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स्वतंत्रता दिवस पर की नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा
  1. - एक सौ दस लाख दस हजार करोड़ रुपये के नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर कार्य
    - एक हजार दिन में सभी छह लाख गांवों तक आप्टीकल फाइबर नेटवर्क पहुंचाने का लक्ष्य
    - आतंवाद और विस्तारवादी नीति वाले देशों को चेतावनी
    - सीमावर्ती और समुद्रतटीय 173 जिलों में एक लाख एनसीसी कैडेट तैयार किये जाएंगे
    - लाल किले से राम मन्दिर निर्माण आरंभ होने की चर्चा

Tags: New Delhi Independance Day, PM Narendra Modi
Publised on : 2020:08:15       Time 09:32    Last  Update on  : 2020:08:15       Time 09:32

स्वतंत्रता दिवस पर की नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा

नई दिल्ली, 15 अगस्त 2020 ( उत्तर प्रदेश समाचा सेवा )। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर देश के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा की है। इसके अंतर्गत देश के प्रत्येक नारिक को डिजिट हेल्त आईडी प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने देश के सभी छह लाख से अधिक गांवों में एक हजार दिन में आप्टीकल फाइबर नेटवर्क पहुंचाने के लक्ष्य की भी घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद और विस्तारवादी नीति अपनाने वाले पड़ोसी देशों को बगैर नाम लिये चेतावनी दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नेशनल कैडेट कोर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 173 जिलों में एक लाख कैडेट तैयार करने की भी योजना की घोषणा की। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्रचीर से एक घंटा 31 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का दो साल का महासंकल्प लेने का भी आह्वान किया। उन्होंने लाल किले से राष्ट्र के संदेश में अयोध्या का भी जिक्र किया तथा राम मन्दिर निर्माण आरंभ होने की चर्चा की। इसके शांति पूर्ण ढंग से संपन्न होने पर प्रसन्नता भी व्यक्त की।
74वें स्वतंत्रता दिवस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उद्बोधन में आज देश की जनता के आत्मविश्वास, संकल्प और ऊर्जा शक्ति की को प्रबल बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। कोरोना काल में भारत ने जिस तरह इस आपदा का सामना किया, जनता ने संघर्ष किया और दृढ़ता का परिचय दिया उसकी प्रधानमंत्री मोदी ने भूरि-भूरि प्रशंसा की।
नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन
प्रधानमंत्री ने आज सबसे अहम घोषणा स्वास्थ्य क्षेत्र में की। उन्होंने देश की जनता के लिए एक ऐसे डिजिटल कार्ड को जारी करने की योजना की घोषणा की जिसमें प्रत्येक नाररिक का स्वास्थ्य विवरण दर्ज होगा। इस कार्ड में नागरिक का स्वास्थ्य विवरण, रोगों के साथ-साथ दवाओं की जानकारी, जांचों का विवरण दर्ज होगा। यह हेल्थ आईडी होगी। इसके अलावा उन्होंने कोरोना काल में देश के हेल्थ वेलनेश सेंटर के योगदान और एमबीबीएस की सीटें ब़ढ़ाने की भी जानकारी दी। श्री मोदी ने कहा कि जब देश में कोरोना आया तो एक टेस्टिंग लैब थी, आज 1400 से अधिक लैब काम कर रही हैं। तब एक दिन में मात्र 300 टेस्ट करने की क्षमता थी, आज हम एक दिन में सात लाख से अधिक टेस्ट कर पा रहे हैं।
वैक्सीन के उत्पादन और वितरण की व्यवस्था पूर्ण
