|
Home>News |
|
........जब हमे डेढ़ घंटे में ही अबे से मान्यवर हो गए |
|
सत्ता बचाने के लिए इन्दिरा गांधी ने लगाया था आपातकालः हृदयनारायण दीक्षित |
|
आपातकाल के 45 साल पूरे होने की पूर्व संध्या पर सुनाए संस्मरण |
|
उत्तर प्रदेश समाचार सेवा |
|
Tags: Congress, Ex PM Mrs Indira Gandhi, Emergency in India, 45 years, HN Dishit |
|
Publised on : 2020:06:24 Time 21:47 Last
Update on : 2020:06:24 Time 21:47 |
|
लखनऊ, 24 जून 2020। (उप्रससे)।
पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी द्वारा अपनी सत्ता को बचाने के लिए संविधान का दुरुपयोग करके आपातकाल लगाया गया था। यह उद्गार विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने ने व्यक्त किये। श्री दीक्षित आपातकाल लगाये जाने के 45 साल पूरे होने के अवसर पर उद्गार व्यक्त कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि श्रीमती गांधी को आपातकाल लगाने की प्रेरणा हिटलर द्वारा 1933 में जर्मनी में लगायी गई इमरजेंसी से प्राप्त हुई थी। भारत में लगाये गये आपातकाल के समय विचार स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया था। प्रेस और पत्रकारों का उत्पीड़न हुआ था। समूचे देश में पुलिस राज था। हजारों लोग जेल में
डाल दिये गये। पुलिस ने बहुत लोगों का अंग-भंग कर दिया। तानाशाही का नंगा नाच लगभग पौने दो साल रहा।
श्री दीक्षित जी ने अपने रोचक अनुभव साझा करते हुये कहा कि वह पूरे आपातकाल उन्नाव जेल में रहे। उन्होंने अपना अनुभव सुनाते हुये कहा कि इसी अवधि में लोकसभा के चुनाव हुए। चुनाव नतीजे आकाशवाणी पर सुनने के लिए उनके पास एक छोटा ट्रांजिस्टर था। रात के तीन बजे जेलर आया उसने उन्हें बहुत डांटा, अपशब्द
कहे। साढ़े पांच बजे प्रधानमंत्री श्रीमती गांधी ने इस्तीफा दिया। सुबह साढ़े बजे जेलर फिर आय, उसने कहा कि सबको बधाई हो । आपकी सरकार बनने जा रही है। मैं डेढ़ घण्टे के भीतर ही अबे से मान्यवर हो गया था। हमने आपातकाल का पूरा नंगा नाच देखा। आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय है। संविधान की
अवमानना हुई थी। |
|
News Source UP Samachar Sewa, Photo by Sushil Sahay |
|
Summary: उत्तर प्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा आपातकाल लोकतंत्र का काला अध्याय है |
|
News & Article:
Comments on this
upsamacharsewa@gmail.com
|