नई
दिल्ली,
01 नवम्बर, 2019 ( उप्र समाचार सेवा ) ।
वीडियो कालिंग हैकिंग मामले में वाट्सएप कंपनी की भूमिका
संदिग्ध नजर आ रहा है। कारण फरवरी से जून मध्य हुई
हैकिंग की जानकारी को लम्बे समय तक कंपनी द्वारा अपने
उपभोक्ताओं और संबंधित देशों की सरकारों से छिपाये रखना
है।
ज्ञातव्य है कि जब एक खतरनाक स्पाईवेयर
वायरस उसके वाट्सएप के मैसेजिंग सिस्टम में लो़ड किया जा
रहा था, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि संचालक कंपनी के
साफ्टवेयर कंट्रोलर को इसका पता ही नहीं लगा हो। साथ ही
कुछ शिकायतें मार्च महीने से ही मिलने लगी थीं तो फिर
कंपनी ने इस और से अपनी आंखें क्यों मूंदे रखीं। सूत्रों
के अनुसार वाट्सएप कंपनी और भारत सरकार के प्रतिनिधियों
के बीच जून से लेकर अभी तक कई बार मीटिंग हुई है।लेकिन
एक बार भी कपनी ने सरकार के इस बात को साझा नहीं किया।
इससे वाट्सएप की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है। अगर इस
मामले में जांचके बाद वाट्सएप की भूमिका संदिग्ध नजर आती
है तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की संभावना है। इससे
वाट्सएप के कारोबार पर बड़ा असर होगा। क्योकि दुनिया भर
के कुल प्रयोगकर्ताओं में से भारत मे सबसे ज्यादा 40
करोड़ लोग वाट्सएप का प्रयोग करते हैं। इसलिए कंपनी के
सामने इस्राइल की कंपनी एनएसओ ने बड़ा संकट खड़ा कर दिया
है।