद सख्त टिप्पणी से मंत्री, अफसर और डाक्टर हक्का बक्का रहे गए। लेकिन, इसका किसी के पास जवाब नहीं है। क्योंकि यह राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की हकीकत है। प्रदेश भर के अस्पतालों में डाक्टरों की कमी है। जहां डाक्टर हैं, वहां वे समय पर ओपीडी में नहीं पहुंचते। गंभीर मरीजों को निजी चिकित्सालयों में रेफर करते हैं। इतना ही नहीं आपरेशन और अन्य चिकित्सा के बदले पैसों की मांग की जाती है, यह हकीकत है। यह हाल केवल डाक्टरों का ही नहीं समूचे मेडिकल स्टाफ का है। डाक्टरों की लापरवाही और बदसलूकी की खबरें लगातार मिलती हैं। सरकार ने राज्य की सेवा में नियुक्त डाक्टरों की निजी प्रेक्टिस पर रोक लगाई हुई है। इसके बावजूद डाक्टर सरकारी आवासों पर मरीजों को पैसे लेकर देखते हैं। इसका प्रभाव चिकित्सालय की व्ववस्था पर पड़ता है, वहां चिकित्सक समय पर नहीं पहुंचते। उन्होंने अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री नहीं रखी जाती है। राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने प्रदेश की पुलिस पर सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा थानों का डर का माहौल है। इसलिए लोग वहां जाने से डरते हैं। यह हकीकत है कि जब किसी पर मुसीबत आती है या कोई समस्या होती है तो लोग थाने में एफआईआर दर्ज कराने जाने से डरते हैं  और किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करते हैं चिसकी पुलिस में या थाने में जान पहचान हो। बेहिचक थाने जाने का साहस अभी जनता में पैदा नहीं हो सका है। यह स्थिति चिंतनीय है, जब  पुलिस से लोग इस तरह डरेंगे तो उन्हें सुरक्षा कौन देगा ? राज्यपाल ने जो बातें कहीं वे बेहद गंभीर हैं और व्यवस्था का आईना दिखाती हैं। इन प्रश्नों का उत्तर भले राज्य सरकार के मंत्री और अफसर न दें, लेकिन उन्हें इनमें सुधार के लिए सक्रिय हो जाना चाहिए। राज्यपाल ने व्यवहारिक बातें कही हैं। सरकार इस पर गंभीरता से विचार करे कि करोड़ों खर्च के बाद भी चिकित्सा व्यवस्था बदहाल क्यों है? साथ ही कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार और सुरक्षा देने वाली  पुलिस से लोग क्यों डरते हैं ? प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनका सरकारी अमला यदि राज्यपाल की टिप्पणी पर गौर करके सुधार के प्रयास करेगा तो राज्यकी जनता बड़ा हित होगा।

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