नई दिल्ली। शीर्ष पद पर बने
रहने के लिए विश्व हिन्दू परिषद् के दो नेताओं की
महत्वाकांक्षा ने संगठन की प्रतिष्ठा को दांव पर लगा
दिया है। इन नेताओं के शीर्ष पदों को त्यागने से
इनकार पर विश्व हिन्दू परिषद् के 54 वर्ष के इतिहास
में पहली बार चुनाव की नौबत आ गई है। इसके लिए
बाकायदा गुरुग्राम में न्यासियों की बैठक बुलाई गई
है। चुनाव 13 और 14 अप्रैल को होने वाली इस बैठक में
होगा। चुनाव के पूर्व सरगर्मियां बढ गई हैं। चुनाव
की कवायद में संगठन दो गुटों में बंट गया है। एक ओर
संगठन और दूसरी ओर अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष राघव
रेड्डी और कार्यकारी अध्यक्ष डा. प्रवीण तोगड़िया के
समर्थक हैं। डा. तोगडिया ने गुरुवार को ट्वीट करके
संघर्ष का ऐलान कर दिया है। दूसरी ओर विहिप के अन्य
पदाधिकारी और संगठनकर्ता इस बात पर अड़े हैं कि
रेड्डी और तोगड़िया को दूसरा कार्यकाल नहीं दिया
जाएगा। ये लोग
नया अन्तरराष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व राज्यपाल जस्टिस
वीएस कोकजे को बनाना चाहते हैं। कोकजे अभी तक विहिप
के अन्तरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं।