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समाज में सकारात्मक बदलाव का आन्दोलन है विद्या भारतीः डा. जयप्रताप सिंह
विद्या भारती ने पूर्व छात्रों को जोड़ने के लिए “मेरा स्कूल, मेरा गौरव” अभियान की शुरुआत की
Tags: Lucknow, Vidhya Bharti, Dr Jaipratap Singh, Nirala Nagar, Sarasvati Shishu Mandir
Publised on : 2020:10:22      Time 20:30    Last  Update on  : 2020:10:22      Time 20:30

Vidhya Bharati Uttar Pradesh Press Confrence Dr Jaipratap Singhलखनऊ, 20 अक्टूबर 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)। विद्या भारती के क्षेत्रीय मंत्री डा. जयप्रताप सिंह ने कहा है कि इस शैक्षिक संगठन द्वारा समाज में संस्कारों के माध्यम से सकारात्मक बदलाव के लिए आन्दोलन चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्या  भारती के विद्यालयों में संस्कारयुक्त शिक्षा ग्रहण कर चके छात्र समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी हैं। वे गुरुवार को यहां निरालानगर स्थित रज्जू भैया उच्चतकनीक सूचना संवाद केन्द्र में आयोजित वर्चुअल पत्रकार वार्ता में विचार व्यक्त कर रहे थे।

इस अवसर पर उन्होंने बताया कि विश्व के सबसे बड़े शैक्षिक संगठन विद्या भारती की पूर्व छात्र परिषद इकाई ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर “मेरा स्कूल मेरा गौरव” अभियान की शुरुआत की है। इसे विद्या भारती के पूर्व छात्र एक पर्व के रूप में मना रहे हैं। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य विद्या भारती के सरस्वती शिशु मंदिर एवं सरस्वती विद्या मंदिर में शिक्षा ग्रहण कर चुके अधिकाधिक पूर्व छात्रों का पंजीयन विद्या भारती पोर्टल www.vidyabharatialumni.org पर सुनिश्चित किया जाना है। अब तक इस पोर्टल पर दो लाख से अधिक छात्र जुड़े चुके हैं। इस पर्व का आरंभ 17 अक्टूबर से हुआ है, जो 16 नवंबर 2020 तक चलेगा।
डॉ.  सिंह  ने कहा कि विद्या भारती के पूर्व छात्रों का योगदान सदैव से देश और समाज में परोपकार की भावना से जरूरतमंदों की सहायता करना और संस्कार युक्त शिक्षा का प्रसार कर समृद्ध समाज के निर्माण में योगदान करने का रहा है। उन्होंने विद्या भारती के सभी पूर्व छात्रों से आह्वान करते हुए कहा कि इस पर्व के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में www.vidyabharatialumni.org वेब पोर्टल पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कराएं। यह पर्व विद्या भारती के पूर्व छात्रों के लिए अपने विद्यार्थी जीवन की यादों को तरोताजा करने का स्वर्णिम अवसर है, जिसके माध्यम से वह अपने पुराने सहपाठियों से सम्पर्क करने में सफल हो सकते हैं।
पत्रकारों के सवालों का उत्तर देते हुए श्री सिंह ने कहा कि विद्या भारती ने अपने छात्रों को जो संस्कार दिए हैं, वो उनमें नियत हैं। विद्या भारती ने लोगों को समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए अवसर प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति प्रभावशाली हैं, जिनके प्रभाव से समाज में बदलाव आ सकता है। वह विद्या भारती के माध्यम से अपने प्रभाव का प्रयोग कर सकते हैं। ये समाज में बदलाव लाने के लिए एक सामाजिक आंदोलन है। इसके साथ ही उन्होंने हाल ही में विद्या भारती की ओर से नई शिक्षा नीति पर आयोजित की गई प्रतियोगिता की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य अधिकाधिक लोगों को जोड़ना था।

विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय पूर्व छात्र प्रमुख डॉ. दीपक असरानी ने कहा कि विद्या भारती का उद्देश्य समाज में समानता लाना, गरीबी को दूर करना और समाज में संस्कार व परंपरा का प्रसार करना है। विद्या भारती के पूर्व छात्र विद्या भारती के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करके और ब्रांड एम्बेसडर बनकर समाज के कल्याण में अपना योगदान दें सकते हैं। इसका प्रमाणपत्र विद्या भारती द्वारा जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर रह रहे पूर्व छात्र विद्या भारती पोर्टल के माध्यम से अपने शिक्षकों और पुराने साथियों से सम्पर्क भी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विद्या भारती के एलुमनी नेटवर्क पर वर्तमान में लगभग दो लाख पूर्व छात्रों का पंजीयन हो चुका है।

 
 
   
 
 
                               
 
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