रुद्रप्रयाग।
11वें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के
कपाट रविवार को आम श्रद्धालुओं के लिए
सुबह छह बजे खोल दिए जाएंगे। भगवान
केदारनाथ की उत्सव डोली केदारनाथ पहुंची
गई है। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 16/17 जून
को आई भयंकर आपदा से भारी तबाही हुई थी।
आपदा से यहां सबकुछ तहस नहस हो गया था।
आपदा के बाद रविवार को केदारनाथ धाम के
कपाट खोले जा रहे हैं।
भगवान केदारनाथ की उत्सव डोली ने गत
शुक्रवार को गौरीकुंड में विश्राम किया।
शनिवार सुबह मंदिर के पुजारियों एवं
वेदपाठियों ने भगवान केदारनाथ की पंचमुखी
उत्सव डोली की पूजा अर्चना की। इसके
पश्चात भगवान केदार की डोली ने
ग्रीष्मकालीन निवास स्थान केदारनाथ की ओर
प्रस्थान किया। इस दौरान उत्सव डोली
जंगलचट्टी, रामबाडा, लिनचोली आदि स्थानों
से होते हुए शाम को केदारनाथ पहुंची।
रविवार सुबह छह बजे मेष लग्न पर केदारनाथ
मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए
जाएंगे।
केदारघाटी के लोगों में उम्मीद की किरण जगी
रुद्रप्रयाग। भगवान केदारनाथ की यात्रा
शुरू करने की तैयारियों के साथ ही
केदारघाटी के लोगों में उम्मीद की किरण जगी
है। आपदा में अपनों को गंवा चुके लोग इस
बार भी भोलेनाथ के सहारे मिलने वाले
रोजगार को लेकर उत्साहित हैं। लोगों को
उम्मीद है कि यात्रा मार्गो पर कुछ न कुछ
काम जरूर मिलेगा।
रविवार को भगवान केदारनाथ के कपाट आम
श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
उम्मीद है कि कपाट खुलने से देश-विदेश से
भारी संख्या लोग में भगवान केदारनाथ के
दर्शन को आएंगे। आपदा के बाद शुरू हो रही
केदारनाथ यात्रा केदारघाटी के वाशिंदों
में नई उम्मीद जगा रही है। धार्मिक,
पर्यटन व सद्भाव की इस यात्रा में
केदारघाटी समेत अन्य हिस्सों से भी लोग
रोजगार को आते हैं। यात्रा मार्गो पर चाय
की दुकान से लेकर बड़ा व्यवसाय कर लोग
कमाई करते हैं। केदारघाटी के लोगों की आय
का मुख्य जरिया केदारनाथ यात्रा व पर्यटन
ही है। सरकार ने इस बार केदारनाथ में
प्रतिदिन एक हजार यात्रियों को यात्रा
कराने का फैसला लिया है। विभिन्न पड़ावों
पर यात्रियों के खानपान की व्यवस्था भी की
है। वाहन सोनप्रयाग तक ही जा सकेंगे। इसके
बाद भी स्थानीय लोग रोजगार की तलाश में
जुटे हुए हैं। लोगों को उम्मीद है कि उनका
व्यवसाय चलेगा। वहीं, यात्रा शुरू होने को
लेकर घोड़ा-खच्चर के साथ ही विभिन्न स्थानों
पर दुकान, लॉज संचालन करने वाले लोगों की
चहल-पहल भी बढ़ गई है। गौरतलब है कि गत
वर्ष 16/17 जून को केदारनाथ में भयंकर
त्रासदी कभी न भुलाने वाली घटना थी।
त्रासदी ने केदारनाथ से लेकर तिलवाड़ा तक
कहर बरपाया था। सबकुछ गंवाने के बाद लोगों
के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया। अब फिर
से केदारनाथ यात्रा शुरू होने से लोग कुछ
राहत जरूर महसूस कर रहे हैं।
हालांकि जीएमवीएन व मंदिर समिति यात्रियों
के लिए खाने की व्यवस्था करेंगे, लेकिन
यात्रा पड़ावों पर स्थानीय लोगों को कुछ न
कुछ काम जरूर मिलेगा। व्यापारी गणेश सिंह
का कहना है कि यात्रा शुरू होने से लोगों
में उत्साह है। लोग आज भी आपदा का दंश झेल
रहे है। यात्रा शुरू होने से केदारघाटी के
लोगों में रोजगार को लेकर उम्मीद जगी है।
व्यापारी रमेश कुमार केदारनाथ यात्रा शुरू
हो गई है। यहां के लोगों का मुख्य व्यवसाय
इस यात्रा पर निर्भर करता है। लोग इसी से
अपनी आजीविका चलाते हैं। कपाट खुलने से
लोगों को कुछ तो रोजगार मिलेगा। |