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चाट खाने और खिलाने के शौकीन थे लाल जी टंडन 'बाबू जी' |
Tags: Lucknow, BJP Leader Lal ji Tandon, MP Governer, ex MP , EX Minsiter UP |
Publised on : 2020:07:21 Time 13:18 Last
Update on : 2020:07:21 Time 13:18 |
श्रीधर अग्निहोत्री
लखनऊ , 21 जुलाई, 2020 (उप्रससे) मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टडन की यूपी में भाजपा सरकार बसपा सरकार बनवाने में विशेष भूमिका थी। उनके ही प्रयास से मायावती और भाजपा
के बीच गठबन्धन तय हुआ था। उदारवादी विचारधाारा के धनी राजनेता लालजी टडन के हर दल से अच्छे संबन्ध रहते थें। चाहे वह समाजवादी पार्टी हो बसपा हो अथवा कांग्रेस हो। हर दल के नेता का उनके आवास पर आना जाना लगा रहता था।
प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने लालजी टंडन को राखी बांधी थी। वह राखी आम रखी नहीं थी। मायावती ने टंडन को चांदी की राखी बांधी थी। टंडन जी चाट खाने और खिलाने के बेहद शौकीन थें। अक्सर अपने घर पर वह पत्रकारों और नेताओं को चाट की दावत दिया करते थें। इसके साथ ही हर साल होली पर वह
एक बडा आयोजन किया करते थें जिसमें पूरे लखनऊ के लोग एकत्र होते थे चाहे वह किसी भी समुदाय का हो किसी भी दल का हो। हर व्यक्ति के मन में लालजी टंडन के प्रति गहरा प्रेम था।
राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ से जुड़ने के दौरान ही लालजी टंडन की मुलाकात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से हुई। धीरे-धीरे वह अटलजी के बहुत करीब आ गए। लालजी टंडन खुद कहते थे कि अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति में उनके साथी, भाई और पिता तीनों की भूमिका निभाई। पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी
वाजपेयी का तो लालजी टंडन के प्रति अगाध प्रेम था। वह जब भी लखनऊ आते थें तो प्रोटोकाल तोडकर मुख्यमंत्री आवास पर भोजन न करके उनके चैक स्थित आवास पर भोजन किया करते थें। 2004 में जब कल्याण सिहं भाजपा में वापस लौटे तो उनकी मुलाकात लालजी टण्डन के आवास पर ही अटल जी से हुई थी।
लालजी टंडन ने अपना राजनीतिक करियर 1960 से शुरू किया। वह दो बार सभासद चुने गए। दो बार विधान परिषद के सदस्य बने। वह इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन से जुड़े और यहीं से उनके राजनीतिक सफर को उड़ान मिली।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले टंडन प्रदेश की भाजपा सरकारों में कई बार मंत्री भी रहे हैं। और अटल बिहारी वाजपेयी के सहयोगी के रूप में जाने जाते रहे। इन्होंने वाजपेयी के चुनाव क्षेत्र लखनऊ की कमान संभाली थी और अटल विहारी वाजपेयी के निधन बाद लखनऊ से ही 15वीं
लोकसभा के लिए भी चुने गए।
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नहीं रहे वरिष्ठ भाजपा नेता लालजी टंडन |
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