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हरीश रावत बनाम मोदी बन गया उत्तराखण्ड में चुनाव
भूपत सिंह बिष्ट
Tags: Uttarakhand Election
Publised on : Last Updated on: 13 February 2017, Time 20:59

देहरादून, (उ.प्र.समाचार सेवा)। । उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 में प्रचार के अंतिम दिन भाजपा और कांग्रेस के बीच फाइनल तय है। भाजपा को इस बार हरीश रावत से टक्कर लेने के लिए विवश होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तारनहार बनाना पड़ा है और हरीश रावत चौथी बार रणक्षेत्र में हैं। उधर कांग्रेस ने पूरा चुनावी युद्ध हरीश रावत के कंधे पर लड़ा है। प्रशांत किशोर की यही बड़ी रणनीति है कि हर छोटे —बड़े राज्य में भाजपा अपने प्रमुख योद्धा मोदी पर ही आश्रित बनी रहे और भाजपा की हार तब मोदी की फीकी चमक के रूप में गिनाना आसान हो जाये।
उत्तराखंड चुनाव में मोदी फैक्टर हटा दें तो चार मुख्यमंत्री और दर्जन दलबदलुओं से सज्जित भाजपा हरीश रावत के आगे लाचार नजर आती है। हरीश रावत ने भाजपा की बड़ी रैलियों, चकाचौंध मीडिया प्रचार, केंद्रीय मंत्रियों की फौज और आरोपों के बीच डट कर मुकाबला किया है। किताबी चुनाव विश्लेषण में भाजपा को तीस से अधिक सीटों पर कांग्रेस को सीधे रोकना है। कांग्रेस के लिए यह चुनौती बीस स्थानों पर है और शेष सीटों पर बसपा, यूकेडी, निर्दलीय या बागी प्रत्याशिओं ने भाजपा और कांग्रेस की नींद हराम कर दी है।
कुछ पत्रकार फिर से खंडित जनादेश का संशय पाले हुए हैं। भाजपा — कांग्रेस के निगेटिव प्रचार ने वोटर को भ्रमित किया है और हर सीट पर स्थानिक मुद्दे विकास पर भारी लग रहे हैं। विधायकों का बड़ी संख्या में दल बदल भाजपा के लिए नकारात्मक बन रहा है। चौथी विधानसभा के इस चुनाव में भाजपा पर सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस में लालच और भय से दल बदल के आरोप हैं। भाजपा ने इन दागी और बागी कांग्रेस विधायकों को अपना टिकट , झंडा, कैडर और संसाधन देकर भाजपा में बगावत को निमंत्रण दे दिया।
भाजपा को आज अपने नेता और पूर्व विधायक सुदूर गंगोत्री में सूरत राम नोटियाल, बद्रीनाथ में विनोद फोनिया, केदारनाथ में आशा नोटियाल, श्रीनगर में मोहन काला, देव प्रयाग में दिवाकर भट्ट, ऋषिकेश में संदीप गुप्ता, नरेंद्रनगर में ओम गोपाल रावत, रूड़की में सुरेश जैन और रानीखेत में प्रमोद नैनवाल खुली चुनौती दे रहे हैं।
भाजपा को 34 सीट अधिकतम 2007 में मिली जब कांग्रेस 21 और बसपा को 8 सीट हासिल हुई। बसपा, यूकेडी और निर्दलीय हर चुनाव में सफल रहे हैं। कर्ण प्रयाग सीट पर बसपा प्रत्याशी कुलदीप कनवासी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने से इस सीट पर चुनाव स्थगित हो गया है।

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News source: UP Samachar Sewa

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