पीटीआई-भाषा
संवाददाता
नयी दिल्ली, 12 जून :भाषा:
संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व
वाली राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् :एनएसी:
की, भूमि अधिग्रहण और राहत एवं पुनर्वास
के लिए एक ही विधेयक होने संबंधी
सिफारिश ग्रामीण विकास मंत्रालय को पसंद
नहीं आई है।
सरकार संसद के मानसून सत्र में इन दोनों
विषयों के लिए अलग-अलग विधेयक लाना चाहती
है।मंत्रालय ने विधेयक का मसौदा लगभग
तैयार कर लिया है और जल्द ही जांच के
लिए इसे कानून मंत्रालय के पास भेजा
जाएगा।विधेयक को अंतिम रूप बृहस्पतिवार
को मंत्रालय की आंतरिक बैठक में दिया गया
जिसमें ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव
देशमुख भी उपस्थित थे। इस दौरान देशमुख
ने विधेयक के प्रावधानों के बारे में
भूमि संसाधन विभाग के सचिव और निदेशक के
साथ विचार-विमर्श किया।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भूमि
अधिग्रहण के लिए अलग और राहत तथा
पुनर्वास के लिए अलग विधेयक होगा।
इससे पहले एनएसी ने भूमि अधिग्रहण और
राहत एवं पुनर्वास के लिए एक ही व्यापक
कानून ‘राष्ट्रीय विकास, भूमि अधिग्रहण
और पुनर्वास कानून’ बनाने की सिफारिश की
थी।
एनएसी के सुझाव के बारे में सूत्रों ने
कहा कि हालांकि एनएसी के सुझाव
आपत्तिजनक नहीं हैं लेकिन इन पर अमल करने
के लिए थोड़ा ही वक्त बचा है।