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश वैक्सीन का इंतजार कर रहा है। इसके निर्माण में हमारे वैज्ञानिक दिन रात जी जान से जुटे हैं। एक नहीं तीन-तीन वैक्सीन पर एक साथ काम हो रहा है। निर्धारित समय पर जब वैज्ञानिक और विशेषज्ञ अनुमति देंगे तब इसे जारी किया जाएगा। इसके उत्पादन और वितरण के लिए हमने पूरी व्यवस्था कर ली है। जैसे ही वैक्सीन आएगी तेजी से इसका वितरण किया जाएगा।
जम्मू कश्मीर को धारा 370 से आजादी
श्री मोदी ने इस मौके पर धारा 370 हटाए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाए हुए एक साल पूरा हो गया है। वहां विकास की गति तेज हो गई है। विकास की नई यात्रा शुरु हुई है। धारा 370 का हटना एक महत्वपूर्ण पड़ाव था। लद्दाख में राष्ट्रपति शासन की मांग बहुत पुरानी थी। इसे पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की सच्ची ताकत चुनी हुई इकाइयों में है। जम्मू कश्मीर में डी लिमिटेशन का काम चल रहा है, यह जैसे ही पूरा होगा, चुनाव होंगे। इसके लिए देश प्रतिबद्ध है।
दुनिया ने देखा क्या कर सकता है भारत
प्रधानमंत्री ने अपने पड़ोसियों को भी परोक्ष रूप से चेतावनी दी। सीमा सुरक्षा की बात करते हुए श्री मोदी ने कहा कि दुनिया लद्दाख में देख चुकी है कि भारत क्या कर सकता है। उन वीरों को नमन जिन्होंने लद्दाख में शौर्य का परिचय दिया। श्री मोदी ने कहा कि भारत जोश से बढ़ा है, अपनी सामर्थ्य से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमने आतंकवाद और विस्तारवाद का डटकर मुकाबला किया है।
एक हजार दिन में छह लाख गांवों तक पहुंचेगा आप्टीकल फाइबर नेटवर्क
प्रधानमंत्री मोदी ने गांवों के विकास की चर्चा करते हुए इंटरनेट कनेक्टीविटी सुधारने तथा उसे गांव-गांव तक पहुंचाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पांच साल पहले मात्र पांच दर्जन ग्राम पंचायतों तक ही आप्टीकल फाइबर की पहुंच थी। यह आज डेढ़ लाख गांव में कनेक्टीविटी है। इसे देश के सभी छह लाख से अधिक गांवों तक पहुंचाने के लिए एक हजार दिन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अवधि में यह काम पूरा कर लिया जाना है।
कोरोना योद्धाओं को नमन
प्रधानमंत्री मोदी ने लालकिले से अपने भाषण की शुरुआत सात बजकर 34 मिनट पर की। उन्होंने आरंभ में ही कोरोना काल की चर्चा की तथा कोरोना के खिलाफ लड़ रहे योद्धाओं के योगदान का स्मरण किया और उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि देश विशिष्ट परिस्थिति से गुजर रहा है। कोरोना ने विकास का रास्ता रोकने की कोशिश की है। किन्तु हमारे कोरोना योद्धाओं ने ‘सेवा परमोधर्मः ’ को चरितार्थ करते हुए इसे जीकर दिखाया है। इस कालखंड में अनेक लोग प्रभावित हुए, तमाम परिवार प्रभावित हुए, व्यक्ति प्रभावित हुए। कई लोगों ने जान भी गंवाई। “मैं उन सभी के प्रति संवेदनशीलता प्रकट करता हूं”। उन्होंने कहा, हम अनेक संकटों से गुजर रहे हैं। कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं भी आयी हैं। इन सबसे देश की 130 करोड़ लोगों की संकल्पशक्ति ही विजय दिलाएगी। यह संकल्पों की ऊर्जा का भी अवसर है। नई प्रेरणा लेकर आया है। नई उमंग लेकर आया है।
महापर्व का संकल्प
श्री मोदी ने कहा कि हम जब अगला स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे तब आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होंगे। इसलिए दो साल बाद हम संकल्प का महापर्व मनाएंगे। हमारे पूवर्जों ने आजादी के लिए स्वयं को न्यौछावर किया। गुलामी के काल में कोई पल, कोई क्षण ऐसा नहीं था जब संघर्ष न हुआ हो, त्याग न हुआ हो। उन बलिदानी वीरों को नमन है। आजादी की जंग में एक ओर सशस्त्र क्रान्ति दूसरी ओर जन आंदोलन साथ-साथ चले।
