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सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें: योगी आदित्यनाथ |
सीएम ने किया पंचायती राज विभाग की 1825 सड़कों का लोकार्पण-शिलान्यास |
Tags: U.P Samachar Sewa, Lucknow News, CM Yogi Adityanath |
Publised on : 2020:11:29 Time 20:40 Last
Update on : 2020:11:29 Time 20:40 |
लखनऊ, 29 नवम्बर 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पंचायतीराज विभाग की 647 करोड़ रुपये लागत की 2000 किमी0 लम्बी 1825 सड़कों एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 204 करोड़ रुपये से 56 जनपदों में बनने वाले 2095 किमी0 लम्बे 748 मार्गा का लोकार्पण एवं
शिलान्यास किया।
इस अवसर पर उन्होंने पांच जनपदों-शाहजहांपुर, प्रयागराज, सीतापुर, शामली, लखीमपुर खीरी के जिला पंचायत अध्यक्षों अजय प्रताप सिंह, श्रीमती रेखा सिंह, जितेन्द्र यादव, श्रीमती संतोष एवं श्रीमती सुमन सिंह से वर्चुअल माध्यम से संवाद भी किया। जिला पंचायत अध्यक्षों ने हाटमिक्स संयंत्र के माध्यम
से जिला पंचायत की सड़कों के निर्माण की पहल के लिए मुख्यमंत्री की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें। पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा अच्छी गुणवत्ता की सड़कों के निर्माण से जनता का इन संस्थाओं में विश्वास सुदृढ़ होगा। साथ ही विकास
प्रक्रिया में पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा उपयोगी योगदान किया जा सकेगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जी ने ग्राम्य विकास विभाग एवं पंचायतीराज विभाग द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आधार, ग्रामीण सड़कों के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने प्रदेश के 75 जनपदों में से 45 जनपदों में महिला जिला पंचायत अध्यक्ष होने पर भी
खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा प्रारम्भ की गयी। आजादी के पांच दशक तक ग्रामीण व्यवस्था, विकास के सशक्त माध्यम अच्छी सड़कों से वंचित थी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से 500 आबादी के सभी मजरे और टोले सड़क मार्ग
से जुड़ चुके हैं। 500 से कम आबादी के मजरे भी योजना के अन्तर्गत सड़क मार्ग से जोड़े गये हैं। इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नये आयाम दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा उन्हें प्राप्त होने वाली धनराशि का बेहतर उपयोग किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा इन संस्थाओं को बड़ी मात्रा में धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। इस धनराशि का बेहतर कनेक्टिविटी, कूड़ा प्रबन्धन, जल निकासी, स्वच्छता एवं
सेनिटाइजेशन में उपयोग करके विकास एवं रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के साथ ही बीमारियों पर नियंत्रण किया जा सकता है। साथ ही, जन सुविधा केन्द्र, ग्रामीण सचिवालय के माध्यम से जाति, आय, निवास प्रमाण पत्र, बैंकिंग, बिजली बिल जमा करने की सुविधा भी सृजित की जा सकती है। पंचायतीराज संस्थाओं एवं
जनप्रतिनिधियों को ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के दृष्टिगत इस ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने जनपद झांसी के बिलौनी में ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा किये जा रहे उत्कृष्ट कार्य की चर्चा करते हुए कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं द्वारा पारस्परिक समन्वय के माध्यम से लोगों को आजीविका के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराकर गांधी जी के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता
है। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतीराज संस्थाओं के पास धनराशि उपलब्ध है। संस्था के पदाधिकारियों को ऐसे कार्य करने चाहिए, जिससे अपने कार्यकाल में किये गये कार्याें का वह गर्व के साथ उल्लेख कर सकें।
मुख्यमंत्री ने पंचायतीराज संस्थाओं को स्वावलम्बी बनने पर बल देते हुए कहा कि इन संस्थाओं को अपनी आय बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। सभी पंचायतीराज संस्थाओं (जिला, क्षेत्र, ग्राम) के पास भूमि उपलब्ध है। भूमि का वाणिज्यिक प्रयोग करके पंचायतों की आय बढ़ायी जा सकती है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह (मोती सिंह) ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत अब तक प्रदेश में 18,729 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि से लगभग 56,862 कि0मी0 सड़कों का निर्माण किया गया है। इस योजना के अन्तर्गत पीरियाॅडिक रिन्युवल
कार्य कराया जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार से लगभग 204 करोड़ रुपए की धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप प्राप्त हुई है। इस धनराशि से 56 जनपदों में 2095.84 कि0मी0 की कुल लम्बाई के 748 मार्गाें के निर्माण कार्य का शुभारम्भ आज मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-3 के
अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए 18937.05 कि0मी0 की ग्रामीण सड़कों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रथम बैच के अन्तर्गत 75 जनपदों में 7,600 करोड़ रुपए की लागत तथा 8847.15 कि0मी0 लम्बाई के 1215 मार्गों की डी0पी0आर0, एस0टी0ए0 से
स्क्रूटनी कराकर, ओमास पर अपलोड कर दी गई है। पी0एम0जी0एस0वाई0-3 के द्वितीय बैच के अन्तर्गत 10,000 कि0मी0 लम्बाई के मार्गों की डी0पी0आर0 तैयार करने का कार्य प्रगति पर है।
पंचायतीराज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की जिला पंचायतों द्वारा 2000 कि0मी0 लम्बाई के 1,825 मार्गों के नवनिर्माण कार्यों का शिलान्यास आज मुख्यमंत्री जी द्वारा किया गया है। इसकी कुल लागत 647.25 करोड़ रुपये है। प्रदेश की जिला पंचायतों द्वारा
मार्गों का निर्माण हाॅटमिक्स पद्धति द्वारा कराया जा रहा है। मार्गों की गुणवत्ता हेतु प्रत्येक मण्डल पर 01-01 स्टेट क्वालिटी माॅनीटर एवं प्रदेश स्तर पर 01 स्टेट क्वालिटी को-आर्डिनेटर की नियुक्ति की गयी है। यह सभी पदाधिकारी सेवानिवृत्त मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता एवं अधिशाषी
अभियन्ता रैंक के अधिकारी हैं। मार्गों की गुणवत्ता बढ़ाने में इनका महत्वपूर्ण योगदान होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों में जिला पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक लगभग 1,240 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। यह
समस्त कार्य प्रगति पर हैं।
इस अवसर पर खेल, युवा कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी, मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास एवं पंचायतीराज मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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