|
|
|
|
|
|
|
|
|
     
  News  
 
जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं हमारे शास्त्रः योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री आवास पर वाटर समिट समिट आयोजित, यूपी में 11 बड़ी परियोजनाएं शीघ्र पूर्म होंगीं
Tags: U.P Samachar Sewa, CM UP Yogi Adityanath, Water Summit 2020
Publised on : 2020:11:28      Time 19:39   Last  Update on  : 2020:11:28      Time 19:39 

जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं हमारे शास्त्रः योगी आदित्यनाथलखनऊ, 28  नवम्बर 2020 ( उ.प्र.समाचार सेवा)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्राणिमात्र के कल्याण के लिए जल का संरक्षण आवश्यक है। जल को जीवन का प्रतिरूप माना जाता है। भारतीय मनीषा ने जल को महत्व दिया है। शास्त्रों में जल की स्तुति के सन्दर्भों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्र जल संरक्षण की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा भू-जल के संरक्षण एवं नियोजन, सरफेस वाटर की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाए रखने, शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके लिए ‘अटल भू-जल योजना’, ‘नमामि गंगे’ परियोजना, ‘हर घर नल’ आदि योजनाएं लागू की गयी हैं। मुख्यमंत्री CM शनिवार को यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित वाटर समिट में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।
Yogi Adityanath ने कहा कि गंगा जी के लिए गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक सबसे क्रिटिकल प्वाइंट कानपुर था। गंगा में कानपुर के जाजमऊ में तीन वर्ष पहले कोई जलीय जीव नहीं बचा था। ‘नमामि गंगे’ परियोजना के प्रभावी संचालन से अब गंगा जी में जाजमऊ में जलीय जीव देखे जा सकते हैं। वाराणसी में गंगा जी में डाल्फिन तैर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नदियों के पुनरुद्धार का कार्य संचालित है। कन्वर्जेन्स के माध्यम से गोमती सहित 15 से अधिक नदियों का पुनरुद्धार कराया गया है। फलस्वरूप तमसा, आमी, मनोरमा, अरिल सहित कई नदियां पुनर्जीवित हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कह कि जल संकट के कारण बुन्देलखण्ड में टैंकरों से पानी पहुंचाया जाता था। पिछले तीन सालों में बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेत्र में जल की समस्या नहीं आने दी गयी। साथ ही, इन क्षेत्रों में जल संकट के स्थाई समाधान के प्रयास के तहत लगभग 15 हजार करोड़ रुपए की लागत की ‘हर घर नल’ योजना लागू की गयी है। बुन्देलखण्ड में योजना का क्रियान्वयन हो रहा है। विन्ध्य क्षेत्र के लिए प्रधानमंत्री द्वारा योजना का उद्घाटन किया गया है।
समिट को सम्बोधित करते हुए जल शक्ति मंत्री डा महेन्द्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण, वाॅटर रिचार्ज, किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए निरन्तर कार्य किया जा रहा है। वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल में अनेक बड़ी परियोजनाओं को पूरा किया गया है। इससे लगभग 3 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। अगले वर्ष 11 बड़ी परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है। राज्य सरकार द्वारा 5 वर्ष में लगभग 20 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित किए जाने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही नई जल नीति लागू की जाएगी। भू-जल मापन के लिए पीजो मीटर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा जल शक्ति मंत्रालय के गठन के पश्चात मुख्यमंत्री जी द्वारा राज्य में जल शक्ति मंत्रालय गठित किया गया। उत्तर प्रदेश जल शक्ति मंत्रालय का गठन करने वाला पहला राज्य है।
समिट को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी ने कहा कि जल की स्वच्छता एवं उपलब्धता के लिए जन जागरूकता जरूरी है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सूचना एवं एमएसएमई नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज  मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव सूचना एवं मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, सूचना निदेशक  शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 
 
   
 
 
 
                               
 
»
Home  
»
About Us  
»
Matermony  
»
Tour & Travels  
»
Contact Us  
 
»
News & Current Affairs  
»
Career  
»
Arts Gallery  
»
Books  
»
Feedback  
 
»
Sports  
»
Find Job  
»
Astrology  
»
Shopping  
»
News Letter  
© up-webnews | Best viewed in 1024*768 pixel resolution with IE 6.0 or above. | Disclaimer | Powered by : omni-NET