पीएम ने कहा कि आजादी की लड़ाई के दौरान भारत की आत्मा को कुचलने के भी अनेक प्रयास हुए। साम-दाम सब कुछ हुआ, किन्तु आजादी की ललक ने उनके सभी मंसूबों को ध्वस्त कर दिया। वे मानते थे कि यह विविधताओं का देश है आजादी की लड़ाई नहीं लड़सकता है। किन्तु अपनी अन्तर्निहित शक्ति से भारत खड़ा हुआ और स्ववत्रंता प्राप्त की। उन्होंने विस्तारवाद की ललक में दुनिया को दो-दो विश्व युद्धों में धकेल दिया। लेकिन, भारतीयों ने आजादी की ललक और प्रेरणा में न कमी आने दी, न नमी आने दी। इतना ही नहीं भारत ने दुनिया में आजादी का माहौल बना दिया। भारत आजादी की लड़ाई की एक मिसाल बन गया।
आत्मनिर्भर भारत का संकल्प
श्री मोदी ने आत्मनिर्भर भारत को एक सपना बताते हुए कहा कि यह संकल्प है, यह अब मंत्र बन गया है। उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि 20-21 वर्ष की आयु में परिवार भी युवाओं को अपने पैरों पर खड़े होने को कहता है। हम तो अब 75 वर्ष की ओर बढ़ रहे हैं। इसलिए जो परिवार के लिए जरूरी है वही देश के लिए भी जरूरी है। हमें अपनी सामर्थ्य पर भरोसा है, सोच पर भरोसा है, एप्रोच पर भरोसा है। इसलिए हमें विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भरता को चरितार्थ करेगा। श्री मोदी ने कहा कि भारत ठान लेता है तो करके दिखाता है। इसलिए दुनिया को भारत से अपेक्षा भी है। इसे हमें योग्य बनाना व आत्मनिर्भरता के लिए तैयार करना आवश्यक है। आत्म विश्वास से भरे भारत की पहली शर्त आत्मनिर्भरता ही है।
श्री मोदी ने कहा कि हमने ‘बसुधैव कुटुम्बकम्’ और ‘जय जगत’ के संदेश दिये हैं। इसलिए हमारा विचार संस्कार से युक्त है। मानव और मानवता का कल्याण चिंतन के केन्द्र में हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया इंटरकनेक्ट हो रही है।इसलिए हमारा दुनिया में योगदान बढ़ना चाहिए। इसके लिए स्वयं को भी सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना होगा। खुद को सामर्थ्यवान बनाना होगा। तब हम दुनिया के कल्याण की दिशा में कदम उठा सकेंगे।
श्री मोदी ने कहा कि हमारे पास प्राकृतिक संपदा का प्रचुर भंडार है, मानव संपदा है। हम कब तक कच्चा माल बाहर भेजकर सामान मंगाते रहेंगे। यह खेल कब तक चलेगा। हमें अपने यहां उत्पादन करना होगा, बैल्यू एडिशन करना होगा।
एक समय देश बाहर से गेहूं मगाता था। आज हम आत्मनिर्भर हैं और अन्य देशों को भी गेहूं भेजते हैं।
आत्मनिर्भर भारत की चुनौतियां
श्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के बारे में आशंकाएं भी कम नहीं हैं। यह बात सही है कि इसके सामने अनेक चुनौतियां हैं। लेकिन, करोडों समाधान देने की शक्ति भी है, जो समाधान देगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के आने से पहले देश में एन-95 मास्क नहीं बनता था, अब बनने लगा है। पीपीई किट नहीं बनती थी, अब बनने लगी। इसलिए 75 वें वर्ष में ‘वोकल फार लोकल’ एक मंत्र बन जाना चाहिए। कौन सोचता था कि इतने जनधन खातें खुल जाएंगे, कौन सोचता था कि कृषि में एपीएमसी एक्ट खत्म हो जाएगा। कौन सोचता था कि आवश्यक वस्तु अधिनियम खत्म हो जाएगा। एक देश एक राशन कार्ड योजना लागू हो जाएगी। कौन सोचता था कि बैंकों मर्जर हो जाएगा। इन सुधारों को दुनिया बारीकी से देख रही है। देश की एफडीआई में रिकार्ड वृद्धि हुआ है। यह 18 प्रतिशत तक बढ़ी है। कोरोना काल में दुनिया की कई बड़ी कंपनिया भारत का रुख कर रही हैं। यूं ही नहीं भारत पर विश्वास बढ़ रहा है। अब हमें मेक इन इण्डिया के साथ-साथ मेक फार वर्ड ले लिये आगे बढ़ना है।
कोरोना काल में अनेक आपदाएं भी आयी हैं। बाढ़, भू स्खलन, बिजली गिरना, भूकंप जैसी अनेक मुसीबतें सामने आयी हैं। लेकिन, देश ने आत्म विश्वास नहीं खोया। अब हमारी पहली प्राथमिकता देश को कोरोना काल के प्रभाव से बाहर निकालना है।
आत्मनिर्भर भारत का आधार, आत्मनिर्भर कृषि
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आत्निर्भर भारत का आधार आत्मनिर्भर कृषि और आत्निर्भर किसान है। उन्होने कहा कि हमने किसान और कृषि को बंधनों से मुक्त कर दिया है। अब किसान अपनी मर्जी से फसल को कहीं भी बेच सकता है। पहले अपनी मर्जी से कहीं भी नहीं बेच सकता था। एक दायरा था, अब वह दायरा खत्म कर दिया गया है। किसान की आय में वृद्धि के भी प्रयास किये जा रहे हैं। इंपुट कास्ट कम की जा रही है। हमारा प्रयास है कि कृषि क्षेत्र आधुनिक बने। किसानों की उपज में मूल्य वृद्धि हो।
श्री मोदी ने बताया कि कोरोना काल में खेती के लिए एक लाख करोड़ का इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जारी किया गया। ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग और छोटे व्यापार को बढ़ावा दिया जा रहा है। कृषि क्षेत्र में बनने वाले एफपीओ ( किसान उत्पादक संगठन) आर्थिक सशक्तिकरण का आधार बनेंगे। उन्होंने जल जीवन मिशन के एक साल पूरे होने पर इसकी चर्चा की।
उन्होने कहा कि आज मूल्य वृद्धि और कृषि क्षेत्र में बदलाव समय की आवश्यकता हैं। अब कृषि क्षेत्र को कानूनों के बंधनों से मुक्त कर दिया गया है।
110 लाख करोड़ का नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विकास की चर्चा करते हुए कहा कि देश में 110 लाख करोड़ रुपये का नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर फंड व्यय किया जाएगा। इसके लिए सात हजार प्रोजेक्ट की पहचान कर ली गई है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा आरंभ की गई महत्वाकांक्षी योजना स्वर्णिम चतुर्भुज की भी श्री मोदी ने चर्चा की। कहा कि देश इस योजना की ओर देख रहा है, इसे भी आगे बढ़ाना है। उन्होने कहा कि सारा इंफ्रास्ट्क्चर कांप्रेहेंसिब होगा। मल्टीमाडल इंफ्रास्ट्कचर बनाया जाएगा। इसके लिए बड़ा अभियान चलेगा। समुद्री तट पर चार लेन की सड़के बनाई जाएंगी। उन्होंने गत छह वर्षों में देश के लिए किये गए विकास कार्यों की चर्चा की तथा उपलब्धियां भी गिनाईं।
एनसीसी का विस्तार
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने एनसीसी का विस्तार करने की योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती और समुद्र तटीय 173 जिलों को चिन्हित करके उनमें एनसीसी कैडेट की भर्ती का जाएगी। एक लाख एनसीसी कैडेट भर्ती होंगे। इन्हें सेना, नौ सेना तथा वायु सेना द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें एक तिहाई महिलाएं होंगीं। इन्हें सेना के लिए ट्रेंड मैन पावर व स्किल्ड जवानों के रूप में तैयार किया जाएगा।
अयोध्या विवाद का शांतिपूर्ण समाधान
श्री मोदी ने मंच से अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण आरंभ होने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सदियों के विवाद का शांतिपूर्ण ढंग से अंत हो गया है। अभी दस दिन पहले ही वहां मन्दिर निर्माण का काम शुरु हो गया है। यह भारत की सभ्यता और संस्कृति की शक्ति का परिचायक है।

 
 
   
 
 
                               
 
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